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Haryana: प्राइवेट नौकरियों में हरियाणवी युवाओं को मिलेगा आरक्षण!, मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर पहुंची हरियाणा सरकार

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की रोक के बाद हरियाणा सरकार ने प्राइवेट नौकरी में 75 फीसदी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है। हरियाणा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पैरवी करेंगे। ये सुनवाई छह फरवरी को संभव है। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट की आपत्तियों का जवाब देने की तैयारी की है।

By Anurag Aggarwa Edited By: Deepak Saxena Updated: Sun, 04 Feb 2024 07:05 PM (IST)
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प्राइवेट नौकरियों में हरियाणवी युवाओं को आरक्षण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के युवाओं को राज्य के उद्योगों की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने पर लगाई गई पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। प्रदेश सरकार ने कहा है कि राज्य के युवाओं का हक दिलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी की जाएगी। इसके लिए भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार की पैरवी करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में छह फरवरी को इस केस पर सुनवाई संभव है। हाई कोर्ट की तरफ से हरियाणा सरकार के उस कानून को रद्द कर दिया गया था, जिसमें प्रदेश के युवाओं को प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रविधान है। जननायक जनता पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में यह वादा था और भारतीय जनता पार्टी भी इससे सहमत है। इस चुनावी वादे के दम पर जेजेपी को विधानसभा में युवाओं के वोट मिले थे।

75 फीसदी आरक्षण कानून से राज्य और उद्योग का हित

दुष्यंत चौटाला ने रविवार को चंडीगढ़ में कहा कि प्राइवेट नौकरियों में 75% आरक्षण रोजगार कानून और राज्य व उद्योगों को हित में रखकर बनाया गया है। हमने हाईकोर्ट के फैसले का अध्धयन किया है। हाईकोर्ट की तरफ से जो भी आपत्तियां उठाई गई है, उन पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ बातचीत हुई है। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट में फैसला हरियाणा के हक में आएगा।

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हाईकोर्ट ने अपने 83 पृष्ठ के फैसले में हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार अधिनियम 2020 को असंविधानिक ठहराया हुआ है। हरियाणा सरकार की तरफ से 15 जनवरी 2022 को कानून लागू कर कहा गया था कि प्रदेश के लोगों को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाएगा। इसमें 30 हजार रुपये तक सेलरी देने वाली नौकरियां शामिल थी।

कानून से सभी उद्योगपति सहमत: दुष्यंत चौटाला

दुष्यंत चौटाला की तरफ से कहा गया कि इस कानून से सभी उद्योगपति सहमत हैं, क्योंकि प्रदेश के उद्योगों में स्थानीय कुशल युवाओं का होना जरूरी होता है। कानून बनाने के पीछे सरकार का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को रोजगार देना बताया गया, लेकिन बाद में सरकार के इस फैसले को फरीदाबाद और गुरुग्राम के उद्योगपतियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर सुनवाई करने के बाद हाई कोर्ट ने सरकार के कानून को रद्द कर दिया।

राज्य में चार साल के भीतर बढ़ा औद्योगिकीकरण: डिप्टी सीएम

दुष्यंत ने बताया कि राज्य में चार साल के भीतर औद्योगिकीकरण बढ़ा है। 39 हजार 700 करोड़ रुपये का उद्योगों में निवेश हुआ है। इसमें दो साल के कोरोना का कार्यकाल भी शामिल है। उद्योगों के लिए नौ एडीशनल पालिसी का लाभ मिला है।अकेले 15 हजार करोड़ का निवेश मारुति की ओर से आया है, जो खरखौदा में अपना प्लांट लगाने जा रही है। वहां हर साल 10 लाख गाड़ियां बनेंगी। जनवरी 2025 में पहला, जून 2026 व जनवरी 2027 में तीसरा चरण आरंभ हो जाएगा।

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