Move to Jagran APP

Haryana News: सजा काट चुके पूर्व विधायकों को पेंशन देने के मामले पर HC ने सुनवाई की रद्द, प्रतिवादी पक्ष से मांगा जवाब

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला सहित चार विधायकों को सजा के बाद भी पेंशन मिलने के मामले में एक याची ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई को कोर्ट ने रद्द कर दिया है। बता दें कि हरियाणा में 288 पूर्व विधायकों को पेंशन दी जा रही है। इस मामले में सभी प्रतिवादी पक्ष से जवाब मांगा गया है।

By Dayanand SharmaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sat, 11 Nov 2023 05:31 PM (IST)
Hero Image
सजा काट चुके पूर्व विधायकों को पेंशन देने के मामले पर HC ने सुनवाई की रद्द।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला सहित चार पूर्व विधायकों को कोर्ट द्वारा सजा सुनाने के बाद भी पेंशन दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सरकार के आग्रह पर सुनवाई स्थगित कर दी है। इस मामले में सभी प्रतिवादी पक्ष से जवाब मांगा गया है।

इस मामले में हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सतबीर सिंह कादियान, पूर्व विधायक अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी से पूछा हुआ है कि क्यों न उनकी पेंशन पर रोक लगा दी जाए? याची चंडीगढ़ निवासी हरी चंद अरोड़ा के मुताबिक उन्होंने विधानसभा सचिवालय से पूर्व विधायकों की पेंशन के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी।

अभी 288 पूर्व विधायकों को मिल रही पेंशन

सचिवालय की तरफ से बताया गया कि 288 पूर्व विधायकों को पेंशन दी जा रही है। इनमें ओमप्रकाश चौटाला को दो लाख 15 हजार 430 रुपये पेंशन मिल रही है। उनके पुत्र अजय चौटाला को 50 हजार 100 रुपये प्रति माह पेंशन मिल रही है और शेर सिंह बड़शामी को भी 50 हजार 100 रुपये प्रति माह पेंशन मिल रही है। ऐसे ही सतबीर सिंह कादियान को भी पेंशन दी जा रही है।

ये भी पढ़ें: Haryana News: सफाई और जोखिम से भरे कार्यों में अनुबंध पर लगे सभी कर्मचारियों का होगा बीमा, मिलेगी इतनी क्लेम राशि

सजा काट चुके नेताओं को पेंशन मिलना गैरकानूनी

याची का कहना है कि ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी को भ्रष्टाचार के आरोप में 16 दिसंबर 2013 को दस साल की सजा हो चुकी है। सतबीर कादियान को भी 26 अगस्त 2016 को सात साल की सजा हो चुकी है। इसलिए इन्हें पेंशन मिलना गैरकानूनी है। यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है।

याचिका खारिज होने के बाद ली हाई कोर्ट की शरण

अरोड़ा ने बहस के दौरान कहा कि हरियाणा विधान सभा की धारा 7-ए (1-ए) (वेतन, भत्ता और सदस्यों की पेंशन) अधिनियम, 1975 के तहत अगर किसी विधायक को कोर्ट सजा सुना दे तो वे पेंशन के अयोग्य हो जाते हैं। अरोड़ा ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने विधानसभा सचिव के सामने भी पेंशन रोकने के लिए याचिका दायर की थी।

लेकिन विधानसभा सचिव ने अपने फैसले में कहा कि ये पूर्व विधायक वेतन-भत्ते एवं पेंशन एक्ट के तहत पेंशन के हकदार हैं। इनकी सदस्यता न तो कभी दल बदल कानून के तहत रद की गई और न ही इन्हें कभी जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया। वहां से याचिका खारिज होने के बाद याची ने हाई कोर्ट की शरण ली।

ये भी पढ़ें: Jhajjar News: दिवाली को लेकर एंबुलेंस चालकों की छुट्टियां रद्द, 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेंगे स्वास्थ्य और अग्निशमन विभाग

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।