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रिश्वतखोरी के मामले में HCM अधिकारी मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत पर हाई कोर्ट का फैसला सुरक्षित

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में आरोपित एचसीएस अधिकारी मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। हाई कोर्ट ने पहले ही अंतरिम राहत के तौर पर दहिया की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। दहिया ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी।

By Dayanand Sharma Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 02 Sep 2024 05:53 PM (IST)
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मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत पर हाई कोर्ट का फैसला सुरक्षित।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में आरोपित एचसीएस अधिकारी मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। हाई कोर्ट ने पहले ही अंतरिम राहत के तौर पर दहिया की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। हाई कोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने दहिया की अग्रिम जमानत की मांग पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया।

दहिया ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी। हाई कोर्ट ने सुनवाई पर साफ कर दिया था कि अगर प्रतिवादी पक्ष की तरफ से कोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी नहीं दी गई तो वह याची को अंतरिम राहत का आदेश दे सकता है।

एक सुनवाई के दौरान सरकारी वकील के पेश नहीं होने के चलते कोर्ट ने दहिया को अंतरिम राहत का आदेश जारी किया था। रिश्वतखोरी के एक मामले में हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने एचसीएस अधिकारी मीनाक्षी दहिया के आवास पर दबिश दी थी। मामले में एसीबी की ओर से 29 मई को मत्स्य पालन विभाग की संयुक्त सचिव दहिया सहित तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए जाने के बाद उसी रात दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।

मीनाक्षी दहिया फरार चल रही हैं। विभागीय रिकार्ड के मुताबिक दहिया चाइल्ड केयर लीव पर हैं। आरोपों के अनुसार दहिया ने कथित तौर पर जिला मत्स्य अधिकारी राजन खोरा से वाट्सएप काल पर एक लाख रुपये की मांग की थी।

मत्स्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत दहिया ने खोरा के खिलाफ आरोप पत्र वापस लेने के आदेश जारी करने थे। खोरा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उस एक मामले में गलत तरीके से फंसाया गया और उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किया गया ताकि उनके कनिष्ठ को उप निदेशक के पद पर पदोन्नत किया जा सके।

जांच अधिकारी ने उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) ने उनके खिलाफ आरोप पत्र वापस लेने के लिए फाइल आगे बढ़ाई। इसके अलावा, प्रभारी मंत्री ने भी निष्कर्षों से सहमति व्यक्त की और एसीएस को आरोप पत्र वापस लेने का निर्देश दिया। दहिया ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकारा है।

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