Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Haryana: गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर कार्रवाई न करने पर HC सख्त, रिपोर्ट न देने पर सरकार पर लगेगा जुर्माना

गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार पर सख्ती दिखाई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि अगली सुनवाई पर कार्रवाई रिपोर्ट नहीं दी तो राज्य सरकार पर जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने 26 फरवरी तक का समय हरियाणा सरकार (Haryana Government) को दिया है।

By Dayanand Sharma Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 07 Feb 2024 05:00 PM (IST)
Hero Image
गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर कार्रवाई न करने पर HC सख्त (फाइल फोटो)।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य में बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूलों पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई न करने पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने सरकार को 26 फरवरी तक का समय देते हुए इस मामले में स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया है।

कार्यवाहक चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लुपिता बनर्जी पर आधारित डिवीजन बेंच ने साफ कर दिया कि अगर अगली सुनवाई पर जवाब दायर नहीं किया गया तो राज्य को 20 हजार रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ेगा। 2017 में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन सहित व अन्य ने प्रदेश भर में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त यानी फर्जी निजी स्कूलों को बंद कराए जाने संबंधी मामले को लेकर हाई कोर्ट दरवाजा खटखटाया था।

फरीदाबाद में ही 550 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त स्कूल

इस विषय पर फरीदाबाद के मनोज कुमार जायसवाल ने हाई कोर्ट को बताया था कि अकेले फरीदाबाद में 550 से अधिक स्कूल गैर-मान्यता प्राप्त हैं। याचिका पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। हाई कोर्ट को बताया गया कि राज्य में न केवल फरीदाबाद, बल्कि कई अन्य जिलों में भी बड़े पैमाने पर गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल चलाए जा रहे हैं, जिनके खिलाफ सरकार कार्रवाई नहीं कर रही।

ये भी पढ़ें: Panipat Fire: वेयरहाउस में लगी भीषण आग, धुआं निकलता देख कर्मचारियों में भगदड़; मौके पर फायर ब्रिगेड की दस गाड़ियां मौजूद

HC ने सर्वे कराकर सूची बनाने के दिए थे निर्देश

आरटीई एक्ट 2009 एवं हरियाणा एजुकेशन एक्ट के तहत इस तरह के स्कूलों के खिलाफ राज्य के शिक्षा निदेशक कार्रवाई कर सकते हैं। हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए हरियाणा सरकार को निर्देश दिए थे कि वह चार महीनों में सर्वे कर राज्य में चलाए जा रहे गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची बनाइए एवं उनके खिलाफ प्रविधान के तहत कार्रवाई करे। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई न होने के चलते याची पक्ष ने एक अर्जी दायर कर इस मामले में हाई कोर्ट से आदेश जारी करने का आग्रह किया गया।

ये भी पढ़ें: काम की खबर: अंत्योदय परिवारों के लिए वरदान बनी सरकार की 'दयालु योजना', जानिए कैसे उठा सकते हैं इस योजना का लाभ

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर