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ट्राईसिटी में मेट्रो पर भारी खर्च, 'पॉड टैक्सी' बनेगी विकल्प, मनोहर लाल बोले- लाल डोरे को खत्म कर लोगों को मिले मालिकाना हक

केंद्रीय बिजली और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ का दौरा किया और शहर से जुड़ी समस्याओं का आंकलन किया। बैठक में मेट्रो प्रोजेक्ट बिजली के निजीकरण कर्मचारियों के लिए फ्लैट लाल डोरा और वेस्ट मैनेजमेंट जैसे विषयों पर चर्चा हुई। मंत्री ने मेट्रो के विकल्प के रूप में पॉड टैक्सी और ई-बस सेवा पर फोकस करने का सुझाव दिया।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sat, 09 Nov 2024 06:54 PM (IST)
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ट्राईसिटी में मेट्रो पर भारी खर्च, 'पॉड टैक्सी' बनेगी विकल्प।
डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अगले महीने दौरे से पहले शहर से जुड़ी समस्याओं का आंकलन करने के लिए केंद्रीय बिजली और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल पहुंचे।

यूटी सचिवालय में सलाहकार राजीव वर्मा और यूटी प्रशासन के अन्य अधिकारियों की साथ हुई बैठक में ट्राईसिटी में मेट्रो प्रोजेक्ट को सिर चढ़ाने, बिजली के निजीकरण, शहर में 4000 कर्मचारियों को फ्लैट देने, लाल डोरा और वेस्ट मैनजेटमेंट जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा कर इन पर भविष्य में काम करने के निर्देश दे गए।

शहर में करीब 16 वर्षों से फाइलों में चल रही मेट्रो का सिर चढ़ पाना मुमिकन नहीं लग रहा। मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ट्राईसिटी में 25 से 30 लाख की आबादी के लिए मेट्रो की जगह पॉड टैक्सी और ई बस सेवा पर फोकस का सुझाव दिया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेट्रो प्रोजेक्ट पर भारी लागत आएगी, ऐसे में उसकी वायबिलिटी और राइडर (सवारियों) को भी ध्यान में रखना होगा। करीब डेढ़ घंटे चली बैठक में सचिव इंजीनियिरंग विभाग प्रेरणा पुरी, नगर निगम कमिश्नर आदि ने प्रेजेंटेशन दी।

मेट्रो ट्राई सिटी के लोगों से जुड़ा बड़ा मुद्दा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेट्रो ट्राईसिटी का लंबे समय से चला आ रहा अहम प्रोजेक्ट है। लेकिन इसके लिए गंभीरता से मंथन चल रहा है। चंडीगढ़ के हेरिटेज स्टेट के कारण मेट्रो को अंडरग्राउंड या एलिविटेड ट्रैक को लेकर फैसला लेना होगा।

मेट्रो महंगा प्रोजेक्ट है उसी हिसाब से वायबिलिटी और राइडर(सवारियां भी होनी चाहिए) देखना होगा। मेट्रो के खर्च के साथ ही लोगों के लिए किराये का भी ख्याल रखना होगा। मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर कई नई जानकारी बैठक में मिली हैं। प्रोजेक्ट अभी बंद नहीं हुआ है, लेकिन विकल्प के तौर पर पॉड टैक्सी भी विकल्प हो सकता है, जिसमें मोनो पिलर पर 8 से 10 सवारियां आ सकती हैं।

पॉड टैक्सी को सड़क के बीच ग्रीन बैल्ट में पिलर पर चलाया जा सकता है। राइट्स की ओर इस बारे में दिए गई स्टडी पर भी कमेटी मंथन करेगी। मेट्रो साल्यूशन के लिए जल्द डीपीआर बनाएंगे।   

कर्मचारियों के हितों का रखा जाएगा ख्याल 

बैठक में यूटी इंजीनयिरिंग विभाग की ओर से प्रेजेंटेशन दी गई। बैठक में विभाग के हाईकोर्ट के फैसले के बाद निजीकरण किए जाने और मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य जानकारी दी गई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले पांच दस वर्षों तक यूटी को बिजली को लेकर कोई समस्या नहीं आएगी।

बेशक यूटी का अपना कोई पावर प्लांट नहीं है, लेकिन यूटी में बिजली पर्याप्त है। बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर मनोहर लाल ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले पर यूटी आगे की कार्रवाई करेगा। निजीकरण में बिजली विभाग के कर्मचारियों का अहित नहीं होने दिया जाएगा।

यूटी प्रशासन इसके लिए शर्तें तय करेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेट्रो, पॉड टैक्सी के साथ ही ई-बस सेवा से भी चंडीगढ़ के साथ लगते पंचकूला, मोहाली, जीरकपुर और दूसरे छोटे शहरों को जोड़ना होगा।

उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ हुई बैठक में ट्राईसिटी को कलस्टर के तौर पर मेट्रो और ई-बस सेवा के लिए देखा जाना चाहिए। जिससे 25-25 लाख की आबादी को बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा मिल सकेगी।

4 हजार कर्मचारियों को फ्लैट 

यूटी के चार हजार सरकारी कर्मचारी बीते 16 वर्षों से चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की हाउसिंग स्कीम के तहत मकान मिलने का इंतजार कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री के साथ यूटी प्रशासन की बैठक में यह मुद्दा भी प्रमुख्ता से उठाया गया। मनोहर लाल ने कहा कि यह विषय भी उनके ध्यान में लाया गया है।

कोर्ट से एक बार फैसला कर्मचारियों के हक में आया है, लेकिन फिलहाल शायद सुप्रीम कोर्ट में है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद ही इसपर कोई फैसला यूटी प्रशासन लेगा।

वेस्ट मैनेजमेंट में बेहतर काम

शहर में वेस्ट मैनेजमेंट का मुद्दा भी रिव्यू बैठक में उठा था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस दिशा में काफी हद तक काम हुआ है, लेकिन शहर में डंपिंग साइट को लेकर अभी विरोध चल रहा है। उन्होंने वेस्ट मैनेजमेंट के लिए प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की बात भी कही।

मंत्री ने कहा कि वेस्ट की प्रोसेसिंग साथ-साथ होनी चाहिए। वेस्ट टू एनर्जी को चारकोटल बनाने के लिए एनटीपीसी की एक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा सकता है, जिससे चारकोल को प्रयोग के लिए बाहर भी भेजा जा सके।

पीएम सूर्या स्कीम के बारे में मनोहर लाल ने कहा कि इसे चंडीगढ़ में बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता है। लेकिन पंजाब में 300 यूनिट फ्री होने के कारण वहां इसका ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा।

हरियाणा की तर्ज पर लाल डोरे को खत्म किया जाए

यूटी में लाल डोरा काफी बड़ी समस्या है। केंद्रीय मंत्री की बैठक में इसे लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। बैठक के बाद मनोहर लाल ने बताया कि लाल डोरा एक्सटेंशन का कांसेप्ट हरियाणा की तर्ज पर पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में स्वामित्व के नाम से शुरू योजना का लोग लाभ उठा रहे हैं। लोगों के साथ किसी तरह का अन्याय ना हो ऐसे में इसे यूटी में भी लागू किया जा सकता है। इस स्कीम के तहत लोगों को मालिकाना हक मिल जाता है और उन्हें प्रॉपर्टी के अगेंस्ट बैंक लोन भी मिल जाता है। 

यूटी प्रशासन के साथ बैठक काफी सकारात्मक रही है। जो प्रोजेक्ट पहले से चल रहे हैं उन्हें लेकर आ रही कठिनाई और केंद्र के साथ नए विषयों पर विस्तार से मंथन हुआ है। मेट्रो ट्राईसिटी से जुड़ा बड़ा मुद्दा है। ट्राईसिटी की जरूरत के हिसाब से इसपर काम किया जाएगा। बिजली के निजीकरण और अन्य मुद्दों पर भी यूटी प्रशासन को केंद्र की ओर से पूरा सहयोग किया जाएगा।

- मनोहर लाल, केंद्रीय बिजली और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री

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