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Deepak Babaria के रूप में हुड्डा की पसंद पर हाईकमान ने फिर लगाई मुहर, सुरजेवाला से मध्य प्रदेश का प्रभार लिया वापस

कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा व दिल्ली के पार्टी प्रभारी के रूप में दीपक बाबरिया का दायित्व बरकरार रखा है। जून में दीपक बाबरिया को हरियाणा और दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी का दायित्व सौंपा गया था। बाबरिया कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी नेताओं में शामिल हैं। शक्ति सिंह गोहिल को हटाकर बाबरिया को हरियाणा व दिल्ली का प्रभार सौंपा गया था उससे पहले वह मध्यप्रदेश के प्रभारी रह चुके हैं।

By Jagran News Edited By: Nidhi Vinodiya Updated: Sat, 23 Dec 2023 11:09 PM (IST)
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Deepak Babaria के रूप में हुड्डा की पसंद पर हाईकमान ने फिर लगाई मुहर

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा व दिल्ली के पार्टी प्रभारी के रूप में दीपक बाबरिया का दायित्व बरकरार रखा है। इसी साल जून में दीपक बाबरिया को हरियाणा और दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी का दायित्व सौंपा गया था। दीपक बाबरिया कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी नेताओं में शामिल हैं। शक्ति सिंह गोहिल को हटाकर बाबरिया को जब हरियाणा व दिल्ली का प्रभार सौंपा गया था, उससे पहले वह मध्यप्रदेश के भी प्रभारी रह चुके हैं। 

दीपक बाबरिया के हरियाणा कांग्रेस का प्रभारी रहने को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद से जोड़कर देखा जा रहा है, जबकि हाईकमान ने कुमारी सैलजा से छत्तीसगढ़ और रणदीप सुरजेवाला से मध्यप्रदेश कांग्रेस का प्रभार वापस ले लिया है। 

गुटबाजी दूर नहीं करा पाए 

दीपक बाबरिया ने हरियाणा का प्रभार संभालने के बाद करीब तीन माह के भीतर राज्य का संगठन तैयार करने व प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं को एकजुट करने का दावा किया था, लेकिन बाबरिया अपने कार्यकाल के करीब सात माह बाद तक भी न तो कांग्रेस संगठन तैयार करवा पाए हैं और न ही कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी दूर करा पाए हैं। बाबरिया ने जिस तरह से संगठन बनाने के लिए राज्य में धरातल पर वर्किंग शुरू की, उससे कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी कम होने की बजाय बढ़ी है। 

बाबरिया को पद से हटाने में कामयाब नहीं हो सके नेता

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी सैलजा व किरण चौधरी ने दीपक बाबरिया के विरुद्ध मोर्चा जरूर खोला, लेकिन वे बाबरिया को उनके पद से हटवाने में कामयाब नहीं हो सके। 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद को दिया गया महत्व

दीपक बाबरिया को दोबारा हरियाणा कांग्रेस का प्रभार मिलने का मतलब साफ है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद को महत्व दिया गया है। बाबरिया दो दिन पहले ही पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलकर आए हैं। उन्होंने दावा किया है कि प्रदेश संगठन बनाने की कड़ी में आधा दर्जन कमेटियों व जिला अध्यक्षों की सूची हाईकमान को सौंपी जा चुकी है, जबकि ब्लॉक अध्यक्षों की सूची तैयार कराई जा रही है। 

हाईकमान ने सैलजा को छत्तीसगढ़ से अलग कर दिया

दूसरी तरफ, कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा से छत्तीसगढ़ राज्य का प्रभार वापस ले लिया गया है और उन्हें अब उत्तराखंड में प्रभारी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ के कुछ कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी हाईकमान से शिकायत की थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए हाईकमान ने सैलजा को छत्तीसगढ़ से अलग कर दिया है। 

रजेवाला से अब मध्य प्रदेश का प्रभार वापस ले लिया गया

उन्हें छत्तीसगढ़ में फ्री हैंड  दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी वहां चुनाव नतीजे कांग्रेस के हक में नहीं रहे और पार्टी ने अपनी सरकार गंवा दी। इसी तरह, मध्यप्रदेश व कर्नाटक के प्रभारी रह चुके कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला से अब मध्य प्रदेश का प्रभार वापस ले लिया गया है। 

राजस्थान में कांग्रेस के नतीजे नहीं रहे सकारात्मक

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला के पास अब सिर्फ कर्नाटक का प्रभार रहेगा। सुरजेवाला के नेतृत्व में कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस अपेक्षित रिजल्ट नहीं दे पाई। इसलिए उनसे कार्यभार वापस लेकर जितेंद्र सिंह को मध्य प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया गया है। कांग्रेस नेत्री किरण चौधरी ने कांग्रेस हाईकमान ने कोई जिम्मेदारी नहीं दी है। राजस्थान के चुनाव में वह कांग्रेस की सह चुनाव प्रभारी थी। वहां भी कांग्रेस के नतीजे सकारात्मक नहीं रहे।

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