पत्नी को गुजारा भत्ता न देने पर CRPF ने कांस्टेबल को किया था बर्खास्त, अब हाई कोर्ट ने रद्द किया फैसला
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab Haryana High Court) ने महेंद्रगढ़ जिले के एक सीआरपीएफ कांस्टेबल (CRPF Constable) के बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि पूरा परिवार उसकी आजीविका से जुडा है। सेवा से हटाने का आदेश सजा के उद्देश्य के विपरीत है। हाई कोर्ट ने कहा सीआरपीएफ बर्खास्तगी के अलावा कोई अन्य आदेश जारी करें।
राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसके तहत उसने अपने कर्मी को पत्नी को गुजारा भत्ता न देने के कारण बर्खास्त कर दिया था।
हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसी सजा कथित अपराध के अनुपात में नहीं है और यदि बल का कोई सदस्य अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं करता है और मामला न्यायालय में लंबित है तो , तो बल कार्रवाई नहीं करेगा।
सजा का उद्देश्य गुजारा भत्ता देने के लिए बाध्य करना था- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट का विचार था कि सीआरपीएफ द्वारा दी गई सजा का उद्देश्य याचिकाकर्ता को गुजारा भत्ता देने के लिए बाध्य करना था, जबकि सीआरपीएफ ने उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप पूरा परिवार आजीविका से वंचित है, इस प्रकार सेवा से हटाने का आदेश सजा के उद्देश्य और अभिप्राय के विपरीत है।हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि शक्ति का अस्तित्व और शक्ति का विवेकपूर्ण प्रयोग दंड न्यायशास्त्र के दो अलग-अलग पहलू हैं। अधिकारी अपराध की प्रकृति और उसे कम करने वाली परिस्थितियों पर विचार करने के लिए बाध्य हैं।
सजा यांत्रिक तरीके से नहीं दी जा सकती। याचिकाकर्ता मुख्य रूप से अपनी पत्नी का भरण-पोषण न करने का दोषी था।
कथित अवैध संबंध के कारण शुरू हुआ था विवाद
हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के मूल निवासी सुरेंद्र कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस जगमोहन बंसल ने यह आदेश पारित किए हैं।उन्होंने सीआरपीएफ से बर्खास्त करने वाले आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वह 29 नवंबर, 2010 को कांस्टेबल के रूप में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे। बल में शामिल होने के समय वह पहले से ही शादीशुदा थे और उनके दो बच्चे थे।
याचिकाकर्ता के किसी अन्य महिला के साथ कथित अवैध संबंध के कारण दंपति के बीच वैवाहिक विवाद शुरू हो गया। उनकी पत्नी ने अदालत के साथ-साथ सीआरपीएफ का भी दरवाजा खटखटाया।
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