Haryana News: पूर्व एसपी को बचाना फतेहाबाद पुलिस को पड़ा महंगा, हाई कोर्ट ने लगाया 50 हजार का जुर्माना
Haryana News अपने पूर्व एसपी को बचाना फतेहाबाद पुलिस के लिए भारी पड़ गया है। हाई कोर्ट ने फतेहाबाद पुलिस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया है। हाई कोर्ट ने जांच में पाया कि पुलिस ने पूर्व एसपी के मामले की जांच में लापरवाही की है। हाई कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक फतेहाबाद पर आरोप लगाए हैं कि वह मामले की जांच में शामिल ही नहीं हुए।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एसपी फतेहाबाद कार्यालय पर 50000 रुपये का जुर्माना लगाया है। जबरन वसूली रैकेट में फतेहाबाद के पूर्व एसपी ओपी नरवाल के खिलाफ कार्रवाई के बाद भी हरियाणा पुलिस हाई कोर्ट में जवाब नहीं दे रही है।
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान भी पाया गया था भ्रामक
नरवाल के फतेहाबाद में एसपी रहते हुए कथित तौर पर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जबरन वसूली रैकेट की जांच के दौरान आयोजित पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान दो सवालों में भी नरवाल को भ्रामक पाया गया था। हाई कोर्ट ने जुर्माना लगाते हुए कहा कि मामला वर्ष 2019 से संबंधित है और जाहिर तौर पर प्रतिवादियों ने तत्कालीन एसपी फतेहाबाद के खिलाफ लगाए गए और आरोपों से दूर रहने का प्रयास किया जो प्रयास जानबूझकर किया गया लगता है।
मामले में की गई देरी: हाई कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि सरकारी वकील द्वारा जानकारी मांगने के प्रयासों का जवाब न देने में संबंधित अधिकारियों का कार्य स्पष्ट रूप से मामले के निर्णय में देरी करने का प्रयास है। इस तरह के प्रयास को स्वीकार नहीं किया जा सकता है और राज्य के वकील द्वारा पूछे गए प्रश्नों का लापरवाही से जवाब देने या बिल्कुल भी जवाब न देने की प्रथा की न केवल निंदा की जानी चाहिए, बल्कि इसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।मुद्दे पर नहीं दिखाई गई गंभीरता
हाई कोर्ट ने पाया कि इस बात का कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं है कि विभाग के किसी भी व्यक्ति ने राज्य के वकील को जवाब देने या उन्हें लंबित जांच की स्थिति और इस अदालत के समक्ष विचाराधीन मुद्दे के बारे में सूचित करने में गंभीरता नहीं दिखाई। जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने रणधीर सिंह और एक अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए हैं।
ओपी नरवाल के खिलाफ दर्ज की गई विशेष टिप्पणियां
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील अतुल लखनपाल ने मामले की जांच के लिए हरियाणा के डीजीपी (क्राइम) द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई जांच रिपोर्ट की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया। अदालत को बताया गया कि उक्त रिपोर्ट में तत्कालीन एसपी फतेहाबाद ओपी नरवाल के खिलाफ पैरा संख्या 35, 37 से 39 में विशेष टिप्पणियां दर्ज की गई हैं।यह भी पढ़ें: Haryana Election 2024: भाजपा अगले हफ्ते करेगी चुनावी रण के योद्धाओं का एलान, PM की बैठक में लगेगी नामों पर मुहर
वकील ने तर्क दिया कि अंतिम रिपोर्ट भी दायर की जा चुकी है और जैसा कि डीएसपी, राज्य अपराध शाखा, हिसार के हलफनामे के माध्यम से दायर स्थिति रिपोर्ट से पता चलता है, जांच एजेंसी ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, फतेहाबाद का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए एक आवेदन दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
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