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Haryana News: पूर्व एसपी को बचाना फतेहाबाद पुलिस को पड़ा महंगा, हाई कोर्ट ने लगाया 50 हजार का जुर्माना

Haryana News अपने पूर्व एसपी को बचाना फतेहाबाद पुलिस के लिए भारी पड़ गया है। हाई कोर्ट ने फतेहाबाद पुलिस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया है। हाई कोर्ट ने जांच में पाया कि पुलिस ने पूर्व एसपी के मामले की जांच में लापरवाही की है। हाई कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक फतेहाबाद पर आरोप लगाए हैं कि वह मामले की जांच में शामिल ही नहीं हुए।

By Dayanand Sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Thu, 22 Aug 2024 02:55 PM (IST)
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फतेहाबाद पुलिस पर हाई कोर्ट का एक्‍शन
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एसपी फतेहाबाद कार्यालय पर 50000 रुपये का जुर्माना लगाया है। जबरन वसूली रैकेट में फतेहाबाद के पूर्व एसपी ओपी नरवाल के खिलाफ कार्रवाई के बाद भी हरियाणा पुलिस हाई कोर्ट में जवाब नहीं दे रही है।

पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान भी पाया गया था भ्रामक

नरवाल के फतेहाबाद में एसपी रहते हुए कथित तौर पर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जबरन वसूली रैकेट की जांच के दौरान आयोजित पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान दो सवालों में भी नरवाल को भ्रामक पाया गया था। हाई कोर्ट ने जुर्माना लगाते हुए कहा कि मामला वर्ष 2019 से संबंधित है और जाहिर तौर पर प्रतिवादियों ने तत्कालीन एसपी फतेहाबाद के खिलाफ लगाए गए और आरोपों से दूर रहने का प्रयास किया जो प्रयास जानबूझकर किया गया लगता है।

मामले में की गई देरी: हाई कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि सरकारी वकील द्वारा जानकारी मांगने के प्रयासों का जवाब न देने में संबंधित अधिकारियों का कार्य स्पष्ट रूप से मामले के निर्णय में देरी करने का प्रयास है। इस तरह के प्रयास को स्वीकार नहीं किया जा सकता है और राज्य के वकील द्वारा पूछे गए प्रश्नों का लापरवाही से जवाब देने या बिल्कुल भी जवाब न देने की प्रथा की न केवल निंदा की जानी चाहिए, बल्कि इसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

मुद्दे पर नहीं दिखाई गई गंभीरता

हाई कोर्ट ने पाया कि इस बात का कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं है कि विभाग के किसी भी व्यक्ति ने राज्य के वकील को जवाब देने या उन्हें लंबित जांच की स्थिति और इस अदालत के समक्ष विचाराधीन मुद्दे के बारे में सूचित करने में गंभीरता नहीं दिखाई। जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने रणधीर सिंह और एक अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए हैं।

ओपी नरवाल के खिलाफ दर्ज की गई विशेष टिप्पणियां

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील अतुल लखनपाल ने मामले की जांच के लिए हरियाणा के डीजीपी (क्राइम) द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई जांच रिपोर्ट की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया। अदालत को बताया गया कि उक्त रिपोर्ट में तत्कालीन एसपी फतेहाबाद ओपी नरवाल के खिलाफ पैरा संख्या 35, 37 से 39 में विशेष टिप्पणियां दर्ज की गई हैं।

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वकील ने तर्क दिया कि अंतिम रिपोर्ट भी दायर की जा चुकी है और जैसा कि डीएसपी, राज्य अपराध शाखा, हिसार के हलफनामे के माध्यम से दायर स्थिति रिपोर्ट से पता चलता है, जांच एजेंसी ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, फतेहाबाद का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए एक आवेदन दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया।

फतेहाबाद के पुलिस अधीक्षक मामले में रहे चुप

हाई कोर्ट को बताया गया कि विभिन्न अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अंतिम रिपोर्ट दायर की जा चुकी है, हालांकि, हलफनामे में दिए गए कथन तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, फतेहाबाद की भूमिका के खिलाफ जांच के संबंध में पूरी तरह से चुप हैं। जब हाई कोर्ट ने राज्य के वकील से तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, फतेहाबाद के खिलाफ जांच के संबंध में पूछा। तो उन्होंने तर्क दिया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है क्योंकि जिला फतेहाबाद में पुलिस अधिकारियों से संपर्क करने के प्रयासों के बावजूद कोई भी व्यक्ति इस संबंध में उनकी सहायता के लिए आगे नहीं आया है।

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उनका कहना है कि फतेहाबाद के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने उन्हें भेजे गए एक पत्र के आधार पर पालीग्राफ टेस्ट के लिए उपस्थित हुए थे। उक्त पत्र का अवलोकन किया गया है और इसमें पाया गया है कि दो प्रश्नों के उत्तर भ्रामक पाए गए। राज्य के वकील यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि वे कौन से प्रश्न थे जिनके उत्तर भ्रामक थे। हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक, फतेहाबाद कार्यालय को जुर्माना लगाते हुए अगली सुनवाई पर जवाब दायर करने का आदेश दिया।

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