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Haryana News: SC के आदेश पर हाई कोर्ट ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक केसों पर लिया संज्ञान, जारी किया नोटिस

हरियाणा और चंडीगढ़ में पूर्व और मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक केसों के निपटारे के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। ये जवाब तलब पंजाब हरियाणा व चंडीगढ़ सहित हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के लिए नोटिस हुआ है। बता दें कि देश भर में पूर्व सांसदों विधायकों के खिलाफ कुल 5097 आपराधिक मुकदमे लंबित हैं।

By Dayanand SharmaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sat, 02 Dec 2023 05:52 PM (IST)
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SC के आदेश पर हाई कोर्ट ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक केसों पर लिया संज्ञान।

राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में पूर्व और मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक केसों के जल्द निपटारे के लिए हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ सहित हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट ने यह संज्ञान सुप्रीम कोर्ट के नौ नवंबर के आदेशों पर लिया है । सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाई कोर्ट को पूर्व और मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे के लिए अलग से अदालतें बनाने के आदेश दिए थे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, सभी जिलों के सेशन जज समय समय इन केसों के ट्रायल का स्टेट्स हाई कोर्ट की भेजे व इनके लिए कोर्ट तय करे। सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज उन मामलों को प्राथमिकता दी जाए जिनमे अवजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा सुनाई जा सकती है। उसके बाद उन केसों के निपटारे पर जोर दिया जाए, जिनमे पांच या पांच साल से अधिक की सजा का प्रावधान है, उसके बाद अन्य मामलों पर गौर किया जाए।

केस के निपटारे के लिए टेक्नोलॉजी का करें इस्तेमाल: HC

कोर्ट के आदेशानुसार, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस उन केसों की लिस्ट बनाएं, जिनमे रोक के आदेश जारी किए हुए हैं और रोक के इन आदेशों को हटाए जाने के लिए जरूरी कदम उठाए। इन केसों के जल्द ट्रायल के लिए जो अलग कोर्ट तय की जाएं, उनमें सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं, बेहतर और प्रभावी तरीके से इन केसों के निपटारे के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास बढ़ाने के लिए सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक केसों का जल्द निपटारा करना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह लोग जनप्रतिनिधि हैं और जनता के प्रति जवाबदेह भी हैं।

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पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ सहित हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी

हालांकि इस मामले में हाई कोर्ट पहले ही संज्ञान ले सुनवाई शुरू कर चुका है और पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से समय समय पर स्टेटस रिपोर्ट्स मांगी भी जा रही हैं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इन केसों के जल्द निपटारे के लिए कुछ नए दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिस पर अब हाई कोर्ट ने संज्ञान ले पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ सहित हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर इस पर अपना पक्ष रखने के आदेश दे दिए हैं।

अप्रैल माह में हाई कोर्ट में दी गई स्टेट्स रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब राज्य में 102 पूर्व और मौजूदा विधायक और सांसद आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जो इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा है, इनमें से 90 का ट्रायल चल रहा और 12 मामलों की जांच लंबित है। इसके विपरीत हरियाणा में केवल 28 ऐसे पूर्व और मौजूदा सांसद/विधायक हैं जिन पर मामले चल रहे हैं। हरियाणा व पंजाब के कुल 13 ऐसे वीवीआईपी है, जो यूटी चंडीगढ़ में मामलों का सामना कर रहे हैं।

देश भर में पूर्व सांसदों विधायकों के खिलाफ कुल 5097 आपराधिक मुकदमे लंबित

सुप्रीम कोर्ट में दी गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश भर में कुल 5097 वर्तमान और पूर्व सांसदों विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं, जिनमें से 2122 यानी 40 फीसद पांच साल से ज्यादा पुराने हैं। एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि लोकसभा के 44 फीसद सांसद और राज्यसभा के 31 फीसद सांसदों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं।इसके अलावा देश भर की राज्य विधानसभाओं में 43 फीसद विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।

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