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हरियाणा के ग्रेजुएट्स सफाई कर्मचारी क्यों बनना चाहते हैं? 46 हजार युवाओं ने किया आवेदन

हरियाणा में बेरोजगारी की दर बढ़ने के बावजूद सरकारी नौकरी की चाहत में युवा सफाई कर्मचारी की नौकरी के लिए भी आवेदन कर रहे हैं। एचकेआरएनएल द्वारा निकाली गई 5000 सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए 46 हजार से अधिक स्नातक और स्नातकोत्तर युवाओं ने आवेदन किया है। हरियाणा में बेरोजगारी की स्थिति और युवाओं द्वारा सरकारी नौकरी की चाहत के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Thu, 05 Sep 2024 02:28 PM (IST)
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हरियाणा में सफाई कर्मचारी की नौकरी के लिए मची होड़ (प्रतीकात्मकर तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। युवाओं में सरकारी नौकरी की चाह कहें या मजबूरी, सफाई कर्मचारियों की कच्ची नौकरी के लिए भी एमटेक-बीटेक, स्नातकोत्तर और स्नातक पास युवाओं में होड़ है।

उच्च शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एचकेआरएनएल) द्वारा संविदा (अनुबंध) आधार पर निकाली पांच हजार सफाई कर्मचारियों की भर्ती में 46 हजार से अधिक स्नातक और स्नातकोत्तर युवाओं ने आवेदन किया है।

रोजगार कौशल निगम ने अनुबंध आधार पर सफाई कर्मियों की भर्ती के लिए पोर्टल पर छह अगस्त से दो सितंबर तक आवेदन मांगे थे। नियुक्ति के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता सिर्फ आठवीं पास मांगी गई थी।

सफाई कर्मचारी बनने के लिए ग्रेजुएट्स ने किया एप्लाई

अब हैरानी वाली बात ये है कि सफाई कर्मचारी बनने के लिए 39 हजार 990 स्नातक और 6112 स्नातकोत्तर पास युवाओं ने आवेदन किया है। इसके अलावा बारहवीं पास एक लाख 17 हजार 144 युवाओं ने भी पोर्टल पर आवेदन किया है। चयनित युवाओं को सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों में लगाया जाएगा।

इन अनुबंधित सफाई कर्मचारियों को 15 हजार रुपये मासिक मानदेय के बदले सार्वजनिक स्थलों, सड़कों और इमारतों में सफाई, झाडू लगाने और कचरा उठाने का काम करना होगा।

पिछले साल जुलाई में भी ऐसी स्थिति सामने आई थी, जब पानीपत जिला अदालत में चपरासी के छह पदों के लिए हजारों उच्च शिक्षित युवा प्रोफेसर, शिक्षक, इंजीनियर और लेखाधिकारी बनने का सपना छोड़कर लाइन में लग गए थे। सामान्य वर्ग के चार और एससी व बीसीए के एक-एक पद के लिए करीब 10 हजार युवाओं ने आवेदन किया था।

प्राइवेट जॉब असुरक्षित क्यों?

एमबीए करने के बाद नौ साल की नौकरी का अनुभव रखने वाला उम्मीदवार भी चपरासी की नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के लिए पहुंचा था। हालांकि सरकारी नौकरी के पीछे भाग रहे युवाओं का तर्क है कि प्राइवेट जॉब में असुरक्षा महसूस होती है।

हरियाणा में बढ़ी बेरोजगारों की संख्या

शहर से लेकर गांवों तक में बढ़ी बेरोजगारों की संख्या हरियाणा में शहर से लेकर गांवों तक में बेरोजगारी की दर में बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में जारी पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 15 से 29 वर्ष आयु के युवाओं में बेरोजगारी दर अप्रैल से जून 2024 की तिमाही में बढ़कर 11.2 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि जनवरी से मार्च में यह 9.5 प्रतिशत थी।

15 से 29 वर्ष की आयु की महिलाओं की बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च में 13.9 प्रतिशत की तुलना में अप्रैल-जून में बढ़कर 17.2 प्रतिशत हो गई। शहरी क्षेत्रों में सभी आयु समूहों के लिए बेरोजगारी दर भी जनवरी-मार्च में 4.1 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल-जून में 4.7 प्रतिशत पर पहुंच गई।

पीएफएलएस के वीकली स्टेटस अप्रोच के अनुसार काम करने की चाह रखने वाले किसी व्यक्ति को सप्ताह में एक घंटे भी काम नहीं मिलता है तो उसे बेरोजगार माना जाता है।

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