राजनेताओं और अफसरों की सुरक्षा में कितने पुलिसकर्मी तैनात? हाई कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा से पूछा सवाल, मिला ये जवाब
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों से पूछा है कि आइएएस आइपीएस नेताओं व पूर्व उच्चाधिकारियों की सुरक्षा में कितने पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसका जवाब दे। दरअसल एक याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उससे सुरक्षा का काम तो लिया ही जाता है। इसके अलावा घर के बाकी काम भी करवाए जाते हैं। उसके साथ एक नौकर जैसा व्यवहार होता है।
राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। आइएएस, आइपीएस, नेताओं व पूर्व उच्चाधिकारियों को कितनी सुरक्षा मुहैया करवाई गई है और कितने पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इस बारे में हरियाणा व पंजाब सरकार को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
सुरक्षाकर्मी से नौकरों जैसा व्यवहार-याचिकाकर्ता
याचिका दाखिल करते हुए मोहाली निवासी निखिल सराफ ने हाईकोर्ट (Punjab Haryana High Court) को बताया कि पंजाब और हरियाणा में वरिष्ठ अधिकारियों को सुरक्षा के रूप में कई कांस्टेबल दिए गए हैं। कांस्टेबल से सुरक्षा का काम तो लिया ही जाता है। साथ ही, घर के बाकी काम करवाए जाते हैं और नौकरों जैसा व्यवहार होता है।
जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आरंभ की गई इस प्रथा के चलते अब उनसे नीचे स्तर के अधिकारी भी इसे अपनाने लगे हैं। अधिकारियों के अतिरिक्त नेताओं के पास भी बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है और वे पूरे लाव-लश्कर के साथ चलते हैं।
अधिकारियों और राजनेताओं को मिले हुए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को हटाया जाए-याची
याची ने कहा कि इस रवैये के कारण कानून व्यवस्था को संभालने के लिए उनकी जमीनी स्तर पर ड्यूटी न लगाकर उन्हें नौकर बना दिया गया है। याची ने हाई कोर्ट से अपील की है कि इन अधिकारियों और राजनेताओं को मिले हुए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को हटा कर इन्हें रेगुलर ड्यूटी पर लगाया जाए।
दोनों राज्यों ने दिया ये जवाब
याचिका के जवाब में दोनों राज्यों ने कहा कि तय नीति के तहत सुरक्षा की समीक्षा की जाती है व समीक्षा के अनुसार ही सुरक्षा जारी रखने या न रखने का निर्णय लिया जाता है। राज्यों की ओर से पुलिस बल की तैनाती का ब्योरा नहीं दिया गया है।
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