HSGPC के प्रधान करमजीत सिंह और महासचिव गुरविंदर सिंह ने दिया इस्तीफा, CM खट्टर से सलाह के बाद लिया फैसला
HSGPC News हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान महंत करमजीत सिंह और महासचिव गुरविंदर सिंह धमीजा ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सलाह करने के बाद अपने त्यागपत्र गृह सचिव को सौंपे। बताया जाता है कि दोनों सिख नेता अब हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) के लिए विधिवत निर्वाचन प्रक्रिया के तहत चुनाव लड़ेंगे।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान महंत करमजीत सिंह और महासचिव गुरविंदर सिंह धमीजा ने अपने पदों से त्यागपत्र दे दिए हैं। करमजीत सिंह और गुरविंदर सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सलाह करने के बाद अपने त्यागपत्र गृह सचिव को सौंपे। पिछले दिनों जब करमजीत सिंह एचएसजीपीसी के प्रधान बने थे, तब उनका मुख्यमंत्री के पांव छूते हुए एक फोटो वायरल हुआ था, जिस पर खूब राजनीति की गई थी।
बताया जाता है कि दोनों सिख नेता अब हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGPC) के लिए विधिवत निर्वाचन प्रक्रिया के तहत चुनाव लड़ेंगे। हरियाणा सरकार ने एचएसजीपीसी के चुनाव के लिए जस्टिस एचएस भल्ला को गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त नियुक्त कर रखा है। जस्टिस भल्ला ने एक अधिसूचना जारी कर 30 चुनाव चिन्ह जारी किए हैं, जो कि एचएसजीसीपी के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपने नामांकन पत्र में भरने होंगे।
उन्हें इन 30 चुनाव चिन्हों में से कोई तीन चुनाव चिन्ह भरने होंगे, जिनमें से संबंधित उम्मीदवार को राज्य गुरुद्वारा चुनाव आयोग की ओर से एक चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाएगा। यदि कोई चुनाव चिन्ह एक से अधिक लोगों ने भरा होगा तो उसका निर्णय ड्रा के माध्यम से होगा। चुनाव चिन्हों में ताला-चाबी, रिक्शा, सीढ़ी, कुल्हाड़ी, साइकिल, गैस सिलेंडर, नलका, जीप, छतरी, उगता सूरज और टेबल पंखा शामिल हैं।
30 सितंबर तक बनवा सकते हैं वोट
गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त न्यायमूर्ति एचएस भल्ला ने एचएसजीपीसी के चुनाव की प्रक्रिया को तेज करते हुए पूरे प्रदेश में 30 सितंबर तक नए वोट बनवाने का समय निर्धारित किया है। इस अवधि में कोई भी नया मतदाता स्वयं को एचएसजीपीसी के मतदाता के रूप में पंजीकृत करवा सकता है। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के वार्डों का परिसीमन राज्य सरकार द्वारा किया जा चुका है। 28 जुलाई को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित सूचना के मुताबिक पूरे प्रदेश को 40 वार्डो में विभाजित किया गया है।
एचएसजीपीसी के चुनाव में प्रत्येक वार्ड से एक मेंबर चुना जाएगा। 40 सदस्यों के चुनाव के बाद प्रधान समेत अन्य पदाधिकारियों की नियुक्तियां होंगी। राज्य में एचएसजीपीसी के चुनाव को लेकर जबरदस्त धड़ेबंदी है। अभी तक चुनाव की तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि मतदाताओं के पंजीकरण के बाद जब संशोधित मतदाता सूची जारी होगी तो उसके बाद चुनाव का शेड्यूल घोषित कर दिया जाएगा।
प्रदेश में तीन दर्जन से अधिक विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन्हें सिख बाहुल्य माना जाता है। करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला और सिरसा लोकसभा सीटों की तीन दर्जन विधानसभा सीटों पर सिख मतदाता किसी भी दल की हार जीत में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। प्रदेश सरकार की 17 अगस्त की अधिसूचना के माध्यम से जस्टिस एचएस भल्ला को एचएसजीपीसी के चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपते हुए रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया गया।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की मतदाता सूची व नामों के पंजीकरण के लिए सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी किए गए हैं। चुनावी तैयारी के लिए नामों के पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र ग्रामीण क्षेत्र में पटवारी और शहरी क्षेत्र में नगरपालिका समिति/परिषद/निगम के सचिव के पास निःशुल्क उपलब्ध होंगे। कोई भी व्यक्ति जो हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की मतदाता सूची के लिए अपना नाम पंजीकृत कराना चाहता है, वह उपरोक्त अधिकारी को 30 सितंबर तक अपना आवेदन जमा कर सकता है।
क्या है हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की स्थापना 11 जुलाई 2014 को हुई थी, इस संगठन का गठन हरियाणा विधानसभा द्वारा पारित विधेयक के बाद किया गया था। यह भारत में सिख गुरुद्वारों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार संगठनों में से एक है, इसके गठन से पहले हरियाणा के गुरुद्वारों की देखरेख आधिकारिक तौर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अधीन थी। वर्तमान हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का मुख्यालय कुरुक्षेत्र में स्थित है।