हरियाणा आईएएस अधिकारियों में डीसी बनने की होड़, बड़े पैमाने पर लॉबिंग शुरू
हरियाणा में एचसीएस से आईएएस बने 15 अधिकारियों को वरिष्ठता मिलने के बाद डीसी पद के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है। वर्तमान में 17 जिलों में सीधी भर्ती वाले आईएएस डीसी हैं जबकि 5 जिलों में एचसीएस से प्रमोट हुए आईएएस अधिकारी डीसी हैं। सरकार कुछ अधिकारियों को मुख्यालय में भी तैनात कर सकती है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में एचसीएस से आईएएस बने 15 अधिकारियों को वरिष्ठता (बैच) आवंटित होने के बाद अब उनमें प्रभावशाली पदों पर नियुक्तियां प्राप्त करने के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है। अधिकतर प्रमोटी अधिकारियों की इच्छा है कि वे जिलों में डीसी के पद पर तैनात हों, लेकिन सरकार कुछ अधिकारियों को मुख्यालय में उनकी योग्यता के हिसाब से प्रमुख पदों पर जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी कर रही है।
वर्तमान में 17 जिलों में सीधी भर्ती से आईएएस बने अधिकारी डीसी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि पांच डीसी एचसीएस-नान एचसीएस से आईएएस बने अधिकारी हैं, जिन्हें डीसी बनाकर सरकार ने उन पर भरोसा जताया है। एचसीएस से आईएएस बने विवेक पदम सिंह को वर्ष 2014, डॉ. मुनीष नागपाल को वर्ष 2016, महेंद्रपाल, सतपाल शर्मा एवं सुशील कुमार-1 को वर्ष 2017, वर्षा खांगवाल, वीरेंदर सिंह सहरावत, सत्येंद्र दुहन, मनीता मलिक, सतबीर सिंह, अमृता सिंह, योगेश कुमार और वंदना दिसोदिया को वर्ष 2018 बैच आवंटित किया गया है।
जयदीप कुमार एवं संवर्तक सिंह खांगवाल को वर्ष 2019 बैच वर्ष आवंटित हुआ है। योगेश कुमार और वर्षा खांगवाल पति-पत्नी हैं, जबकि संवर्तक खांगवाल भी इसी परिवार से हैं, जो कि वर्षा खांगवाल के रिश्ते में भाई लगते हैं। वर्तमान में प्रदेश के चार जिलों सोनीपत, महेंद्रगढ़, पानीपत और फतेहाबाद के डीसी पद पर तैनात अधिकारी एचसीएस से पदोन्नत होकर, जबकि पलवल में नान-एचसीएस कोटे से चयनित होकर आईएएस बने अधिकारी बतौर डीसी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
इन सभी को आईएएस में पदोन्नति के साथ ही हरियाणा कैडर अलॉट किया गया था। सोनीपत में 2012 बैच के सुशील सारवान, महेंद्रगढ़ में 2012 बैच के मनोज कुमार -1, फतेहाबाद में 2013 बैच की मंदीप कौर एवं पानीपत में 2013 बैच के वीरेंद्र कुमार दहिया डीसी हैं, जो कि एचसीएस से प्रमोट होकर आईएएस बने थे, जबकि पलवल जिले 2016 बैच के हरीश कुमार वशिष्ठ डीसी हैं, जो नान-एचसीएस कोटे से आईएएस बने थे। प्रदेश के 17 जिलों में सीधे आईएएस डीसी हैं।
अंबाला में 2012 बैच के अजय सिंह तोमर, यमुनानगर में 2013 बैच के पार्थ गुप्ता, गुरुग्राम में 2013 बैच के अजय कुमार, चरखी दादरी में 2014 बैच के मुनीश शर्मा, हिसार में 2014 बैच के अनीश यादव, फरीदाबाद में 2014 बैच के विक्रम, पंचकूला में 2014 बैच की मोनिका गुप्ता, जींद में 2015 बैच के मोहम्मद इमरान रज़ा, कैथल में 2015 बैच की प्रीति, करनाल में 2015 बैच के उत्तम सिंह, सिरसा में 2015 बैच के शांतनु शर्मा, रेवाड़ी में 2016 बैच के अभिषेक मीणा, कुरुक्षेत्र में 2017 बैच के विश्राम कुमार मीणा, झज्जर में 2017 बैच के स्वप्निल रविंद्र पाटिल, भिवानी में 2017 बैच के साहिल गुप्ता, रोहतक में 2018 बैच के सचिन गुप्ता एवं नूंह में 2018 बैच के आईएएस अधिकारी अखिल पिलानी बतौर डीसी तैनात हैं।
प्रशासनिक मामलों के जानकार एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार हरियाणा में कुछ वर्षों पहले तक सामान्यत: नौ वर्ष से 16 वर्ष की सेवा वाले आईएएस अधिकारियों को डीसी तैनात किया जाता था, लेकिन कुछ वर्षों से नौ वर्षों से कम सेवा वाले आईएएस अधिकारियों को भी जिले का डीसी तैनात किया जाने लगा है।
वर्तमान में 2018 बैच के दो आईएएस, 2017 बैच के तीन आईएएस हरियाणा के अलग अलग जिलों में बतौर जिला उपायुक्त तैनात हैं, जिसके बाद इस बात की संभावना बनती है कि यदि सरकार चाहे तो नये प्रमोटी आईएएस में से कुछ को उनकी योग्यता के हिसाब से जिलों में डीसी पद पर नियुक्तियां दे सकती है।
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