Haryana Politics: गठबंधन के बाद अक्सर बिदकता रहा मायावती का हाथी, इनेलो और बसपा के बीच तीसरी बार होगा गठबंधन
हरियाणा में इसी साल विधानसभा का चुनाव होना है। चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने जोर- शोर से अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस बार के विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी और इनेलो ने गठबंधन करने जा रही है। बसपा का इससे पहले पांच बार राजनीतिक गठजोड़ हो चुके हैं लेकिन हर बार निराशा बसपा को निराशा ही हाथ लगी।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी को गठबंधन की राजनीति ज्यादा रास नहीं आती। साल 1998 के लोकसभा चुनाव में इनेलो के साथ हुए गठबंधन को छोड़कर राज्य में जितने भी गठबंधन हुए, वह कभी सिरे नहीं चढ़ पाए।
बसपा सुप्रीमो मायावती का हाथी समय-समय पर बिदकता रहा, जिसका फायदा न तो बसपा को मिल पाया और न ही उसके साथ गठबंधन करने वाले राजनीतिक दल को कोई लाभ मिला। ऐसा इसलिए हुआ कि बसपा सुप्रीमो ने हरियाणा को राजनीतिक रूप से कभी अपने एजेंडे में प्राथमिकता पर रखा ही नहीं। मायावती गठबंधन करती रही और भूलती रही।
पांचवी बार गठबंधन करेगी बसपा
बहुजन समाज पार्टी इस बार राज्य में पांचवीं बार गठबंधन करने जा रही है। प्रदेश में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित हैं। ऐसे गठबंधन हर बार चुनाव के आसपास होते हैं।इस बार बसपा और इनेलो के गठबंधन की घोषणा 11 जुलाई को चंडीगढ़ में होगी, जिसमें दोनों दलों के नेता संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मिलकर चुनाव लड़ने की रूपरेखा तैयार करेंगे।
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने शनिवार को नई दिल्ली में बसपा अध्यक्ष मायावती के साथ मुलाकात कर उन्हें हरियाणा में चुनावी गठजो़ड़ के लिए तैयार कर लिया है। साल 2018 में भी इनेलो और बसपा का गठबंधन हुआ था।
तब इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बसपा अध्यक्ष मायावती की कलाई पर राखी बांधकर गठबंधन की मजबूती का संकल्प लिया था, लेकिन कुछ समय बाद गठबंधन टूट गया और अब करीब छह साल बाद दोनों भाई-बहन के राजनीतिक रिश्ते फिर से परवान चढ़ते दिखाई दे रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।