Haryana News: भ्रष्टाचार के मामलों की जांच होगी तेज, जल्द ही दो दर्जन से ज्यादा चीफ विजिलेंस ऑफिसर होंगे नियुक्त
हरियाणा में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच तेज होगी। जल्द ही 15 चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) नियुक्त किए जाएंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय से इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस संदर्भ में मंजूरी मिल चुकी है। इनमें क्लास-वन के कार्यरत अधिकारियों के अलावा सीबीआई न्यायिक सेवा आईएएस-आईपीएस सहित अन्य सेवाओं से जुड़े अधिकारी हो सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच तेज होगी। जल्द ही 15 चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) नियुक्त किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने चीफ विजिलेंस ऑफिसर नियुक्त करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस संदर्भ में मंजूरी मिल चुकी है।
नियम एवं शर्तों में बदलाव के चलते विजिलेंस डिपार्टमेंट ने एक बार फिर फाइल सीएमओ में भेजी है। यहां से मंजूरी मिलने के बाद चीफ विजिलेंस ऑफिसर के नियुक्ति आदेश जारी होंगे। पहले चरण में सरकार ने 15 चीफ विजिलेंस ऑफिसर नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
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इनमें क्लास-वन के कार्यरत अधिकारियों के अलावा सीबीआई, न्यायिक सेवा, आईएएस-आईपीएस सहित अन्य सेवाओं से जुड़े अधिकारी हो सकते हैं। सेवानिवृत्त अधिकारियों और रिटायर्ड जजों को भी चीफ विजिलेंस ऑफिसर नियुक्त किया जा सकता है।
विजिलेंस ब्रांच ने 24 अधिकारियों का लिया इंटरव्यू
हालांकि सीवीओ की नियुक्ति प्रक्रिया में काफी देरी हो चुकी है। पिछले साल नवंबर में चीफ विजिलेंस ऑफिसर के पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। चीफ विजेंलस ऑफिसर के पदों के लिए आए आवेदनों की छंटनी करने के बाद मुख्य सचिव कार्यालय के अंडर आने वाली विजिलेंस ब्रांच ने 24 अधिकारियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया था। इनमें सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी और जज शामिल हैं।
औपचारिकता के बाद फाइल गई सीएम के पास
नौ अगस्त को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में इंटरव्यू लिए गए। इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीएमओ की मंजूरी के लिए फाइल भेजी गई। मुख्यमंत्री की मुहर के बाद अब नियम एवं शर्तों में संशोधन करके फिर से फाइल को मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजा है। इंटरव्यू बोर्ड मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बना था। इसमें मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव।
इनके अलावा एफसीआर तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) तथा एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक बतौर सदस्य शामिल थे। भ्रष्टाचार के मामलों में सख्ती से निपटने और भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ समय पर जांच सुनिश्चित करने के लिए ही सरकार ने चीफ विजिलेंस आफिसर नियुक्त करने का निर्णय लिया था।
अभी तक विभागीय अधिकारी करते थे जांच
भ्रष्टाचार के मामलों में अभी तक विभागीय अधिकारियों को ही जांच सौंपी जाती थी। चीफ विजिलेंस आफिसर की नियुक्ति होने के बाद यह काम ये अधिकारी करेंगे। इन अधिकारियों को विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों की जिम्मेदारी दी जाएगी। पहले चरण में 15 अधिकारियों की नियुक्ति होगी। अगर आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत होगी तो सरकार और चीफ विजिलेंस ऑफिसर नियुक्त करेगी।
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