हरियाणा बजट सत्र में उठेगा बीबीएमबी में हिस्सेदारी का मामला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की सर्वदलीय मीटिंग बुलाने की मांग
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में हरियाणा-पंजाब की हिस्सेदारी का मामला हरियाणा के बजट सत्र में भी उठेगा। कांग्रेस यह मुद्दा उठाएगी। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की भी मांग की है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 01 Mar 2022 04:23 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में हरियाणा का प्रतिनिधित्व खत्म कर दिए जाने का मुद्दा जोरदार ढंग से उठने की संभावना है। विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बीबीएमबी में हरियाणा के प्रतिनिधित्व को बरकरार रखने के लिए ध्यानाकर्षण और काम रोको प्रस्ताव भी लाएगी। यदि मुख्यमंत्री चाहें तो उनके नेतृत्व में समस्त कांग्रेस विधायक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर अपना हक मांगने जाने को तैयार हैं।
विधानसभा के बजट सत्र से एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस इसके लिए पूरी तरह तैयार है। दो मार्च को भी कांग्रेस विधायकों की बैठक होगी। इससे पहले दो बार कांग्रेस विधायक दल की बैठक हो चुकी है। कांग्रेस ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, बर्बाद फसल का मुआवजा दिलाने, कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने, प्रापर्टी टैक्स लगाने में बरती अनियमितताएं दूर करने, नौकरियों में भ्रष्टाचार दूर करने और पुरानी पेंशन नीति को लागू करने समेत करीब दो दर्जन मुद्दों पर विधानसभा में सवाल लगाए हैं। कांग्रेस विधायकों की ओर से ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और काम रोको प्रस्ताव भी दिए गए हैं।
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार यदि जनहित का बजट पेश करेगी तो कांग्रेस विधायक उसकी सराहना करेंगे। जनविरोधी बजट पेश होने की स्थिति में उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जब हरियाणा और पंजाब का विभाजन हुआ था, तब बीबीएमबी में दोनों राज्यों को प्रतिनिधित्व दिया गया था। अभी तक यह व्यवस्था है कि सिंचाई विंग के लिए सदस्य हरियाणा का होगा और बिजली विंग के लिए सदस्य पंजाब का होगा। यह कारपोरेट बाडी नहीं है। 1966 में तमाम पार्टनर स्टेट ने बीबीएमबी बनाया था। इसका सारा खर्चा स्टेट वहन करते हैं। यदि पंजाब व हरियाणा अलग राज्य नहीं बनते तो बीबीएमबी बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती, क्योंकि राजस्थान के साथ मात्र एग्रीमेंट से काम चल जाता।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीबीएमबी में हरियाणा का प्रतिनिधित्व खत्म करना उचित नहीं है। इससे हरियाणा के सिंचाई के हित प्रभावित होंगे। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को सर्वदलीय मीटिंग बुलानी चाहिए। हम यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाएंगे। बीबीएमबी द्वारा यह कहने पर कि हरियाणा और पंजाब की सदस्यता खत्म नहीं होगी, हुड्डा ने कहा कि यह भ्रम पैदा करने वाला बयान है। हम इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मिलने को तैयार हैं। यदि मुख्यमंत्री मनोहर लाल चाहें तो वह हरियाणा के तमाम सर्वदलीय विधायकों की अगुवानी कर लें। एक सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मणिपुर के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति पहले से बेहतर होगी।
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