Haryana: शव को सड़क पर रखकर जाम लगाना और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना होगा प्रतिबंधित, विधानसभा में बिल लाने की तैयारी
हरियाणा में अब सड़क पर शव रखकर जाम लगाना और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर सरकार जल्द ही एक कानून लाने की तैयारी कर रही हैं। इसके साथ ही निजी अस्पताल संचालकों ने बिना बिल चुकाए शव देने के प्राविधान पर आपत्ति जताई है। दूसरे प्रदेशों के कानून का अध्ययन कर हरियाणा मृत शरीर सम्मान विधेयक के ड्राफ्ट में संशोधन किया जाएगा।
By Sudhir TanwarEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Mon, 11 Dec 2023 07:27 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में शव को सड़क पर रखकर जाम लगाना और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना प्रतिबंधित होगा। 15 दिसंबर को शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हरियाणा मृत शरीर सम्मान विधेयक लाया जा सकता है। हालांकि निजी अस्पताल संचालकों ने बिना बिल चुकाए शव देने के प्रविधान पर आपत्ति जताई है, जिसके चलते बिल को सदन पटल पर रखने से पहले ड्राफ्ट में संशोधन किया जाएगा।
विधेयक में प्रविधान किया गया है कि शव को लेकर किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन अपराध की श्रेणी में आएगा। मृतक के परिजनों के साथ ही प्रदर्शन में शामिल होने वालों पर केस चलेगा। दोषी पाए जाने पर एक साल तक की कैद और 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान किया गया है।अधिकारी शव को कब्जे में लेकर स्वयं अंतिम संस्कार करेंगे।
मृत शरीर सम्मान विधेयक के ड्राफ्ट में होगा संशोधन
वहीं, निजी अस्पताल संचालकों ने बिना बिल चुकाए शव परिजनों को देने के प्रविधान पर आपत्ति जताते हुए दावा किया है कि इससे कानूनी मामले भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज तक आपत्ति पहुंचने के बाद विधेयक के ड्राफ्ट पर फिर से मंथन शुरू हो गया है। राजस्थान सहित दूसरे प्रदेशों के कानून का अध्ययन कर हरियाणा मृत शरीर सम्मान विधेयक के ड्राफ्ट में संशोधन किया जाएगा।
गृहमंत्री विज ने दो प्वाइंट्स पर जताई आपत्ति
विधेयक को मंजूरी से पहले गृह मंत्री अनिल विज ने भी दो बिंदुओं पर आपत्ति लगाई है। उनका कहना है कि विधेयक में अभी कुछ चीजें पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। उसके लिए गृह विभाग को कहा गया है। साथ ही प्रदर्शनकारियों पर ऐसी कार्रवाई का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह जानना भी जरूरी है।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।