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हरियाणा के किसानों की बदलेगी किस्मत! प्रदेश में 400 Pack House बनाएगी जापानी कंपनी, कृषि मंत्री ने दी जानकारी

Pack Houses In Haryana हरियाणा के किसानों की किस्मत अब जल्द बदलने वाली है। जापान की कंपनी हरियाणा में 400 पैक हाउस बनाएगी। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने 1900 करोड़ रुपये के लंबी अवधि के ऋण के लिए समझौता प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है। फसल विविधिकरण की दिशा में यह प्रदेश सरकार की बड़ी पहल है।

By Sudhir TanwarEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 12 Sep 2023 10:34 PM (IST)
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प्रदेश में 400 पैक हाउस बनाएगी जापानी कंपनी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) हरियाणा में 400 पैक हाउस बनाएगी। इस बड़ी परियोजना के लिए जेआईसीए ने 1900 करोड़ रुपये के लंबी अवधि के ऋण के लिए समझौता प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है। जेआईसीए का पांच सदस्यीय शिष्टमंडल मंगलवार को कृषि मंत्री जेपी दलाल से मिला और पैक हाउस बनाने के लिए किए गए सर्वे के आधार पर फैक्ट फाइंडिग रिपोर्ट पर प्रस्तुतिकरण दिया।

फसल विविधिकरण की दिशा में यह प्रदेश सरकार की बड़ी पहल है। पिछले दिनों जेपी दलाल की अगुवाई में एक शिष्टमंडल जापान गया था और वहां की फल एवं सब्जियों की मंडियों का अध्ययन किया था। अब जेआईसीए ने हरियाणा में कोल्ड चेन, पैक हाउस, ई-मार्केटिंग तथा इनफार्मेशन शेयरिंग, क्राप ई-मार्केट और डाटा कम्युनिटी प्लेटफार्म का प्रस्ताव तैयार किया है।

केरल के कोच्चि विश्वविद्यालय के सहयोग से महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल में इंटरनेट ऑफ प्लांट्स पर कार्य किया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि पैक हाउस के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परियोजना प्रबंधक सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी। परियोजना का पहला चरण 2024 से 2028 तथा दूसरा चरण 2029 से 2033 तक होगा।

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सरकार, उद्योगपति व किसानों को एक साथ आने की जरूरत- कृषि मंत्री

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) द्वारा आयोजित चौथे प्रगतिशील किसान सम्मेलन के समापन समारोह में कहा कि किसानों को परंपरागत खेती के अलावा आज बागवानी व अन्य संबद्ध क्षेत्रों में कार्य करने की आवश्यकता है। इससे उनकी कृषि लागत में कमी आएगी और उपज का अच्छा दाम मिलने से आमदनी में भी वृद्धि होगी। कार्यशाला के अलग-अलग सत्रों में किसानों व विशेषज्ञों ने कृषि क्षेत्र के समक्ष आ रही चुनौतियों के समाधान हेतु नवीन पहलों पर चर्चा की।

'किसान फसल विविधीकरण अपनाने से घबराते हैं'

जेपी दलाल ने कहा कि किसानों को कई बार अपनी उपज का कम दाम मिलता है। इसलिए वे परंपरागत फसलों की खेती को छोड़कर फसल विविधीकरण अपनाने से घबराते हैं। इस दिशा में सरकार के साथ-साथ उद्योगपति खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित कर किसानों को बड़ी राहत पहुंचा सकते हैं। चूंकि आज जोत भूमि घटती जा रही है, इसलिए किसानों को आमदनी के अन्य स्रोतों की ओर बढ़ना होगा। परंपरागत खेती की बजाय बागवानी, फल, फूल, मत्स्य पालन, झींगा पालन इत्यादि को अपनाना होगा।

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