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Haryana Politics: दुष्यंत चौटाला ने प्रेस वार्ता कर सीएम सैनी से मांगा इस्तीफा, फिर विधानसभा स्पीकर ने समझाया गणित

हरियाणा में सियासी संकट (Haryana News) के बीच पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा की सहयोगी रही जजपा पार्टी के नेता पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को हिसार में पत्रकारों के साथ बातचीत की। जिसमें उन्होंने सैनी सरकार पर अल्पमत होने का आरोप लगाते हुए उनका इस्तीफा मांगा। इससे पहले स्पीकर ने कहा विधानसभा में जो पहले स्थिति विधायकों की तब थी वही अभी भी है।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 08 May 2024 02:14 PM (IST)
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Haryana News: दुष्यंत चौटाला ने प्रेस वार्ता कर सीएम सैनी से मांगा इस्तीफा। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता,चंडीगढ़। (Haryana Politics Hindi News) हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बीच जबरदस्त राजनीतिक घटनाक्रम घटा है। जिसमें अब सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। आज पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने पत्रकार वार्ता की। दुष्यंत ने इस दौरान कहा कि बहुमत साबित करें, नहीं तो सीएम को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।

जजपा विधायक पार्टी में रहते हुए व्हिप का नहीं कर सकते उल्लंघन-दुष्यंत 

अविश्वास प्रस्ताव पिछली सरकार के खिलाफ लाया गया था, न कि वर्तमान सरकार के खिलाफ। चौटाला ने कहा कि सरकार गिराने में समूचे विपक्ष के साथ जेजेपी (JJP News) खड़ी है। उन्होंने कहा कि जेजेपी विधायक पार्टी में रहते हुए व्हिप का उल्लंघन नहीं कर सकते। पार्टी ने तीन विधायकों को अन्य दलों की स्टेज शेयर करने के कारण नोटिस जारी किया है। अन्य दलों की मदद करनी है तो विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।

विधानसभा में स्थिति अभी भी वही है- स्पीकर

स्पीकर ने कहा मुझे मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली है। अभी तक लिखित में कोई जानकारी नहीं आई है। उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल बीजेपी (Haryana BJP) के विधायकों की संख्या 40 है , 10 जेजेपी के 6 निर्दलीय विधायक , 30 कांग्रेस , एक हलोपा और एक इनेलो विधायक (INLD News) हैं।

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6 महीने बाद ही अविश्वास प्रस्ताव संभव- विधानसभा स्पीकर

विधानसभा स्पीकर (Gian Chand Gupta) ने समर्थन देने पर कहा ये तकनीकी चीजें हैं। जिसका निर्णय राज्यपाल साहब करेंगे कि पहले दिया हुआ समर्थन ठीक था या अब ठीक है। स्पीकर ने कहा कि जब अविश्वास प्रस्ताव आता है उसके 6 महीने बाद ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।

सरकार अल्पमत में है। ये नहीं कहा जा सकता। सरकार पूरी तरह इंटेक्ट है। सेशन बुलाने पर कहा कि राज्यपाल फैसला करेंगे जो फैसला वो करेंगे वहीं मान्य होगा।

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