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करनाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को छह साल पुराने मामले में मिली जमानत, पूर्व CM मनोहर लाल से होगा मुकाबला

हरियाणा की करनाल सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को छह साल पुराने मामले में जमानत मिल गई है। दिव्यांशु ने साल 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ बेरोजगारी को लेकर फ्लैक्स बोर्ड लगाए थे। जिसके बाद उन पर मामला दर्ज हुआ। उन्हें कोर्ट ने कई समन भी भेजे। लेकिन बुद्धिराजा ने किसी समन का पालन नहीं किया। जिसके बाद उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 03 May 2024 03:07 PM (IST)
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करनाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को छह साल पुराने मामले में मिली जमानत
जेएनएन, पंचकूला। Haryana News: हरियाणा में करनाल से कांग्रेस प्रत्याशी तथा हरियाणा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा (Divyanshu Budhiraja) को कोर्ट ने जमानत दे दी है। दिव्यांशु बुद्धिराजा ने आज ही पंचकूला कोर्ट में सरेंडर किया था। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट के समक्ष बेल की अर्जी लगाई। बुद्धिराजा करनाल से कांग्रेस प्रत्याशी है, यहां उनका मुकाबला प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Former CM Manohar Lal) से होगा।

पंचकूला कोर्ट में किया सरेंडर

गुरुवार को दिव्यांशु बुद्धिराजा ने अदालत में भी रिहाई को लेकर याचिका दायर की थी। लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। जिसके बाद आज उन्होंने पंचकूला कोर्ट में संविधान की प्रति के साथ सरेंडर किया।

अपनी याचिका में बुद्धिराजा ने पंचकूला में दर्ज एफआइआर व उन्हें भगोड़ा घोषित करने के पंचकूला कोर्ट के आदेश को रद करने की मांग की थी।

मनोहर लाल के खिलाफ लगाए थे फ्लैक्स बोर्ड

याचिका में आरोप लगाया गया कि पंचकूला अदालत ने नियमों की अनुपालना न करते हुए उन्हें भगोड़ा घोषित किया है। याचिका के अनुसार उन्हें वर्ष 2018 में हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल के खिलाफ बेरोजगारी को लेकर फ्लैक्स बोर्ड लगाने पर दर्ज केस में भगोड़ा घोषित किया गया।

बुद्धिराजा के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर तीन जनवरी 2024 को पंचकूला सेक्टर 14 के पुलिस थाना में धारा 174ए के तहत मामला दर्ज किया गया। बुद्धिराजा के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की पुलिस में शिकायत दर्ज थी। इस मामले में न्यायालय में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान वह पेश नहीं हुए थे। जिसके बाद उन्हें भगोड़ा साबित कर दिया गया था।

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