कानून छात्रा से दुष्कर्म व ब्लैकमेलिंग मामले में सजा के खिलाफ दो छात्रों की याचिका खारिज, पढ़ें पूरा मामला
सोनीपत की यूनिवर्सिटी में कानून छात्रा से दुष्कर्म व ब्लैकमेलिंग मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में हाई कोर्ट ने दो छात्रों की सजा के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया। सोनीपत कोर्ट ने दो छात्रों को 20 साल व एक को सात साल की सजा दी थी।
By Jagran NewsEdited By: Kamlesh BhattUpdated: Sat, 01 Oct 2022 09:31 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सोनीपत की एक यूनिवर्सिटी की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग से जुड़े मामले में कानून की पढ़ाई करने वाले दो पूर्व छात्रों की सजा को बरकरार रखा है। हाई कोर्ट ने एक आरोपित की सजा के खिलाफ अपील को स्वीकार कर लिया है। यानी उसे राहत दे दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हाई कोर्ट ने यह केस दोबारा सुना है। हाई कोर्ट इस केस में पहले आरोपितों को जमानत दे चुका था, जिस पर सवाल उठे थे।
हाई कोर्ट के जस्टिस तेजिंदर सिंह ढींढसा और जस्टिस पंकज जैन की खंडपीठ ने हार्दिक सीकरी और करण छाबड़ा की सजा के खिलाफ दायर अपील को खारिज करते हुए यह आदेश दिए हैं। बेंच ने विकास गर्ग द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया। यह आदेश बेंच ने ओपन कोर्ट में सुनाया, लेकिन फैसले की कापी समाचार लिखे जाने तक जारी नहीं हुई है।यह केस हाई प्रोफाइल मामलों में से एक था, जहां सोनीपत की एक स्थानीय अदालत ने सुबूत के तौर पर इलेक्ट्रानिक डाटा का इस्तेमाल करते हुए विश्वविद्यालय के तीन कानून के छात्रों को दुष्कर्म के लिए दोषी ठहराया था।
24 मई 2017 को सोनीपत की एक स्थानीय अदालत ने हार्दिक और करण को 20 साल की सजा और विकास को सात साल जेल की सजा सुनाई थी। उन्हें दो साल तक उसी विश्वविद्यालय की एक छात्रा को ब्लैकमेल करने और सामूहिक दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया गया था।
आरोपितों के वकील का तर्क
आदेश को चुनौती देते हुए आरोपित के वकील ने तर्क दिया था कि पीड़िता की गवाही से यह नहीं पता चलता है कि उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था या वह स्वयं इस मामले में शामिल थी। छात्रा ने 11 अप्रैल 2015 को विश्वविद्यालय प्रशासन को एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विश्वविद्यालय में कानून के अंतिम वर्ष के तीनों छात्र अगस्त 2013 से उसे ब्लैकमेल कर रहे हैं और उसके साथ दुष्कर्म कर रहे हैं।छात्रा का आरोप था खिंचवाते हैं आपत्तिजनक फोटो
छात्रा ने यह भी आरोप लगाया था कि आरोपित उसके साथ आपत्तिजनक फोटो खिंचवाते थे और फोटो वायरल करने का डर देकर उसे धमकाते थे। उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था और उसे अपने साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
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