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Lok Sabha Election: चुनाव में गलत जानकारी देना नेताओं को पड़ेगा भारी, जुर्माने के साथ-साथ खानी पड़ सकती है जेल की हवा

Haryana News पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने यह क्लियर कर दिया है कि यदि चुनाव लड़ने वाले किसी भी उम्मीदवार द्वारा गलत हलफनामा दायर किया जाता है तो उस स्थिति में उक्त उम्मीदवार को जुर्माने के साथ-साथ छह महीने की जेल हो सकती है। इस बाबत लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 ए के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 17 May 2024 11:23 AM (IST)
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Haryana News: चुनाव में गलत जानकारी देना नेताओं को पड़ेगा भारी

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana News: झज्जर के बादली से कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स पर विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान गलत जानकारी देने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई जुलाई माह तक स्थगित कर दी है।

हालांकि हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव लड़ने वाले किसी भी उम्मीदवार द्वारा गलत हलफनामा दायर करने पर छह महीने तक की सजा और जुर्माना होगा।

इन अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

हाई कोर्ट के अनुसार अगर गलत हलफनामा के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 ए के तहत मुकदमा चलाया गया है, फिर भी यह चुनाव को रद्द करने या अयोग्यता घोषित करने का आधार नहीं है।

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हालांकि, हाई कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग को इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का आदेश दिया हुआ है। इस मामले में पूर्व विधायक नरेश कुमार ने अपनी याचिका में बादली विधायक कुलदीप वत्स को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने और उनसे ब्याज सहित सभी आर्थिक और आर्थिक लाभ वसूलने के निर्देश देने की मांग की है।

शिक्षा से जुड़ी जानकारी दी थी गलत

याचिकाकर्ता के अनुसार, वत्स ने हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र के साथ दायर हलफनामे में जानबूझकर अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी दी है।

याचिका में धोखाधड़ी, जालसाजी, झूठी गवाही और विश्वासघात के अपराध करने के लिए उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए आगे के निर्देश भी मांगे गए हैं।

याचिका के अनुसार, 2014 के विधानसभा चुनावों में, वत्स ने सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, झज्जर से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण किया था, जो वर्ष 1992 में शिक्षा बोर्ड, भिवानी से संबद्ध था, जबकि वर्ष 2019 में, उपरोक्त निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और अपने हलफनामे में शैक्षिक योग्यता के शीर्षक के तहत जानकारी दी, उसने वर्ष 1992 में हरियाणा बोर्ड से मैट्रिक पास की थी।

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