Move to Jagran APP

Haryana News: उम्मीदवारों को लेकर अगर कांग्रेस की ये रणनीति होगी कामयाब, फिर भाजपा को बदलनी पड़ेगी अपनी चाल

लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर देने के लिए उनके सामने कांग्रेस भी अपने दिग्गज उम्मीदवार उतारना चाहती है। इसी को लेकर पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पिछली बार सभी दस सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस की रणनीति अगर कामयाब होती है तो भाजपा को अपनी चाल बदलनी पड़ेगी।

By Monu Kumar Jha Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 03 Apr 2024 02:52 PM (IST)
Hero Image
Haryana News: कांग्रेस का सभी दिग्गजों को रण में उतारने पर मंथन।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। (Lok Sabha Chunav 2024) हरियाणा (Haryana News) के लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त प्रदान करने के लिए कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। कांग्रेस हाईकमान ने राज्य के सभी प्रमुख नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने के संकेत दिए हैं। कांग्रेस का मानना है कि ऐसा करने से जहां भाजपा को कड़ी टक्कर मिल सकेगी, वहीं पार्टी नेता एक दूसरे का कांटा निकालने के अपने व्यक्तिगत मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकेंगे।

कांग्रेस (Haryana Congress) की इस बदली हुई रणनीति को देखते हुए भाजपा Haryana BJP) को भी कुछ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों में बदलाव करना पड़ सकता है। हालांकि भाजपा ने संकेत दिए हैं कि अभी उसका उम्मीदवार बदलने का कोई इरादा नहीं है। भाजपा नेताओं का संकल्प है कि वे सभी 10 लोकसभा सीटों पर कमल का फूल खिलाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की झोली में डालेंगे।

जबकि कांग्रेस के वार रूम में मंगलवार को जो बैठक हुई, उसमें मुख्य मुद्दा यही रहा कि हमें कम से कम पांच लोकसभा सीटों पर जबरदस्त तरीके से चुनाव लड़ना है। रोहतक से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा खम ठोंककर दावेदारी का दावा कर रहे हैं।

लेकिन हाईकमान की इच्छा भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) को चुनाव लड़ाने की है। हुड्डा विरोधी खेमे ने हाईकमान पर दबाव बना रखा है कि यदि कुमारी सैलजा को चुनाव लड़वाया जाना है तो भूपेंद्र हुड्डा को भी उतारा जाना चाहिए। भिवानी-महेंद्रगढ़ से किरण चौधरी को चुनाव लड़ाने पर हाईकमान विचार कर रहा है।

अंबाला व सिरसा के बीच में फंसी सैलजा की दावेदारी

किरण चौधरी (Kiran Choudhry) की गिनती कुमारी सैलजा (Kumari Selja) और रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) के साथ तिकड़ी में होती है। दीपेंद्र हुड्डा की तरह सुरजेवाला ने स्वयं भी लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर नहीं की है।

यह भी पढ़ें: Roadways Buses Free Travel: हरियाणावासियों के लिए खुशखबरी! 109 रुपये में बनवा लीजिए ये कार्ड एक साल तक करिए मुफ्त यात्रा

 इसलिए रणदीप को लोकसभा के रण से अलग रखा जा सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा को अंबाला लोकसभा सीट (Ambala Lok Sabha Seat) से चुनाव लड़ाए जाने की संभावना है, जबकि उनके समर्थक सिरसा में लड़वाने के लिए हाईकमान पर दबाव बना रहे हैं। वहीं, फूलचंद मुलाना के बेटे वरुण मुलाना के नाम की भी अंबाला से चर्चा है।

बीरेंद्र को सोनीपत, चंद्रमोहन पर हिसार से विचार

बीरेंद्र सिंह (Birender Singh) कांग्रेस में शामिल होते हैं तो उन्हें सोनीपत सीट से जबकि पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे चंद्रमोहन और रिटायर्ड आइएएस अधिकारी चंद्रप्रकाश जांगड़ा को हिसार से चुनाव लड़ाने की भी चर्चा है।

पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह को फरीदाबाद सीट (Faridabad Lok Sabha Seat) से उतारे जाने पर हाईकमान गंभीर है। राव दान सिंह को गुरुग्राम सीट (Gurugram Lok Sabha Seat) पर जबकि पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव के साथ फिल्म अभिनेता राजबब्बर और हरियाणा कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान जितेंद्र भारद्वाज की चर्चा है।

करनाल में मनोहर के सामने अशोक अरोड़ा और मराठा वीरेंद्र वर्मा

करनाल से पूर्व सीएम मनोहर लाल के सामने पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य पंडित के स्थान पर कुलदीप शर्मा को चुनावी रण में उतारने की चर्चा चल रही है। इनके अलावा यहां पूर्व स्पीकर एवं पूर्व मंत्री तथा प्रमुख पंजाबी नेता अशोक अरोड़ा।

 मराठा वीरेंद्र वर्मा और ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी के नामों पर भी वार रूप में चर्चा की गई है। सिरसा से हुड्डा खेमा पूर्व विधायक जरनैल सिंह और विधायक शीशपाल कैहरवाला को चुनाव लड़वाना चाहता है, जबकि कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी की पसंद प्रदीप नरवाल नाम का नया चेहरा है।

कांग्रेस की रणनीति कामयाब हुई तो भाजपा को बदलनी पड़ेगी चाल

हिसार (Hisar Lok Sabha Seat) में पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश जेपी, सोनीपत (Sonipat Lok Sabha Seat) में सतपाल ब्रह्मचारी, भिवानी में श्रुति चौधरी व राव दान सिंह के नामों की भी चर्चा है। भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि यदि कांग्रेस गंभीरता के साथ अपने प्रत्याशी चुनावी रण में उतारती है तो उसे चार से पांच सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है, लेकिन यह तभी होगा, जब कांग्रेस लोकसभा के चुनाव में सर्वमान्य प्रत्याशी उतारने को लेकर गंभीर नजर आएगी।

यह भी पढ़ें: Karnal by-Election: हाई कोर्ट ने सरकार को दी बड़ी राहत, करनाल सीट पर उपचुनाव न कराने वाली याचिका रद्द

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।