Haryana News: हरियाणा कैबिनेट बैठक में लिए गए बड़े फैसले, पानीपत रिफाइनरी को 350 एकड़ जमीन बेचेगी सरकार
सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आईओसीएल पानीपत रिफाइनरी के पहले चरण के लिए 350.5 एकड़ पंचायती जमीन को बेचने की मंजूरी प्रदान कर दी गई है। साथ ही पूरे राज्य में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली प्रौद्योगिकी और संचार बुनियादी ढांचे की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से कम्युनिकेशन एन्ड कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी में संशोधन को मंजूरी दी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने पानीपत रिफाइनरी के विस्तार के लिए तीन गांवों की ग्राम पंचायतों को अपनी 350.5 एकड़ जमीन बेचने की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आईओसीएल पानीपत रिफाइनरी के पहले चरण के विस्तार के लिए तीन गांवों आसनकलां, बाल जाटान तथा खंडरा की ग्राम पंचायतों को 350.5 एकड़ पंचायती जमीन को इंडियल ऑयल कॉर्पोरेशन पानीपत रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स पानीपत को बेचने की मंजूरी प्रदान की गई।
आईओसीएल पानीपत रिफाइनरी आसनकलां गांव की 140 एकड़ 6 कनाल 12 मरला, बाल जाटान गांव की 152 एकड़ 2 कनाल 15 मरला व खंडरा गांव की 57 एकड़ 2 कनाल 19 मरला भूमि को बाजार कीमत 2.20 करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से खरीदेगी। इसके अलावा आईओसीएल इन गांवों के विकास कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों को 10 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से राशि का भी भुगतान करेगी।
हरियाणा सरकार ने शुरू की एकमुश्त व्यवस्थापन स्कीम
हरियाणा में बकाया राशि की वसूली में तेजी लाने और मुकदमेबाजी कम करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक में एकमुश्त व्यवस्थापन स्कीम 2023 नामक एक अनूठी योजना को मंजूरी प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में घोषणा करते हुए कहा था कि बकाया वसूली के लिए विवादों का समाधान योजना के तहत इस प्रकार की एक योजना लाई जाएगी।
यह योजना पूर्व-जीएसटी प्रणाली में आबकारी एवं कराधान विभाग के विभिन्न अधिनियमों द्वारा शासित बकाया राशि की वसूली की सुविधा के लिए बनाई गई है। यह योजना अधिसूचना की तिथि से लागू होगी। इस योजना के अंतर्गत आने वाले अधिनियमों में सात अधिनियमों हरियाणा मूल्य वर्धित कर अधिनियम 2003, केंद्रीय विक्रय कर अधिनियम 1956, हरियाणा स्थानीय क्षेत्र विकास कर अधिनियम 2000, हरियाणा स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम 2008, हरियाणा सुख साधन कर अधिनियम 2007, पंजाब मनोरंजन शुल्क अधिनियम 1955 और हरियाणा साधारण विक्रय कर अधिनियम 1973 से संबंधित बकाया शामिल हैं।
संचार और कनेक्टिविटी अवसंरचना नीति में संशोधन को दी मंजूरी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रिमंडल की बैठक में पूरे राज्य में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली प्रौद्योगिकी और संचार बुनियादी ढांचे की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से ' कम्युनिकेशन एन्ड कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी -2023' में संशोधन को मंजूरी दी है। यह नई पॉलिसी 'कम्युनिकेशन एन्ड कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी - 2017' की जगह लेगी और 2022 में केंद्रीय संचार मंत्रालय (दूरसंचार विभाग) द्वारा अधिसूचित संशोधित भारतीय टेलीग्राफ राइट ऑफ वे नियमों के साथ संरेखित होगी।
कैबिनेट का यह निर्णय दूरसंचार क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति के एकीकरण को प्रोत्साहित करता है, जिसमें 'फाइबर टू द होम' (एफटीटीएच) और ओपन एक्सेस नेटवर्क (ओएएन) जैसे अभिनव व्यवसाय मॉडल शामिल हैं, जो नेटवर्क तक भौतिक पहुंच को सेवा वितरण से अलग करता है। यह संशोधित नीति सड़कों के किनारे नलिकाओं के माध्यम से 5जी सक्षम बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एक रूपरेखा स्थापित करती है, जिससे कई सेवा प्रदाताओं को राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) उपलब्धता को अनुकूलित करने और कई बुनियादी ढांचे प्रदाताओं द्वारा आरओडब्ल्यू में खुदाई के कारण होने वाले बार-बार होने वाले व्यवधानों को रोकने के लिए एक ही बुनियादी ढांचे को साझा करने की अनुमति मिलती है।
जिला उपायुक्त देंगे मंजूरी
नए स्वीकृत कार्यक्रम के तहत यदि नोडल अधिकारी आवेदन जमा करने की तारीख से 45 दिनों के भीतर अनुमति देने या आवेदन को अस्वीकार करने में विफल रहता है, तो अनुमति दी गई मानी जाएगी। संबंधित जिले के उपायुक्त सभी मंजूरियों के लिए एकमात्र संपर्क व्यक्ति होंगे। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग से पंजीकृत या लाइसेंस प्राप्त कोई भी दूरसंचार बुनियादी ढांचा और सेवा प्रदाता या संचार और कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचे को बिछाने के लिए लाइसेंसधारी द्वारा विधिवत अधिकृत बुनियादी ढांचा प्रदाता इस नीति के तहत राज्य में कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर एवं संचार स्थापित करने, बिछाने या प्रदान करने के लिए अनुमति लेने के लिए पात्र है।