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मनोहर-दुष्यंत की जोड़ी बनाने जा रही बड़ा कानून, हरियाणवी युवाओं के लिए होगी जॉब की बारिश

हरियाणा में मनोहरलाल और दुष्‍यंत चौटाला की जोड़ी बड़ा कानून बनाने जा रही है। हरियाणवी युवाओं को नौकरियों में 75 फीसद आरक्षण देने के कानून का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 07 Jun 2020 08:41 AM (IST)
मनोहर-दुष्यंत की जोड़ी बनाने जा रही बड़ा कानून, हरियाणवी युवाओं के लिए होगी जॉब की बारिश
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल और उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला की जोड़ी राज्‍य के युवाओं के लिए बड़ा कानून बनाने जा रही है। इस कानून का खाका बना लिया है और इसका ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इससे हरियाणा के युवाओं के लिए नौकरियों के बंपर अवसर पैदा होंगे। इस कानून के बनने से हरियाणा के युवाओं को राज्‍य में निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण मिल सकेगा।

हरियाणा के युवाओं की प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी

इसकी कवायद हालांकि पिछले छह माह से चल रही थी, लेकिन उद्यमी चाहते थे कि उनकी फैक्ट्रियों में कुशल श्रमिक ही काम करें। अब कोरोना महामारी के चलते परिस्थितियां बदली हैं। लाखों कामगार हरियाणा से अपने प्रदेशों में लौट चुके हैं। उनमें से कुछ आने को तैयार हैं तो कुछ आना नहीं चाहते। ऐसे में हरियाणा के युवाओं की प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में राह आसान हो गई है।

 

हरियाणा सकरार ने तैयार किया कानून का खाका, ड्राफ्ट तैयार

हरियाणा की भाजपा सरकार के सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी ने चुनाव के दौरान लोगों से प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया था। भाजपा ने भी अपने संकल्प पत्र में 75 की बजाय 90 फीसदी तक हरियाणा के युवाओं को रोजगार दिलाने की बात कही थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी चाहते थे कि इस दिशा में आगे बढ़ा जाए, लेकिन आरंभ में इस योजना का यह कहते हुए विरोध हुआ कि यदि किसी फैक्ट्री में कुशल श्रमिकों की जरूरत है और आरक्षण के चलते हरियाणा के जिन युवाओं को नौकरी पर रख लिया गया तथा वह कुशल नहीं हुए तो उद्यमियों के रोजगार धंधे चौपट हो सकते हैं।

कोरोना महामारी के चलते कामगारों के पलायन से हुई सरकार की राह आसान


उद्यमियों का भरोसा जीतने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ-साथ डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने खासी मेहनत की। दुष्यंत उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री भी हैं। उन्होंने उद्यमियों के साथ एक के बाद एक हुई चर्चा में समझाया कि कोई भी व्यक्ति शुरू से कुशल नहीं हो सकता। उसे हुनरमंद बनाया जा सकता है। इसके लिए हरियाणा के पलवल जिले में कौशल विकास विश्वविद्यालय भी है, जहां विभिन्न ट्रेड की पढ़ाई कराई जाती है। उद्यमियों को उनकी जरूरत के हिसाब से हरियाणा के युवाओं का नौकरियों में चयन करना होगा।

इस बार अगस्त में होने वाले विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा बिल

डिप्टी सीएम और सीएम की मुहिम का असर यह हुआ कि उद्यमी इस कानून के लिए तैयार हो गए। रही सही कसर कोरोना महामारी के चलते कामगारों के अपने प्रदेश लौटने ने पूरी कर दी। अब हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां प्राइवेट नौकरियों में युवाओं को आरक्षण देने का कानून बनाया जा रहा है।

हरियाणा सरकार की इस योजना को महा अधिवक्ता कार्यालय ने भी स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिसके बाद अब इसे अगस्त माह के दौरान होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पारित किया जाएगा। इस फैसले के साथ ही हरियाणा सरकार में सहयोगी भाजपा व जजपा चुनाव से पहले किए गए अपने बड़े वादे को पूरा कर सकेंगी। इस फैसले के लागू होने से प्रदेश के लाखों युवाओं को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।

50 हजार रुपये मासिक से कम वाली नौकरियों पर लागू होगा नियम

हरियाणा की गठबंधन सरकार ने आम राय कायम कर साझा ड्राफ्ट तैयार किया है। सरकार ने यह ड्राफ्ट देश में विभिन्न जातियों के लिए नौकरियों व दाखिलों में लागू आरक्षण पॉलिसी की तर्ज पर बनाया है। ड्रॉफ्ट के अनुसार प्रदेश के सभी उद्योगों व प्राइवेट कंपनियों में 75 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित होंगी। इनमें विभिन्न प्रकार की संस्थाएं भी शामिल रहेंगी।

ड्रॉफ्ट में प्रावधान किया गया है कि आरक्षण 50 हजार से कम मासिक वेतन वाली नौकरियों पर ही लागू होगा। इससे अधिक वेतन की नौकरियों के मामले में सरकार कंपनियों पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाएगी। प्राइवेट इंडस्ट्री व कंपनियों में नौकरी के लिए हरियाणा का स्थाई निवासी होना अनिवार्य होगा। सरकार द्वारा शुरू किए गए रोजगार पोर्टल से इसे कनेक्ट किया जाएगा। युवा इस पर आवेदन कर सकेंगे और कंपनियों को भी नौकरियों का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड करना होगा।

पहले चरण में 10 साल के लिए लागू होगी आरक्षण व्यवस्था
केंद्र सरकार ने जिस तरह से एससी-बीसी जातियों को पहले 10 साल के लिए नौकरियों में आरक्षण दिया था, उसी तरह प्राइवेट नौकरियों में भी स्थानीय युवाओं के लिए पहले 10 साल के लिए आरक्षण लागू रहेगा। बाद में इसे आगे और 10 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकेगा।

राज्य में यह कानून लागू होने के बाद उद्योगों व प्राइवेट कंपनियों को स्थानीय युवाओं का 75 प्रतिशत आरक्षण पूरा करने के लिए तीन साल का वक्त मिलेगा। फैक्ट्री में कुल पदों पर यह आरक्षण लागू होगा। रिटायर होने या नौकरी छोड़कर जाने वाले कर्मचारियों की जगह हरियाणा के युवाओं को उनका बनने वाला हिस्सा मिलेगा।

हरियाणा सरकार ने ड्राफ्ट को बिल बनाने के लिए भेजा

हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा, हम प्रदेश के युवाओं से किया सबसे बड़ा वादा पूरा करने जा रहे हैं। प्राइवेट नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण का ड्रॉफ्ट अप्रूव हो चुका है। एलआर की कानूनी मंजूरी भी आ गई। अब ड्रॉफ्ट को बिल बनाने के लिए भेजा गया है। अगले मानसून सत्र में यह बिल विधानसभा में पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहरलाल का कहना है कि हरियाणा के युवाओं के हितों की किसी सूरत में अनदेखी नहीं होने दी जाएगी।

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