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Haryana News: मनोहर सरकार ने स्थापित किया हरियाणा कन्या कोष, महिला सशक्तिकरण पर होगा खर्च

हरियाणा (Haryana) में लिंगानुपात में काफी तेजी से सुधार हो रहा है। अब प्रदेश में एक हजार लड़कों में 932 लड़कियां जन्म ले रही हैं। वहीं प्रदेश सरकार ने हरियाणा कन्या कोष (Haryana Kanya Kosh) के नाम से एक फंड स्थापित किया है जो दान नकद और सरचार्ज के रूप में राशि को लड़कियों के सशक्तिकरण (Women Empowerment) पर खर्च की जाएगी।

By Anurag AggarwaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sun, 22 Oct 2023 05:05 PM (IST)
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मनोहर सरकार ने स्थापित किया हरियाणा कन्या कोष, महिला सशक्तिकरण पर होगा खर्च।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पहले कभी कन्या भ्रूण हत्या के लिए बदनाम रहे हरियाणा में तेजी के साथ लिंग अनुपात में सुधार हो रहा है। प्रदेश सरकार की सख्ती और लोगों की जागरूकता का असर है कि अब राज्य में बेटियां कोख में नहीं मारी जाती। लड़कियों को बोझ समझने वाले लोगों की मानसिकता में बदलाव कर सरकार ने करीब एक दर्जन ऐसी सरकारी योजनाएं शुरू की हैं, जो बेटियों के साथ-साथ उनके मां-बाप का सहारा बन रही हैं।

प्रदेश सरकार ने राज्य में हरियाणा कन्या कोष के नाम से एक फंड स्थापित किया है, जो दान, नकद और सरचार्ज के रूप में प्राप्त होने वाली राशि से संचालित होगा। इस कोष से जरूरतमंद बेटियों की हर तरह की मदद सरकार करेगी। इस कोष से 54 लाख रुपये की राशि लड़कियों के सशक्तीकरण पर खर्च की गई है।

हरियाणा में आया लिंगानुपात में सुधार

हरियाणा में साल 2011 की जनगणना में जो लिंगानुपात 830 था, वह 2014 में सुधरकर 871 और अब सितंबर 2023 में 932 तक पहुंच चुका है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस लिंगानुपात को बढ़ाकर 950 तक ले जाने का इरादा रखते हैं। इस लक्ष्य तक पहुंचने में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का सहयोग रहा है, जिसकी नींव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत में रखी थी। यह कार्यक्रम अब केवल एक सरकारी योजना भर नहीं रह गया, बल्कि क्रांतिकारी सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बन चुका है।

सरकार ने पीएनडीटी एक्ट तथा एमटीपी एक्ट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए जुलाई 2023 तक 1115 एफआइआर दर्ज की हैं।

महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई में आई तेजी

हरियाणा ने सुकन्या समृद्धि खाता योजना को भी सफलतापूर्वक लागू किया है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री ने पानीपत में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ ही की थी। इस योजना के तहत बच्चियों के जन्म से लेकर 10 वर्ष की आयु तक एक हजार रुपये से खाता खोला जा सकता है और डेढ़ लाख रुपये तक इस खाते में जमा कराए जा सकते हैं।

21 साल बाद पूरी जमाराशि ब्याज सहित मिलती है। इसके तहत अब तक 7 लाख 38 हजार 457 खाते खुलवाए जा चुके हैं। महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधिक मामलों की तेज सुनवाई के लिए 16 फास्टट्रैक अदालतें स्थापित की गई हैं। 12 वर्ष से कम आयु वाली बच्ची से दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा का प्रविधान किया है।

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पुलिस में महिला कर्मियों की संख्या 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य

प्रदेश में ना केवल 31 महिला थाने स्थापित हो चुके हैं, बल्कि महिला पुलिसकर्मियों की संख्या भी 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर राज्य में 181 विशेष बसें चलाई गई हैं। प्रदेश में लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्चतर शिक्षा में लड़कियों का कुल नामांकन अनुपात 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल यह 32 प्रतिशत है।

गरीब परिवारों की पहली बेटी के जन्म पर 21 हजार रुपये

आपकी बेटी, हमारी बेटी योजना के तहत अनुसूचित जाति तथा गरीब परिवारों को पहली बेटी के जन्म पर 21 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। सभी परिवारों को दूसरी बेटी के जन्म पर इतनी ही धनराशि मिलती है। यह राशि भारतीय जीवन बीमा निगम में जमा कर दी जाती है और बालिका जब 18 वर्ष की होती है तो उसे एकमुश्त एक लाख रुपये की राशि प्राप्त होती है। मनोहर लाल सरकार ने अब इस योजना में तीसरी बेटी को भी शामिल कर लिया है। इस योजना के तहत अब तक 4 लाख 45 हजार 711 लाभार्थियों को कवर किया जा चुका है।

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