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निजी उद्योगों के जाब में हरियाणवी युवाओं को आरक्षण कानून में कई पेंच, जानें कब तक मिलेंगी 75 फीसद नौकरियां

Haryana Job Reservation Law हरियाणा में निजी क्षेत्र की नाैकरियों में राज्‍य के युवाओं को आरक्षण के कानून में कई पेंच हैं। विशेषज्ञाें के अनुसार इसके तहत 10 साल तक नौकरियां मिलेंगी। इसके साथ ही इसमें डोमिसाइल शब्‍द को लेकर भी संशय जताया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 17 Oct 2021 08:58 AM (IST)
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निजी क्षेत्र की नौकरियों में हरियाणवी युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण कानून में 10 साल तक जाब मिलेगी। (फाइल फोटो)
चंडीगढ़, राज्‍य ब्‍यूरो। Haryana Private Job Reservation Law: हरियाणा में निजी उद्योगों में 75 फीसद नौकरियां स्थानीय युवाओं को देने का कानून जल्द लागू होने वाला है। लेकिन, विशेषज्ञ इसमें कई पेंच व उलझन बता रहे हैं। उनका कहना है कि कानून में कुछ बातों को स्‍पष्‍ट किया जाना चाहिए। इसके तहत 10 साल तक ही निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं को आरक्षण मिल सकेगा। इसके साथ ही इसमें स्‍थानीय उम्‍मीदवार की परिभाषा पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि इसके लिए डोमिसाइल शब्‍द का इस्‍तेमाल किया गया है।

दरअसल, मौजूदा कानून के मुताबिक प्रदेश के युवाओं को निजी क्षेत्र में आरक्षण का लाभ दस साल तक ही मिल पाएगा। स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन कानून-2020 की धारा एक(चार) में स्पष्ट उल्लेख है कि यह कानून लागू होने के 10 वर्षों तक ही अस्तित्व में रहेगा। 

नई कंपनियों को दो साल के लिए शर्ताें में छूट के लिए कानून में करना पड़ेगा बदलाव

प्रदेश सरकार उद्यमियों के दबाव में इस बात पर राजी हो गई है कि स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित नौकरियों की अधिकतम वेतन सीमा को 50 हजार रुपये मासिक से घटाकर 30 हजार रुपये कर दिया जाए। साथ ही नई स्थापित कंपनियों और स्टार्ट अप को पहले दो वर्षों तक इस कानून के दायरे से बाहर रखा जाएगा।

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि कानून की धारा तीन और चार के मुताबिक प्रदेश सरकार बिना कानूनी संशोधन किए अधिकतम वेतन सीमा को 50 हजार रुपये प्रतिमाह से घटाकर 30 हजार रुपये कर सकती है। लेकिन, अगर नई कंपनियों को दो साल के लिए इस कानून से छूट देनी है तो कानूनी संशोधन जरूरी है।

स्थानीय उम्मीदवार की परिभाषा में डोमिसाइल शब्द पर सवाल, विशेषज्ञ बाेले- बोनाफाइड रेजिडेंट हो

वहीं, हेमंत ने कानून में डोमिसाइल (हरियाणा राज्य का अधिवासी) शब्द के इस्तेमाल पर सवाल भी उठाए। उन्होंने बताया कि जून 1984 में सुप्रीम कोर्ट के डा. प्रदीप जैन बनाम भारत सरकार में दिए गए निर्णय के अनुसार देश के सभी नागरिकोंं का डोमिसाइल भारत देश का है न कि उस प्रदेश का, जहां के वह मूल निवासी हैं। प्रदेशवासी भी हरियाणा के डोमिसाइल नहीं बल्कि बोनाफाइड रेजिडेंट ( स्थाई निवासी) हैं। इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा हर कानून में डोमिसाइल शब्द की बजाय बोनाफाइड रेजिडेंट शब्द का ही प्रयोग किया जाना चाहिए।

हेमंत कुमार ने कहा कि बीते माह 10 सितंबर को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रदेश सरकार में ग्रुप सी और डी पदों के लिए कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट की जो गजट नोटिफिकेशन जारी की गई है, उसमें भी हरियाणा वासियों के लिए डोमिसाइल के स्थान पर बोनाफाइड रेजिडेंट शब्द का प्रयोग किया गया है।

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