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Haryana Farmers: गेहूं-सरसों से अटी मंडियां, धीमे उठान के कारण फिर रहा किसानों की मेहनत पर पानी

शनिवार को विभिन्न स्थानों पर बारिश और ओलावृष्टि से एक बार फिर किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है। मंडियों में 63 लाख टन गेहूं में से 59 लाख टन की खरीद हुई है जिसमें 45 प्रतिशत उठान हुआ है। वहीं साढ़े 10 लाख टन सरसों मंडी में पहुंची। जबकि साढ़े नौ लाख टन की खरीद हुई है। धीमे उठान से किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है।

By Sudhir Tanwar Edited By: Deepak Saxena Updated: Sat, 27 Apr 2024 05:43 PM (IST)
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गेहूं-सरसों से अटी मंडियां, धीमे उठान के कारण फिर रहा किसानों की मेहनत पर पानी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अनाज मंडियों में गेहूं और सरसों का धीमा उठान किसानों पर भारी पड़ रहा है। शनिवार को विभिन्न स्थानों पर बारिश और ओलावृष्टि से एक बार फिर किसानों की मेहनत पर पानी फिरता दिखाई दिया। प्रदेश में अब तक करीब साढ़े 10 लाख टन सरसों मंडियों में पहुंची है, जिसमें साढ़े नौ लाख टन सरकारी एजेंसियों ने खरीदी है। इसी तरह मंडियों में पहुंचे 63 लाख टन में से 59 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, लेकिन अभी तक केवल 45 प्रतिशत अन्न का उठान हो पाया है।

प्रशासनिक सचिवों ने शुरू किए मंडियों के दौरे

लगातार आवक और धीमे उठान से स्थिति यह हो गई है कि मंडियों में गेहूं डालने तक की जगह नहीं बची हैं। अधिकतर मंडियों में जहां तक नजर जाती है, वहां सड़कों, फड़ों पर केवल गेहूं की बोरियां ही दिखाई देती हैं। उठान के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रक नहीं लगाए जाने से मंडियों से गेहूं का नियमित उठान नहीं हो रहा है। हालांकि प्रशासनिक सचिवों ने भी मंडियों के दौरे शुरू किए हैं, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा।

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ओलावृष्टि और बारिश के कारण लाखों टन गेहूं व सरसों भीगा

व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने कहा कि बदइंतजामी के बीच ओलावृष्टि व बारिश के कारण लाखों टन गेहूं व सरसों भीग गया है। गेहूं व सरसों की खरीद शुरू करने से पहले अनाज उठान व बारदाने की व्यवस्था नहीं की गई, जिसके कारण आज किसान मंडियों में फसल बेचने के लिए धक्के खा रहे हैं। फसलों के उठान में देरी से किसानों को भुगतान भी नहीं हो पा रहा। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

सरकारी अधिकारी वसूल रहे मोटी रकम

उन्होंने कहा कि न केवल ठेकेदार पैसे खाने के चक्कर में गेहूं व सरसों के उठान में जानबूझकर देरी कर रहे हैं, बल्कि सरकारी गोदाम में अनाज उतारने के लिए भी सरकारी अधिकारी मोटी रकम वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत प्रभाव से फसलों का उठान कराए और खराब हो चुकी गेहूं व सरसों का मुआवजा दिया जाए। नुकसान की भरपाई अधिकारियों से की जानी चाहिए।

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