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Haryana: ऐतिहासिक स्मारकों के 15 मीटर दायरे में नहीं किया जा सकेगा खनन, सरकार ने चिन्हित किए 11 स्थान

ऐतिहासिक स्मारकों (Historical Monuments In Haryana) के 15 मीटर दायरे में अब कोई खनन नहीं किया जा सकेगा। संरक्षित स्मारकों के 30 मीटर क्षेत्र में सरकार की मंजूरी के बगैर कोई भवन निर्माण भी नहीं किया जा सकेगा। सरकार ने ऐसे 11 संरक्षित स्मारक और स्थल चिन्हित किए हैं। इस मामले में अधिसूचना जारी कर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं।

By Sudhir Tanwar Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Fri, 19 Jan 2024 04:56 PM (IST)
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ऐतिहासिक स्मारकों के 15 मीटर दायरे में नहीं किया जा सकेगा खनन।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में स्थित प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारकों के 15 मीटर दायरे में खनन नहीं किया जा सकेगा। संरक्षित घोषित स्मारकों के 30 मीटर क्षेत्र में सरकार की मंजूरी के बगैर कोई भवन निर्माण भी नहीं हो सकेगा। प्रदेश सरकार ने 11 सुरक्षित स्मारकों के 15 मीटर दायरे के क्षेत्र को खनन निषेध और 30 मीटर में स्थित क्षेत्र को विनियमित क्षेत्र घोषित करने की तैयारी कर ली है।

खनन निषेध और विनियमित क्षेत्र स्थान किए गए घोषित

विरासत और पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए दो महीने के अंदर हितधारकों से आपत्तियां और सुझाव मांगें हैं। इसके बाद संबंधित स्थानों पर खनन निषेध और विनियमित क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद यहां किसी तरह का खनन कार्य नहीं हो सकेगा।

विनियमित क्षेत्र का मतलब है कि संबंधित स्थान पर भवन बनाने के लिए विनियमित क्षेत्र कार्यालय से भवन का नक्शा पास कराना होगा या भवन को अवैध घोषित कर दिया जाएगा।

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सुरक्षित घोषित स्मारक और स्थल

1. प्राचीन स्थल कांची खेड़ा, गांव गढी पट्टी (पलवल)

2. शेख मुस्सा की दरगाह तथा झूलती मीनार, गांव पल्ला (नूंह)

3. लाल गुंबद, सोहना (गुरुग्राम)

4. कुतुब खान की मस्जिद, सोहना (गुरुग्राम)

5. सती का तालाब तथा छतरी, होडल (पलवल)

6. प्राचीन स्थल धरौंद खेड़ा, गांव धरौंद खेड़ा (जींद)

7. किला जफरगढ़, गांव किला जफरगढ़ (जींद)

8. प्राचीन टीला कर्ण कोट, गांव भट्टू (फतेहाबाद)

9. लोहारू किला, लोहारू (भिवानी)

10. रानी की छतरी एवं तालाब, बल्लभगढ़ (फरीदाबाद)

11. प्राचीन टीला मुगलपुरा, गांव मुगलपुरा (हिसार)

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