Haryana News: ऐतिहासिक स्मारकों के आसपास खनन या निर्माण पर लगी रोक, 11 स्थल चिह्नित; सरकार से लेनी होगी परमिशन
हरियाणा में प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारकों के 15 मीटर के दायरे में अब कोई भी खनन या निर्माण का कार्य नहीं किया जा सकेगा। 30 मीटर क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए भी हरियाणा सरकार से मंजूरी लेनी पड़ेगी और नक्शा पास कराना होगा। हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने ऐसे ही 11 संरक्षित स्मारक और स्थलों को चिह्नित किया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब 11 प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारकों के 15 मीटर के दायरे में खनन या कोई निर्माण नहीं किया जा सकेगा। इससे आगे के 30 मीटर क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए सरकार से मंजूरी लेकर नक्शा पास कराना होगा। प्रदेश सरकार ने संरक्षित इमारतों की संरक्षित सीमा से 15 मीटर तक के क्षेत्र को प्रतिषिद्ध और इससे आगे के 30 मीटर क्षेत्र को विनियमित क्षेत्र घोषित कर दिया है।
विरासत और पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव कला रामचंद्रन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। 11 संरक्षित क्षेत्रों को लेकर विभाग ने जनवरी में आमजन से दो महीने में आपत्तियां और सुझाव मांगे थे। अब इन्हें संरक्षित क्षेत्र घोषित करते हुए अधिसूचना जारी कर दी गई है। संरक्षित सीमा से 15 मीटर तक के क्षेत्र को प्रतिषिद्ध करने का मतलब है कि यहां न कोई खनन होगा और न कोई निर्माण किया जाएगा।
30 मीटर को विनियमित क्षेत्र किया घोषित
इससे आगे के 30 मीटर को विनियमित क्षेत्र घोषित करने का अर्थ है कि संबंधित स्थान पर भवन बनाने के लिए विनियमित क्षेत्र कार्यालय से भवन का नक्शा पास कराना होगा। अन्यथा भवन को अवैध घोषित कर दिया जाएगा।
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यह स्मारक और स्थल संरक्षित घोषित
1. प्राचीन स्थल काची खेड़ा, गांव गढी पट्टी (पलवल)
2. शेख मुस्सा की दरगाह तथा झूलती मीनार, गांव पल्ला (नूंह)
3. लाल गुंबद, सोहना (गुरुग्राम)
4. कुतुब खान की मस्जिद, सोहना (गुरुग्राम)
5. सती का तालाब तथा छतरी, होडल (पलवल)
6. प्राचीन स्थल धरौंद खेड़ा, गांव धरौंद खेड़ा (जींद)
7. किला जफरगढ़, गांव किला जफरगढ़ (जींद)
8. प्राचीन टीला कर्ण कोट, गांव भट्टू (फतेहाबाद)
9. लोहारू किला, लोहारू (भिवानी)
10. रानी की छतरी एवं तालाब, बल्लभगढ़ (फरीदाबाद)
11. प्राचीन टीला मुगलपुरा, गांव मुगलपुरा (हिसार)
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