मूलचंद शर्मा या हरविंद्र कल्याण? हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए लॉबिंग शुरू, कौन हैं प्रबल दावेदार
हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) के मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है। करनाल के घरौंडा से विधायक हरविंद्र कल्याण और यमुनानगर से विधायक घनश्याम दास अरोड़ा प्रबल दावेदार हैं। पिछली सरकार में मंत्री रहे मूलचंद शर्मा भी विधानसभा अध्यक्ष बनने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद को लेकर लॉबिंग शुरू हो गई है।
विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए जहां करनाल के घरौंडा से विधायक हरविंद्र कल्याण का नाम सबसे आगे है, वहीं उपाध्यक्ष के लिए यमुनानगर से विधायक घनश्याम दास अरोड़ा प्रबल दावेदार हैं। दोनों विधायक मंत्रीपद की दौड़ में भी शामिल थे।
मूलचंद शर्मा ने भी शुरू की लॉबिंग
हरियाणा में 14वीं विधानसभा में अध्यक्ष रहे ज्ञानचंद गुप्ता पंचकूला से चुनाव हार गए, जबकि उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा नायब मंत्रिमंडल में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में दोनों ही पदों पर नए चेहरों की नियुक्ति होनी है। पिछली सरकार में मंत्री रहे मूलचंद शर्मा इस बार नायब मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना पाए हैं।
मंत्रीपद से चूके बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा भी विधानसभा अध्यक्ष बनने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। हालांकि, फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र से तीन मंत्री बनाए जा चुके हैं, तो ऐसे में मूलचंद को स्पीकर बनाने की संभावना कम है।
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कल मंत्रिमंडल की पहली बैठक
करनाल संसदीय क्षेत्र की सभी सीटों पर भाजपा की जीत हुई है। इसलिए स्पीकर के बाद करनाल जिले की दावेदारी बन रही है। इस जिले से किसी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने शुक्रवार सुबह 11 बजे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है।
इसमें अन्य महत्वपूर्ण फैसलाें के साथ विधानसभा का सत्र बुलाने की तिथि भी फाइनल की जाएगी। विधानसभा में सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर (अस्थाई अध्यक्ष) का चयन होगा, जो नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे। प्रोटेम स्पीकर ही विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव कराएंगे, जिसके बाद सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से संचालित होगी।
विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाने की परंपरा रही है। ऐसे में कांग्रेस के सातवीं बार विधायक बने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रघुबीर कादियान को प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी दी जा सकती है। डॉ. कादियान 15वीं विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक हैं।
मंत्री बनने से फिर चूके रामकुमार गौतम
भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार में जजपा कोटे से मंत्रीपद के लिए छटपटाते रहे रामकुमार गौतम फिर मंत्रीपद से चूक गए हैं। पिछली विधानसभा में नारनौंद से जजपा विधायक रहे रामकुमार गौतम विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पाला बदलते हुए भाजपा में शामिल हो गए थे।
सफीदों से भाजपा विधायक रामकुमार गौतम की निगाह मंत्रीपद पर थी, लेकिन इस बार भी मायूसी हाथ लगी। इसी तरह पहले मनोहर लाल की सरकार और फिर नायब सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मूलचंद शर्मा पर इस बार फरीदाबाद से विधायक विपुल गाेयल भारी पड़ गए, जिन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
मंत्रीपद की दौड़ में शामिल जींद के विधायक कृष्ण मिढा और हांसी के विधायक विनोद भ्याना के भी हाथ खाली रह गए। इसके अलावा सोहना के विधायक तेजपाल तंवर, समालखा के विधायक मनमोहन भड़ाना, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी, रेवाड़ी के विधायक लक्ष्मण यादव, दादरी के विधायक सुनील सांगवान, करनाल के विधायक जगमोहन आनंद और हिसार की निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल के नाम मंत्रियों की दौड़ में शामिल थे, लेकिन पिछड़ गए।
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