Haryana News: हरियाणा में होते अवैध खनन पर मंत्री मूलचंद शर्मा ने दी जानकारी, इस साल आए सबसे ज्यादा केस
हरियाणा में बीते चार सालों में जमकर अवैध खनन हुए हैं। पुलिस ने अब इस संबंध में 269 मामले दर्ज किए हैं। मंत्री मूलचंद शर्मा ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा- पांच वर्षों के दौरान साल 2022 में सबसे ज्यादा 111 और पिछले साल 105 मामले दर्ज हुए हैं। नूंह भिवानी और चरखी दादरी जिलों में न तो कोई नदी है और न ही रेत के भंडार हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में पिछले चार वर्षों के दौरान महेंद्रगढ़-नारनौल क्षेत्र में जमकर अवैध खनन (Haryana Illegal Mining Case) हुआ है। केवल एक जिले में पिछले चार वर्षों के दौरान जहां अवैध खनन के आरोप में 269 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, वहीं सभी केसों में अभी तक जांच चल रही है।
भू-विज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा ने सदन में दी जानकारी
विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस विधायक बीबी बतरा ने डाडम, तावडू, नूंह, नारनौल और भिवानी (Nuh, Narnaul and Bhiwani) में हुए अवैध खनन तथा इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी। खान और भू-विज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा (Moolchand Sharma) ने कहा कि पहले जमा हुआ रेत केवल नदी के किनारे वाले क्षेत्रों तक सीमित है।
नूंह, भिवानी और चरखी दादरी जिलों में कोई नदी नहीं
नूंह, भिवानी और चरखी दादरी जिलों में न तो कोई नदी है और न ही रेत के भंडार वाला कोई कृषि क्षेत्र है। महेंद्रगढ़-नारनौल जिले (Mahendragarh-Narnaul) में कृष्णावती और दोहान के नाम से दो मौसमी नदियां हैं जो राजस्थान से हरियाणा की ओर बहती हैं।यह भी पढ़ें: 'हमारे सारे परिवार की रेकी होती थी, लॉरेंस बिश्नोई के साथ...', नफे सिंह राठी के बेटे ने पिता की हत्या पर किया चौंकाने वाला खुलासा
वर्ष 2022 में सर्वाधिक 111 मामले
पिछले कई वर्षों से ये नदियां सूख गई हैं क्योंकि नदी तल क्षेत्रों में अब कोई खनिज जमा नहीं है। मूल चंद शर्मा ने बताया कि विभाग ने पहले नारनौल में नदी तल क्षेत्र में खनन ठेके दिए थे, रेत खनिज न होने के कारण इन्हें छोड़ दिया गया। पांच वर्षों के दौरान वर्ष 2022 में सर्वाधिक 111 और पिछले साल 105 मामले दर्ज किए गए हैं।
यह भी पढ़ें: Haryana News: हरियाणा सरकार के सभी विभागों का डाटा होगा ऑनलाइन, सीएम मनोहर ने विधानसभा में किया एलान
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।