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Haryana Cabinet में साधे जाएंगे जातिगत समीकरण, पंजाबी-वैश्य और यादव को मिलेगी जगह; नायब कैबिनेट का विस्तार जल्द

Haryana Cabinet हरियाणा में नायब सैनी ने मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है। उनके साथ छह कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली। लेकिन नायब मंत्रिमंडल का विस्तार अभी भी होना बाकी है। संभावना है कि कैबिनेट का विस्तार भारतीय जनता पार्टी द्वारा आगामी चुनाव को देखते हुए काफी सोच-समझकर किया जाए। वहीं कैबिनेट में अनिल विज को भी जगह मिल सकती है।

By Anurag Aggarwa Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 14 Mar 2024 08:50 PM (IST)
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Haryana Cabinet में साधे जाएंगे जातिगत समीकरण, पंजाबी-वैश्य और यादव को मिलेगी जगह
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा कर चुके हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मंत्रिमंडल का विस्तार किसी भी समय कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव के कारण रविवार तक आचार संहिता लगने की संभावना है। ऐसे में राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार रविवार से पहले संभव है।

यदि आचार संहिता से पहले मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होता तो फिर लोकसभा चुनाव के बाद ही इसकी संभावना बनेगी। मुख्यमंत्री निवास पर बुधवार की रात को मनोहर लाल और नायब सिंह सैनी के बीच मंत्रिमंडल विस्तार की पटकथा तैयार की जा चुकी थी। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से इस पटकथा पर साइन कराने की सूचना मिली है, जिसके बाद मंत्री बनने की चाह रखने वाले विधायकों की बांछें खिल गई।

नायब के मंत्रिमंडल में हैं छह मंत्री

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में उनके समेत छह मंत्री हैं। 90 सदस्यीय विधानसभा के हिसाब से 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं। ऐसे में आठ मंत्रियों के बनने की पूरी गुंजाइश है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय संतुलन साधने का काम करेगी।

इस विस्तार में निर्दलीय विधायकों की किस्मत जाग सकती है, क्योंकि जजपा से गठबंधन टूटने के बाद निर्दलीय विधायकों व हलोपा विधायक गोपाल कांडा के सहयोग से ही भाजपा अब सत्ता में है। मंत्रिमंडल में पंजाबी, वैश्य व यादव सहित महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।

विज को मंत्रिमंडल में मिलेगी जगह

मनोहर लाल के सीएम पद से अलग होने के बाद पंजाबी समुदाय को संतुष्ट रखने के लिए पूर्व गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को मंत्री बनाया जाना तय है। विज को मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए उनके प्रोटोकाल का पूरा ध्यान रखा जाएगा। प्रोटोकाल में विज का नंबर मुख्यमंत्री के बाद रखा जा सकता है।

उन्हें हेवीवेट मंत्री बनाए जाने की सूचनाएं हैं। पंजाबी कोटे से जींद के विधायक डा. कृष्ण मिढ्ढा और कुरुक्षेत्र के विधायक सुभाष सुधा में से किसी एक के मंत्री बनने की चर्चाएं हैं। मनोहर कैबिनेट में हिसार के विधायक डा. कमल गुप्ता शहरी स्थानीय निकाय मंत्री थे, लेकिन इस बार उनका नंबर नहीं लगा। कमल गुप्ता के स्थान पर पंचकूला के विधायक व स्पीकर डा. ज्ञानचंद गुप्ता को मंत्री बनाया जा सकता है।

हलोपा विधायक गोपाल कांडा का मंत्री बनना तय

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि स्पीकर को यदि मंत्री नहीं बनाया जाता तो भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे सिरसा के हलोपा विधायक गोपाल कांडा का मंत्री बनना लगभग तय है। सिरसा में गोपाल कांडा का पूरा प्रभाव है। अहीरवाल के वोट बैंक को साधने के लिए नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव के मंत्री बनने की संभावना है।

मनोहर कैबिनेट में नारनौल के विधायक ओमप्रकाश यादव राज्य मंत्री थे। अहीरवाल से जिस भी यादव विधायक को कैबिनेट में जगह मिलेगी, उसमें राव इंद्रजीत सिंह की पसंद-नापंसद को ध्यान में रखा जा सकता है।

सीमा त्रिखा को बनाया जा सकता है डिप्टी स्पीकर

भाजपा अब चूंकि छह निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार चल रही है। ऐसे में निर्दलीयों में से कुछ का मंत्री बनना तय है। पृथला के विधायक नयनपाल रावत का नाम सबसे अधिक चर्चाओं में हैं, जो पिछले साढ़े चार साल से बिना शर्त भाजपा सरकार को अपना समर्थन देते आ रहे हैं। बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद व दादरी के विधायक सोमबीर सांगवान के नाम भी चर्चा में हैं।

महिला विधायकों में कलायत की विधायक कमलेश ढांडा, गन्नौर की विधायक निर्मल रानी और बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा के नाम चर्चा में हैं। सीमा त्रिखा को विधानसभा में स्पीकर या डिप्टी स्पीकर भी बनाया जा सकता है।

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