मुश्किलों में घिरी नायब सरकार, मंत्रिमंडल के गठन को हाईकोर्ट में चुनौती; आखिर क्या है माजरा?
हरियाणा (Haryana News) की 90 सदस्यीय विधानसभा में 15 प्रतिशत से ज्यादा मंत्रियों की नियुक्ति को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि संविधान संशोधन के अनुसार विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक मंत्री नहीं हो सकते लेकिन वर्तमान में हरियाणा में 14 मंत्री हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की 90 सदस्यीय 15वीं विधानसभा में कुल विधायकों के 15 फीसदी से ज्यादा मंत्री बनाए जाने के विरुद्ध हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। पिछली सरकारों में भी ऐसी जनहित याचिकाएं दायर होती रही हैं।
याचिका में आरोप लगाया गया कि मंत्रिमंडल में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं, मगर हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, जो संविधान संशोधन का उल्लंघन है।
15 प्रतिशत होनी चाहिए मंत्रियों की संख्या
इस मामले को लेकर एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने याचिका दायर कर बताया कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है।यह भी पढ़ें- नायब सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में ही आरक्षण पर लिया फैसला, अनुसूचित जातियों को मिलेगा कोटाहरियाणा विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 90 है। ऐसे में संविधान के संशोधन के अनुसार कैबिनेट में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं। लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, यह संविधान में संशोधन का उल्लंघन है।
याचिका में भट्टी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम के अलावा केंद्र सरकार व हरियाणा विधानसभा को प्रतिवादी बनाया है।
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