Move to Jagran APP

CM नायब सैनी ने पूरा किया वादा, एक लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों की नौकरी कर दी पक्की; विधानसभा में बिल पर लगी मुहर

हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पांच साल से अधिक समय से कार्यरत कच्चे कर्मचारियों की नौकरी को सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित कर दिया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस फैसले से 1.20 लाख कर्मचारियों को राहत दी है। अब इन कर्मचारियों को पक्के कर्मचारियों के न्यूनतम बेसिक वेतनमान से पांच प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। कर्मचारियों के परिवार में खुशी की लहर है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 18 Nov 2024 10:16 PM (IST)
Hero Image
हटाए नहीं जा सकेंगे 5 साल पुराने कच्चे कर्मचारी, बिल पर लगी मुहर।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त संस्थाओं में कार्यरत पांच साल पुराने कच्चे कर्मचारी को हटाया नहीं जा सकेगा, जिनका अधिकतम मासिक वेतन 50 हजार रुपये तक है।

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बड़ा चुनावी वादा पूरा करते हुए ऐसे एक लाख 20 हजार कर्मचारियों की नौकरी सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित कर दी है। इसके साथ ही कच्चे कर्मचारियों के परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

हरियाणा में पांच साल से अनुबंध पर काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं 58 साल की आयु तक करने के निर्णय पर विधानसभा ने सोमवार को मुहर लगा दी।

मुख्यमंत्री नायब सैनी और कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल की नोक-झोंक के बाद हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक-2024 पारित कर दिया गया।

कौशल रोजगार निगम, आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट-1 और आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट-2 तथा तदर्थ आधार पर लगे कच्चे कर्मचारियों के साथ ही सरकारी स्कूलों में तैनात अतिथि अध्यापकों को भी नए नियमों का लाभ मिलेगा।

कर्मचारियों को पूरा हक सम्मान के साथ मिल सकेगा

डबवाली के इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल ने इन सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग उठाई, जबकि झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने बिल में आरक्षण की व्यवस्था नहीं होने पर सवाल उठाए।

बड़खल के भाजपा विधायक धनेश अदलखा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब ठेकेदार मनमानी नहीं कर सकेंगे और कर्मचारियों को उनका पूरा हक पूरे सम्मान के साथ मिल सकेगा।

इन कर्मचारियों को सभी सुविधाएं समय से मिलेंगी और बार-बार के नवीनीकरण से मुक्ति मिलेगी। नए नियमों के अनुसार 15 अगस्त तक पांच साल की नौकरी पूरी कर चुके सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्के कर्मचारियों के न्यूनतम बेसिक वेतनमान से पांच प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा।

इन कर्मचारियों को नए कानून का लाभ नहीं मिलेगा

आठ साल पुराने कर्मचारियों को न्यूनतम पे-स्केल से 10 प्रतिशत तथा इससे अधिक पुराने कच्चे कर्मचारियों को 15 प्रतिशत अधिक वेतन दिया जाएगा। हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को महंगाई भत्ते के अनुपात में मानदेय में वृद्धि भी होगी।

इसके अलावा सालाना वेतन वृद्धि, डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी, मेटरनिटी एक्ट के तहत मिलने वाले सभी लाभ और पीएम-जन आरोग्य योजना-चिरायु एक्सटेंशन योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा।

हालांकि केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के तहत लगे कर्मचारियों को नए कानून का लाभ नहीं मिलेगा। यानी कि इनकी नौकरी पर तलवार लटकती रहेगी।

अध्यापकों के वेतन में वृद्धि पर रोक

इसके अलावा मानदेय या अंशकालिक आधार पर नियोजित कर्मचारी भी वंचित रहेंगे। 14 अगस्त से पहले जिन कच्चे कर्मचारियों को हटाया जा चुका है, उन्हें बहाल नहीं किया जाएगा। वहीं, सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे अतिथि अध्यापकों का वेतन नियमित अध्यापकों के बेसिक वेतन से ज्यादा होने पर भी बढ़ता रहेगा।

सरकार ने वह शर्त हटा दी है, जिसमें नियमित शिक्षकों के बेसिक वेतन से ज्यादा होने पर अतिथि अध्यापकों के वेतन में वृद्धि पर रोक लगाई गई थी।

अतिथि अध्यापकों की नौकरी भी सुरक्षित

कॉलेजों में पढ़ा रहे करीब दो हजार विस्तार प्राध्यापकों और अतिथि प्राध्यापकों तथा तकनीकी शिक्षण संस्थानों के अतिथि अध्यापकों की नौकरी भी सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित होगी।

इसके लिए विधानसभा में मंगलवार को हरियाणा विस्तार प्राध्यापक तथा अतिथि प्राध्यापक (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक-2024 तथा हरियाणा तकनीकी शिक्षा अतिथि संकाय (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक-2024 पारित किए जाएंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने हरियाणा यूनिवर्सिटीज कांट्रेक्चुअल टीचर एसोसिएशन (हुकटा) को भरोसा दिलाया है कि विश्वविद्यालयों में कार्यरत 1500 सहायक प्राध्यापकों की सेवाएं 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित करने के लिए विधानसभा के आगामी सत्र में अलग से बिल लाया जाएगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।