हरियाणा में 24 हजार युवाओं ने सरकारी नौकरियों में ज्वाइन किया। मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने बिना खर्ची-पर्ची के युवाओं को नौकरी दी है। ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर भर्ती हुई है। कैथल के डीघ गांव में 55 बच्चों ने सरकारी नौकरी पाई है। सिरसा के भारुखेड़ा गांव में चौकीदार के तीनों बच्चों को सरकारी नौकरी मिली है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य हरियाणा सचिवालय में कार्यभार ग्रहण कर रहे थे और तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के करीब 24 हजार युवा विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरियां ज्वाइन करने की प्रक्रिया पूरी करने में जुटे थे। नायब मंत्रिमंडल और इन हजारों युवाओं ने शुक्रवार को एक साथ कार्यभार ग्रहण किया।
हरियाणा कर्मचारी आयोग की ओर से ग्रुप सी के कुल 25 हजार 500 पद व ग्रुप डी के 2600 पदों की भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया गया। कुल 25 ग्रुप व 205 श्रेणियों में यह भर्तियां की गई हैं। इन पदों पर कुल करीब 24 हजार अभ्यर्थियों का चयन किया जा चुका है, जिनकी ज्वाइनिंग शुक्रवार से आरंभ हो गई।
कुछ की ज्वाइनिंग सोमवार को हो सकेगी। बिना खर्ची-पर्ची के नौकरी मिलने से परिवारों में 12 दिन पहले ही दीवाली जैसा उत्साह दिखाई दिया।कई परिवार के सदस्य बच्चों की उपलब्धि को बताते हुए भावुक हो गए।
हरियाणा में ऐसा पहली बार हुआ
हरियाणा में यह पहली बार है जब एक साथ इतने पदों और इतनी श्रेणियों का रिजल्ट एक साथ निकाला और सरकारी विभागों में ज्वाइनिंग कराई गई। करीब डेढ़ दर्जन युवाओं ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पास अपने नंबर कम आने की शिकायत दर्ज कराई है।
इन युवाओं का कहना है कि उनके नंबर अधिक हैं, लेकिन आयोग की साइट पर इन्हें कम दिखाया गया है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष हिम्मत सिंह ने ऐसी सभी आपत्तियों का निस्तारण करने का भरोसा शिकायतकर्ताओं को दिलाया है।
कर्मचारी चयन आयोग की ओर से रिजल्ट में ऐसे तथ्य खंगाले जा रहे हैं, जो कि बेहद चौंकाने वाले और सुखद हैं। कैथल जिले के डीघ गांव में 55 बच्चों के एक नाथ नौकरी पर लगने की जानकारी सामने आई है।
हिसार के रिजाली में एक सेन परिवार के यहां तीन बच्चे नौकरी लगे हैं, जबकि महेंद्रगढ़ के सतनामी गांव में 45 बच्चे नौकरी लगे हैं। कैथल के पाई में भी एक ही गांव के 30 बच्चे नौकरी लगने की जानकारी सामने आई है।
सिरसा में चौकीदार के तीन बच्चों को मिली नौकरी
राजस्थान सीमा से सटे सिरसा के गांव भारुखेड़ा में चौकीदार के तीन बच्चों को सरकारी नौकरी मिली है। भारूखेड़ा जलघर में तैनान चौकीदार ओमप्रकाश और शिमला देवी का बेटा शैलेंद्र आबकारी निरीक्षक, बेटी प्रियंका सिपाही और राहुल ग्राम सचिव बन गया।
वीरवार देर शाम को हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने जैसे ही रिजल्ट घोषित किया तो परिवार की खुशी की सीमा नहीं रही। परिवार के तीन बच्चों को एक साथ नौकरी मिल गई। इसी प्रकार से जमाल गांव के 16 युवाओं को नौकरी मिली।
बेटा बना क्लर्क तो रो पड़ीं मां
बिना पर्ची-खर्ची नौकरी लगने वाले फतेहाबाद के गांव धांगड़ के अजय ने अपनी नौकरी अपनी मां को समर्पित की है। महज चार साल की आयु में अजय के सिर से पिता का साया उठ गया था।
मां सीमा ने दूसरों के घरों में काम करके पढ़ाया। सीमा ने बताया कि हमेशा डर लगता था कि मेहनत तो बेटा कर लेगा, लेकिन ना तो सिफारिश थी और ना ही कोई दूसरा जुगाड़।जब बेटे अजय का कृषि विभाग में क्लर्क पद पर चयन के बारे में पूछा गया तोक नम आंखों को पोंछते हुए मां सीमा कहती हैं कि बेटे ने जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी दे दी। फतेहाबाद के गांव धांगड़ से कुल आठ युवा नौकरी लगे हैं जिनमें एक सब्जी बेचने वाले का बेटा भी शामिल है।
जींद में मजदूर परिवार की बहू पिंकी बनी सिपाही
जींद के सफीदों के बहादुरगढ़ गांव निवासी 28 वर्षीय पिंकी का चयन पुलिस में सिपाही के पद पर हुआ है। मजदूरी करके ही परिवार का पालन-पोषण होता है। पिंकी के पति सोमदत्त पानीपत की फैक्ट्री में काम करते हैं।परिवार को पालने के लिए वे मुंह अंधेरे सुबह पांच बजे वाली ट्रेन में पानीपत के लिए निकलते हैं और रात को करीब साढ़े नौ बजे गांव में लौटते हैं।
पिंकी के परिवार में उसके पति सोमदत्त, देवर दीपक, सास श्यामो देवी व उसके ती बच्चे हैं। जैसे ही परिणाम आया कि पिंकी का कांस्टेबल पद पर चयन हो गया है तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।पिंकी के देवर दीपक ने बताया कि परिवार में आजतक किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिली थी। यह नौकरी बिना किसी खर्ची व पर्ची के और केवल मेहनत के बल पर प्राप्त हुई है। उसकी भाभी को सरकारी नौकरी मिलना एक सपने के समान है।
पेंटर के बेटा-बेटी का सरकारी नौकरी में चयन
हांसी के समीपवर्ती गांव कुलाना में गरीब परिवार के भाई बहन का भी सरकारी नौकरी में चयन हुआ है। बलवंत स्वयं हांसी आटो मार्केट में पेंटर का काम करते हैं। बलवंत ने पेंटर का काम करते हुए अपने बच्चों को पढ़ाया और अब दोनों बच्चों का सरकारी नौकरी के लिए चयन हुआ है।बलवंत के बेटे प्रवीन का हरियाणा पुलिस और बेटी सुनीता का पंचायत सेक्रेटरी के पद पर चयन हुआ है। बलवंत के बड़े बेटे का 2019 में चपरासी के पद पर चयन हुआ था। बलवंत बताते हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोची थी कि उनके बच्चे बिना किसी सिफारिश के सरकारी नौकरी लग सकेंगे। परंतु आज उनके घर में तीन सरकारी नौकरी है।
कैथल के सीवन में मजदूर का बेटा बना सिपाही
भाजपा सरकार ने 24 हजार युवाओं को बिना पर्ची बिना खर्ची नौकरी दी है। इस लिस्ट में सीवन से कई युवाओं को भी नौकरी मिल गई है। सीवन के मुकेश पुत्र अमृत लाल ने हरियाणा पुलिस में नौकरी प्राप्त की है। मुकेश के पिता अमृत लाल और माता दोनों मजदूरी करते हैं। उन्होंने अपने पुत्र को मेहनत मजदूरी करके पढ़ाया और काबिल बनाया।
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