हरियाणा में Nayab Saini Cabinet का इस दिन हो सकता है विस्तार, चुनाव आचार संहिता नहीं बनेगी बाधा
हरियाणा के नए सीएम नायब सिंह सैनी ने जरूर शपथ ले ली है लेकिन अभी भी पूरे मंत्रिमंडल का शपथ लेना बाकी है। कहा जा रहा था कि बीते शनिवार को शपथग्रहण हो सकता है। लेकिन किसी कारण उसे टालना पड़ा। देश तुनावी घोषणा के बाद 19 अप्रैल से आम चुनाव के लिए वोटिंग शुरू होगी। लेकिन इसका मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अनुराग अग्रवाल,चंडीगढ़। नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) की सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (saini cabinet expansion) में चुनावी आचार संहिता किसी बाधा नहीं है। प्रदेश सरकार चुनाव आचार संहिता ( Election code of conduct) के चलते भी मंत्रिमंडल विस्तार कर सकती है। इस संबंध में राज्य सरकार केंद्रीय चुनाव आयोग और कानून विशेषज्ञों से राय ले चुकी है। ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार किसी भी समय हो सकता है।
संभावना 19 मार्च के बाद की जताई जा रही है। राज्यपाल हैदरावाद चले गए, वहां से आने के बाद तारीख लेकर मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। 19 मार्च को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) हरियाणा (Haryana News) के दौरे पर आएंगे। मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल (Manohar Lal) मिलकर करनाल संसदीय क्षेत्र के घरौंडा में 19 मार्च को लोकसभा का चुनाव प्रचार आरंभ करेंगे।
जेपी नड्डा उनके साथ होंगे। ऐसे में बुधवार के बाद राज्यपाल से तारीख मिलने पर नये मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। सूत्रों के अनुसार शनिवार को मंत्रिमंडल विस्तार कुछ गलतफहमियों व पक्की सूचनाओं के अभाव में टला है। सरकार को आभास था कि आचार संहिता लगने पर तीन बजे के बाद मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो सकता।
इसलिए पूरी प्रशासनिक मशीनरी को अलर्ट रखा था। राजभवन को संदेश नहीं गया था कि शनिवार को हर हालत में मंत्रिमंडल विस्तार होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय के दो अधिकारियों ने प्रशासनिक मशीनरी के साथ राजभवन को भी अलर्ट मोड पर कर दिया था, जिसका मतलब यह निकाल लिया गया कि शनिवार को हर सूरत में सरकार मंत्रिमंडल विस्तार कराएगी।
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इसके टलने के पीछे भले ही राजनीतिक कारणों की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता, लेकिन सरकार ने जब केंद्रीय नेतृत्व, चुनाव आयोग और कानून विशेषज्ञों की राय ली तो पता चला कि चुनाव आचार संहिता मंत्रिमंडल विस्तार में बिल्कुल भी बाधा नहीं है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट समेत कई विधि सम्मत संस्थाओं के पूर्व में फैसले आ चुके हैं।
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