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EWS कोटे के मकानों को हड़पने के मामले में नया मोड, हरियाणा भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो को सौंपी गई जांच

EWS Quota Houses Investigation Case ईडब्‍ल्‍यूएस कोटे के मकानों को हड़पने के मामले में अब हरियाणा भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो को जांच सौंप दी गई है। यह जानकारी हरियाणा सरकार ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को दी। इस मामले में याचिका दाखिल करते हुए कैथल निवासी ईश्वर सिंह व अन्य ने हाई कोर्ट के समक्ष धांधली का मुद्दा उठाया।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Fri, 15 Sep 2023 04:20 PM (IST)
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EWS कोटा के मकानों को हड़पने के मामले में नया मोड
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो: गुरुग्राम में गरीबों के दस्तावेजों के सहारे धोखाधड़ी कर ईडब्ल्यूएस कोटे (EWS Quota) के मकानों को हड़पने के मामले में जांच अब हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Haryana Anti Corruption Bureau) को सौंप दी गई है। इस बाबत 12 सितंबर को मुख्य सचिव ने ब्यूरो के महानिदेशक को पत्र लिख कर इस मामले की जांच कर रिपोर्ट भेजने का कहा गया है।

हाई कोर्ट के समक्ष उठाया धांधली का मुद्दा

यह जानकारी हरियाणा सरकार ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को दी। इस मामले में याचिका दाखिल करते हुए कैथल निवासी ईश्वर सिंह व अन्य ने हाई कोर्ट के समक्ष धांधली का मुद्दा उठाया। याची ने हाई कोर्ट को बताया कि ईडब्ल्यूएस कोटा (EWS Quota) के मकानों को हड़पने के लिए गरीब लोगों के दस्तावेजों को फर्जीवाड़ा कर जमा किया जाता है।

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अलॉटमेंट की स्थिति में लोग पैसा भी करवाते हैं जमा

इन दस्तावेजों के सहारे आवेदन किया जाता है और अलॉटमेंट की स्थिति में यह लोग पैसा भी जमा करवाते हैं। याची ने हाई कोर्ट के समक्ष दस्तावेज पेश कर बताया कि अलग-अलग नामों से आवेदन करते हुए स्थाई पते को दर्ज नहीं किया जाता है। साथ ही सभी आवेदन फार्म पर एक ही नंबर दर्ज होता है। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट से अपील की कि इस मामले में निष्पक्ष जांच का आदेश दिया जाए ताकि पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो सके।

नोटिस जारी कर किया जवाब तलब

कोर्ट ने दस्तावेजों को देखने के बाद मामले में हरियाणा सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। इससे पहले हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में कहा था कि उसके स्तर पर इस मामले में जांच पूरी की जा चुकी है जिस के बाद कोर्ट ने सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। लेकिन अब सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि सरकार ने इस मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंप दी है।

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