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Haryana Poitics: सैलजा की पदयात्रा से पहले बने नए राजनीतिक समीकरण, बीरेंद्र सिंह की हुई एंट्री; SRK गुटा का बदला नाम

Haryana Poitics कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा की पदयात्रा से पहले नए राजनीतिक समीकरण बन गए हैं। एसआरके गुट में किरण चौधरी की जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने ले ली है। वहीं बीरेंद्र की एंट्री से एसआरके गुट का नाम भी बदला गया है। हरियाणा मांगे हिसाब के मंच पर भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और बीरेंद्र सिंह के बीच जुगलबंदी देखी गई थी।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Fri, 26 Jul 2024 01:26 PM (IST)
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एसआरके गुट में बीरेंद्र सिंह के आने से बदले राजनीतिक समीकरण (फाइल फोटो)
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। Haryana Politics: देश के शहरी विधानसभा क्षेत्रों में शुरू होने वाली कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा की पदयात्रा से पहले नये राजनीतिक समीकरण बन गए हैं। सैलजा (Selja Kumari) के नेतृत्व वाला एसआरके (SRK) अब एसआरबी (SRB) गुट बन गया है।

एसआरके मतलब, कुमारी सैलजा-रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी। तोशाम की विधायक किरण चौधरी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुकी हैं, इसलिए एसआरके गुट टूट गया था, लेकिन सैलजा ने 27 जुलाई से आरंभ होने वाली अपनी पदयात्रा का जो पोस्टर जारी किया है, उसमें सैलजा व रणदीप के साथ बीरेंद्र सिंह का फोटो जुड़ गया है।

किरण चौधरी की जगह आए बीरेंद्र‍ सिंह

पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह (Birendra Singh) का फोटो सैलजा व रणदीप के साथ जुड़ने के साथ ही अब एसआरके गुट का नया नाम एसआरबी गुट पड़ गया है। बीरेंद्र सिंह हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा आरंभ किए गए हरियाणा मांगे हिसाब अभियान की लॉन्चिंग के मौके पर भी सबसे आगे बैठे दिखाई दिए थे, लेकिन तब हुड्डा ने उन्हें बातों ही बातों में कांग्रेस पार्टी का मार्गदर्शक बोल दिया था।

पोस्‍टर से हुड्ड के फोटो गायब

हुड्डा की इस बात को स्वीकार करने की बजाय बीरेंद्र सिंह ने जवाब दिया था कि वे मार्गदर्शक ही नहीं, बल्कि विशुद्ध राजनीतिक व्यक्ति भी हैं। सैलजा की पदयात्रा के पोस्टर में रणदीप सुरजेवाला व बीरेंद्र सिंह के अलावा राहुल गांधी तथा मल्लिकार्जुन खरगे को प्रमुख स्थान मिला है।

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पोस्टर पर महात्मा गांधी व डॉ. बीआर अंबेडकर के साथ सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी व केसी वेणुगोपाल के फोटो भी लगे हैं। पोस्टर से कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान तथा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के फोटो गायब हैं।

हुड्डा और बीरेंद्र के बीच दिखाई दी थी जुगलबंदी

हरियाणा मांगे हिसाब अभियान के मंच पर हुड्डा और बीरेंद्र सिंह के बीच जुगलबंदी दिखाई दी थी। तब लग रहा था कि बीरेंद्र सिंह अब हुड्डा गुट के साथ आ गए हैं, लेकिन अब सैलजा के पोस्टर पर बीरेंद्र सिंह का फोटो आने के बाद प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और सैलजा व रणदीप के बीच अच्छा तालमेल नहीं है।

बाबरिया को हुड्डा गुट की पसंद माना जाता है, लेकिन संगठन बनने में हो रही देरी और कुछ मुद्दों पर स्वयं के फैसलों की वजह से हुड्डा गुट के कुछ नेता बाबरिया से नाराज हैं। बाबरिया हरियाणा मांगे हिसाब अभियान की लॉन्चिंग के मौके पर चंडीगढ़ नहीं आए थे, लेकिन उसके कुछ दिन बाद पंचकूला व चंडीगढ़ के दो दिन के प्रवास पर रहे।

कांग्रेस संदेश यात्रा रखा गया है पदयात्रा का नाम

सैलजा की पदयात्रा 27 से अंबाला से आरंभ होगी, जबकि 28 जुलाई को बरवाला में रैली है। सैलजा ने इसे कांग्रेस संदेश यात्रा नाम दिया है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा की हरियाणा मांगे हिसाब अभियान का एक चरण पूरा हो चुका है। दीपेंद्र ने नौ जिलों के 13 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया है।

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कुमारी सैलजा ने लोकसभा चुनाव से पहले भी हरियाणा के कुछ हिस्सों में यात्रा निकाली थी। तब कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने सैलजा की यात्रा को उनकी निजी यात्रा करार दिया था लेकिन बाद में पत्र जारी कर उसे कांग्रेस का कार्यक्रम करार देना पड़ा था।

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