HC के नोेटिस से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर मामले में नया मोड़, मनोहर सरकार दायर करेगी जवाब
हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली बॉर्डर सील करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। हरियाणा सरकार इसका जवाब तैयार कर रही है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Mon, 11 May 2020 12:15 AM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर हरियाणा और दिल्ली के विवाद में नया मोड़ आ गया हैै। हरियाणा सरकार ने दिल्ली से लगती अपनी सीमाओं को सील कर दिया है और इस पर दोनों सरकार में टकराव की हालत है। इन सबके बीच रविवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियााणा सरकार को नोटिस जारी किया। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से दिल्ली और सोनीपत के बीच आवाजाही राेकने पर जवाब तलब किया है। इसके बाद हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि नोटिस का जवाब तैयार किया जा रहा है और इसे दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।
दिल्ली हाईकोर्ट को साेनीपत बॉर्डर पर आवाजाही बंद करने पर नोटिस का जवाब तैयार कर रही हरियाणा सरकारदिल्ली हाई कोर्ट में हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली-साेनीपत बॉर्डर आवाजाही रोकने के खिलाफ याचिका दायर की गई। इस पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर बार्डर को सील करने के बारे में जवाब देने को कहा है। हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने आवश्यक सेवाओं के लिए आवाजाही की अनुमति दी है तो हरियाणा इसे क्यों रोक रहा है।
हाई कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद हरियाणा की सियासत में हलचल पैदा हाे गई। हरियाणा सरकार इस नोटिस का जवाब तैयार करने में जुट गई। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि यह नोटिस मिल गया है और हरियाणा सरकार इसका जवाब देगी। अधिवक्ताओं की मदद से जवाब तैयार किया जा रहा है और इसे समय पर दिल्ली हाई कोर्ट में दायर कर दिया जाएगा।मनोहरलाल का केजरीवाल को जवाब, जरूरत पड़ी तो होगी और सख्ती
इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय राजधानी से हरियाणा में कोरोना वायरस के संक्रमण को राेकने के लिए और सख्त कदम उठाए जाने की चेतावनी दी थी। इससे दोनों राज्यों के बीच विवाद बढ़ने की संभावना है।अंतराज्यीय सीमाओं पर सख्ती को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पलटवार किया। उन्होंने दोटूक कहा कि यह सख्ती प्रदेश की जनता के हित में है। अगर जरूरत पड़ी तो और सख्ती करेंगे, लेकिन दिल्ली अथवा दूसरे राज्यों से कोरोना संक्रमण लेकर हरियाणा में प्रवेश करने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी।
चंडीगढ़ में डिजिटल मोड के जरिये 'हरियाणा आज' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब और दिल्ली के अलावा चंडीगढ़ में भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। हरियाणा में अगर कोरोना केसों की स्थिति में सुधार हुआ है तो यह केवल सख्ती के साथ लॉकडाउन का पालन करने और शारीरिक दूरी को बनाकर रखने से हुआ है।मनोहरलाल ने कहा कि हरियाणा द्वारा सभी पड़ोसी राज्यों की सीमाओं को सील किया गया है। लॉकडाउन के तीसरे चरण में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों पर ढील दी जा रही है। आने वाले समय में इसका फिर से रिव्यू किया जाएगा। जनहित में ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट को शुरू नहीं किया गया है। अगर बड़े वाहनों को सड़कों पर उतारा भी गया तो पहले की तरह यात्री सफर नहीं कर पाएंगे। इसलिए दोपहिया वाहनों को अपने जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए। सभी वाहनों को अगर सड़क पर उतरने की छूट दी गई तो शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो सकेगा।
दिल्ली से हरियाणा में कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद मनोहरलाल सरकार ने सील किए बॉर्डरबता दें कि मनाेहरलाल सरकार का कहना है कि दिल्ली के कारण हरियाणा में कोरोना के मामले बढ़े और संक्रमण बढ़ा। दिल्ली मे काम करने वाले लोग हरियाणा के बार्डर क्षेत्र में रहते हैं। इनके दिल्ली से रोज हरियाणा में आने से काेराेना का संक्रमण फैला और इसके काफी मामले सामने आए। सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह सहित कई जगहोें पर कोरोना का संक्रमण दिल्ली से आए लोगों के कारण फैला।
हरियाणा सरकार ने दिल्ली सरकार से अपने यहां के कर्मचारियों को वहीं रोकने को कहा। इसके लिए हरियाणा ने अपने गेस्ट हाउस देने का ऑफर किया। इसके बाद भी हालात नहीं सुधरे तो हरियाणा ने दिल्ली से सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित सभी स्थानों पर बॉर्डर सील कर दिए। हरियाणा ने आवश्यक सेवाओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी पास को ही मान्य किया और दिल्ली सरकार के पास को अमान्य करार दिया।
इसके बाद दोनों राज्यों के सरकारों के बीच विवाद पैदा हो गया और बयानबाजी शुरू हो गया। हरियाणा के स्वास्थ्य एंव गृह मंत्री अनिल विज और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के बीच वार-पलटवार शुरू हो गया। इसके बाद इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उतर आए और हरियाणा सरकार के कदम का विरोध किया। इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने जवाब दिया और अपनी सरकार के कदम को सही करार दिया।
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