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Haryana News: राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूलों में अब डबल शिफ्ट में होगी पढ़ाई, इस दिन से लगेंगी सुबह-शाम कक्षाएं

हरियाणा सरकार द्वारा शुरू किए गए राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूलों में अब एक नया बदलाव देखने को मिलेगा। दरअसल सरकार ने तय किया है कि अब इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सुबह और शाम दो शिफ्टों में बुलाया जाएगा। इसकी शुरूआत अप्रैल की पहली तारीख से किया जाएगा। फिलहाल प्रदेश में इन स्कूलों की संख्या को सरकार ने बढ़ाकर 500 से अधिक कर दिया है।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Mon, 11 Mar 2024 12:53 PM (IST)
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Haryana News: राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूलों में अब डबल शिफ्ट में होगी पढ़ाई।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार द्वारा शुरू किए गए राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूलों के प्रति विद्यार्थियों की दिलचस्पी बढ़ रही है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) से संबद्ध इन स्कूलों में एडमिशन के लिए विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने अब इन स्कूलों में डबल शिफ्ट में पढ़ाई करवाने का निर्णय लिया है।

पहली अप्रैल से सभी स्कूलों में दोनों शिफ्टों में होगी पढ़ाई 

पहले चरण में 123 स्कूलों में सुबह और शाम की शिफ्ट शुरू की गई थी। यह प्रयोग कामयाब होने के बाद नये शैक्षणिक सत्र यानी पहली अप्रैल से बाकी स्कूलों में भी दोनों शिफ्टों में पढ़ाई का निर्णय लिया गया है। इस संदर्भ में स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं।

उन्हें अगले शैक्षणिक सत्र से डबल शिफ्ट में पढ़ाई करवाने का प्रबंध करने को कहा गया है। इन स्कूलों की संख्या सरकार बढ़ाकर 500 से अधिक कर चुकी है। आने वाले दिनों में और भी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करवाया जाएगा ताकि शुरू से ही अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करवाई जा सके।

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शिक्षा मंत्री डबल शिफ्ट को लेकर कर चुके अधिकारियों संग बैठक

स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर डबल शिफ्ट में पढ़ाई को लेकर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकें भी कर चुके हैं। शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों को राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूलों की तर्ज पर जरूरत पड़ने पर आरोही मॉडल स्कूलों और राजकीय प्राथमिक मॉडल संस्कृति स्कूलों में भी इसी तरह की व्यवस्था करने को कहा है।

इससे पहले विभाग की ओर से स्कूलों के स्टाफ को ड्राप-आउट रेट जीरो करने के लिए भी कदम उठाने को कहा जा चुका है। इसके तहत स्कूलों का स्टाफ डोर-टू-डोर जाकर विद्यार्थियों का स्कूलों में एडमिशन सुनिश्चित करेगा।

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