हरियाणा में संपत्ति की जानकारी छिपा रहे अफसर-कर्मचारी होंगे चार्जशीट, 30 जून तक देनी थी आनलाइन जानकारी
हरियाणा में संपत्ति की जानकारी छिपाने वाले अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। कई बार चेताने के बावजूद बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने आनलाइन वार्षिक प्रापर्टी रिटर्न नहीं भरा है। इस पर राज्य सरकार सख्त हो गई है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 18 Aug 2022 07:24 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में कई मौके दिए जाने के बावजूद संपत्ति की जानकारी नहीं दे रहे अफसर-कर्मचारियों पर सरकार सख्त हो गई है। संपत्ति का ब्योरा छिपा रहे सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को चार्जशीट किया जाएगा।
मानव संसाधन विभाग की ओर से आनलाइन वार्षिक प्रापर्टी रिटर्न नहीं भरने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्त, हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार और उपायुक्तों को आदेश जारी किए गए हैं।
ग्रुप ए, बी और सी के पदों पर काबिज जिन अफसरों और कर्मचारियों ने दो साल से संपत्ति का ब्याेरा नहीं दिया है, उन्हें हरियाणा सिविल सेवा (दंड और अपील) के नियम आठ के तहत चार्जशीट किया जाएगा। इसी तरह दो साल से अधिक समय से आनलाइन प्रापर्टी रिटर्न नहीं भरने वाले लोगों को हरियाणा सिविल सेवा (दंड और अपील) के नियम सात के तहत चार्जशीट किया जाएगा।
हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम- 2016 के अनुसार प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को 31 मार्च तक पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति की जानकारी देनी होती है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए यह नियम बनाया गया था। कई कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने वर्ष 2017-2018 से ही प्रापर्टी रिटर्न नहीं भरा है
इसके अलावा बड़ी संख्या में अफसर-कर्मचारियों ने पहले तो रिटर्न भरा, लेकिन दो-तीन साल से प्रापर्टी रिटर्न नहीं भर रहे। इन कर्मचारियों को संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली पोर्टल पर 30 जून तक का समय दिया था। अब सरकार ने लापरवाह कर्मचारियों को और समय न देते हुए दोषियों को चार्जशीट करने के निर्देश जारी किए हैं।
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