Haryana News: डेंटल सर्जन भर्ती घोटाले में ओएमआर शीट के साथ हुई छेड़छाड़, ईडी की FIR में हुए चौंकाने वाले खुलासे
हरियाणा में डेंटल सर्जन भर्ती परीक्षा घोटाले में ईडी की एफआईआर में कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं जिसमें बताया गया कि रात 8 बजे के बाद भी ओएमआर शीट की स्कैनिंग होती थी। साथ ही ओएमआर शीट से छेड़छाड़ भी की गई थी। इसके साथ ही ईडी की चार्जशीट के बाद अब एचसीएस अधिकारी अनिल नागर की मुश्किलें बढ़ेंगी।
By Anurag AggarwaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Thu, 09 Nov 2023 10:38 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में पूर्व में हुए डेंटल सर्जन भर्ती परीक्षा घोटाले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की एफआईआर ने कई हैरान कर देने वाली जानकारियां उजागर की हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने पंचकूला की अदालत में दायर रिपोर्ट में कहा है कि डेंटल भर्ती परीक्षा की ओएमआर शीटों में छेड़छाड़ की गई थी।
ईडी का यह केस एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा 17 नवंबर 2021 को एचसीएस अनिल नागर समेत कई लोगों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है। इस मामले में कुल 3.30 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे, जिनमें से 1.08 करोड़ रुपये हरियाणा लोक सेवा आयोग ने अनिल नागर के कमरे से बरामद करने का दावा किया गया था।
इसके अलावा नागर के दोस्त आशीष कुमार और उसके पिता सतीश गर्ग के आवास से 66 लाख रुपये बरामद किए गए, जबकि अन्य 1.44 करोड़ रुपये आशीष ने सरेंडर कर दिए। ईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि नागर के घर से 12 लाख रुपये और बरामद किए गए।
एंटी करप्शन ने नागर को किया गिरफ्तार
एफआईआर में आरोपित व्यक्ति की कंपनी मेसर्स पारू डेटा साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को एचपीएससी से ओएमआर शीट स्कैन करने का ठेका मिला था। 18 नवंबर 2021 को उसकी गिरफ्तारी पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने नागर से संपर्क कराया और उन्हें बताया कि वह एक स्कैनिंग मशीन लाए थे। वह नागर के कार्यालय में आया और ट्राली बैग छोड़ गया। बैग नकदी से भरा था। इसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने नागर के दफ्तर पर छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।प्रवर्तन निदेशालय ने एक फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि डेंटल सर्जन भर्ती परीक्षा के लिए 13 नवंबर 2021 में आयोजित हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) की प्रारंभिक परीक्षा के लिए 15 उम्मीदवारों की ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन शीट के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
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