Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंचकूला में 180 फीट ऊंचे रावण के पुतले का होगा दहन, मुस्लिम कारीगर कर रहे तैयार

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 06:58 PM (IST)

    पंचकूला में इस बार ट्राईसिटी का सबसे ऊंचा 180 फीट का रावण जलाया जाएगा। पहली बार रावण के साथ मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले भी जलेंगे जिनमें 5000 पटाखों का इस्तेमाल होगा। पुतलों का दहन रिमोट कंट्रोल से होगा और इको-फ्रेंडली आतिशबाजी भी की जाएगी। उत्तर प्रदेश से आए मुस्लिम कारीगर इन पुतलों को बना रहे हैं। पंचकूला में कई जगहों पर रामलीला का आयोजन भी होगा।

    Hero Image
    पुतलों को तैयार करने के लिए बीते तीन महीने से कारीगर लगे हुए हैं।

    अखिल वोहरा, पंचकूला।  इस बार सेक्टर-5 स्थित शालीमार ग्राउंड में दशहरा उत्सव कुछ खास रहेगा। ट्राईसिटी का सबसे ऊंचे 180 फीट रावण के पुतले का दहन होगा। पहली बार रावण के साथ-साथ 100-100 फीट ऊंचे मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले भी अग्नि के हवाले किए जाएंगे। मुस्लिम कारीगर पुतलों को तैयार कर रहे हैं। तीनों पुतलों में कुल 5,000 पटाखों का इस्तेमाल होगा, जिनमें 3,000 पटाखे रावण में और 1,000-1,000 मेघनाद व कुंभकर्ण में लगाए जाएंगे। इस भव्य आयोजन पर करीब 50 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुतलों को तैयार करने के लिए बीते तीन महीने से कारीगर लगे हुए हैं। माता मानसा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट दशहरा समिति के अनुसार ट्राईसिटी का सबसे ऊंचा 180 फीट का रावण यहीं तैयार हो रहा है। समिति के सदस्यों ने बताया कि लोगों की लगातार मांग थी कि तीनों पुतले एक साथ जलें, इसलिए इस बार खास इंतजाम किए गए हैं। इस बार आतिशबाजी का नजारा भी बेहद शानदार होगा।

    पुतलों का दहन होगा रिमोट कंट्रोल से

    इस बार दशहरा उत्सव में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशालकाय पुतलों का दहन रिमोट कंट्रोल से किया जाएगा। यह आयोजन दर्शकों के लिए रोमांच और आधुनिकता का अनोखा संगम पेश करेगा। पुतलों के मुंह से आग के गोले निकलेंगे, जो कार्यक्रम में मौजूद लोगों को चौंकाने और आकर्षित करने का काम करेंगे।

    पुतलों के दहन से पहले विशेष रूप से तैयार की गई एको-फ्रेंडली आतिशबाजी भी की जाएगी, जो वातावरण को प्रदूषण से बचाने के साथ-साथ रंग-बिरंगी रोशनी और धमाकों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगी। इस अनोखी तकनीक और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील प्रयासों के कारण इस बार का दशहरा आयोजन और भी भव्य और यादगार होने जा रहा है।

    पुतलों को अंतिम रूप देने का काम जोरों पर

    इन पुतलों को तैयार करने में कुल तीन महीने का समय लग रहा है और फिलहाल अंतिम रूप देने का काम जोरों पर है। माता मानसा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट दशहरा कमेटी के जनरल सक्रेटरी संदीप गुप्ता ने बताया कि इस बार लोगों के उत्साह को देखते हुए तीनों पुतले तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास ट्राईसिटी का सबसे बड़ा 180 फुट का रावण है। दर्शकों की मांग रही कि तीनों पुतले हों, इसलिए हमने मेघनाद और कुंभकर्ण को भी शामिल किया।

    उत्तर प्रदेश के आगरा से आए हैं कारीगर

    पुतलों को बनाने का काम उत्तर प्रदेश के आगरा से आए 25 मुस्लिम कारीगर कर रहे हैं। वे कई दिनों से पंचकूला के शालीमार ग्राउंड में तंबू लगाकर रह रहे हैं और उनका भोजन माता मानसा देवी मंदिर से ही उपलब्ध कराया जा रहा है। इन कारीगरों का कहना है कि वे पहले भी दिल्ली और देश के कई हिस्सों में रावण के पुतले बना चुके हैं। कारीगरों रईसुद्दीन ने बताया, कि हम अलग-अलग राज्यों में ठेके पर जाकर पुतले बनाते हैं।

    बता दें कि पिछले साल पंचकूला में रावण के 155 फुट ऊंचे पुतले का दहन  किया गया था। उस समय 181 फुट का पुतला तैयार किया गया था, लेकिन तेज हवाओं के कारण वह गिर गया और ऊंचाई घटाकर 155 फुट करनी पड़ी थी। इस बार समिति ने और अधिक मजबूती व सुरक्षा का ध्यान रखते हुए 180 फुट का पुतला तैयार कराया है।