Haryana: 15 दिनों में मिलेगा सरकारी जमीन पर 20 साल से काबिज लोगों को मालिकाना हक, सीएम मनोहर लाल ने लेटलतीफी पर जताई नाराजगी
हरियाणा में अब 15 दिन में सरकारी जमीन पर 20 साल से काबिज लोगों को मकान और दुकानों का मालिकाना हक मिल जाएगा। राज्य में अभी तक सिर्फ 99 लोगों को संपत्ति पर मालिकाना हक मिला है। 901 लोगों के आवेदन पर निर्णय लंबित है जिसको लेकर सीएम मनोहर लाल ने नाराजगी जताई है। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने लेटलतीफी पर भी चिंता जताई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्ड एवं निगमों तथा शहरी निकायों की जमीन पर बनी दुकानों व मकानों पर पिछले 20 सालों से काबिज लोगों को मालिकाना हक मिलने में हो रही देरी पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल नाराज हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों की बैठक बुलाकर स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन में हो रही देरी की समीक्षा की। पता चला कि अभी कई विभाग ऐसे हैं, जिन्होंने लोगों को मालिकाना हक प्रदान करने के लिए अपने-अपने विभागों के नोडल अधिकारी भी नियुक्त नहीं किए।
15 दिन में संपत्ति पर मिलेगा मालिकाना हक
नई व्यवस्था के तहत अब प्रदेश में सरकारी जमीन पर 20 साल पहले बनाए गए मकान-दुकानों पर काबिज लोगों को 15 दिन में संपत्ति पर मालिकाना हक मिलेगा। सरकार द्वारा बनाई गई नई पालिसी के तहत अभी तक एक हजार लोगों ने ऐसी संपत्ति पर मालिकाना हक मांगा है। इनमें से सिर्फ 99 लोगों को ही सरकारी जमीन पर बने मकान-दुकानों का मालिकाना हक मिला है, जबकि 901 लोगों के आवेदन पर अधिकारियों के स्तर पर निर्णय लंबित है, जिन पर अगले एक पखवाड़े में फैसला लेना होगा।
शहरी निकाय विभाग में नामित नहीं नोडल अधिकारी
मुख्य सचिव संजीव कौशल को जानकारी दी गई कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्टेट नोडल अधिकारी नामित किए जा चुके हैं। मुख्य सचिव ने सबसे अधिक चिंता इस बात पर जताई कि विशेष रूप से जिस शहरी निकाय विभाग की यह योजना है, उसी ने अभी तक नोडल अधिकारी नामित नहीं किए। संजीव कौशल ने निर्देश दिए कि बाकी बचे सभी विभागों के निदेशक या महानिदेशक स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन के लिए स्वयं स्टेट नोडल अधिकारी होंगे, क्योंकि उन्होंने निर्णय लेने में देरी की है।
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मालिकाना हक को लेकर सीएम ने जताई नाराजगी
मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने स्वामित्व योजना के तहत सरकारी विभागों की जमीन पर 20 साल से काबिज लोगों को विभागीय प्रक्रिया अपनाते हुए मालिकाना हक प्रदान करने का निर्णय लिया था, लेकिन इसका सही ढंग से अनुपालन नहीं हो रहा है, जो कि चिंता का विषय है। इससे मुख्यमंत्री नाराज हैं। कौशल ने जिन विभागों के लिए स्टेट नोडल अधिकारी नियुक्त किए जा चुके हैं, उनके द्वारा भी मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए आने वाले आवेदनों पर त्वरित निर्णय नहीं लिए जाने पर चिंता जाहिर की।
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