मनोहर मंत्रिमंडल में हाेगा फेरबदल, कुछ के विभाग बदलेंगे व दो-तीन होंगे बाहर
हरियाणा की मनोहरलाल मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल हो सकता है। करीब छह मंत्रियों के विभाग बदल सकते हैं और दाे से तीन मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 08 Jul 2016 02:04 PM (IST)
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। केंद्र में मंत्रिमंडल में बदलाव के बाद हरियाणा में भी इसकी सुगबुगाहट है। राज्य के मनोहरलाल मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा है। कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जा सकती है और दो-तीन मंत्रियों की छुट्टी की तैयारी है। बताया जाता है कि प्रदेश सरकार के मंत्रियों के कामकाज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की निगाह है। राज्य के मंत्रियों के कामकाज का पूरा रिपोर्ट कार्ड उनके पास पहुंच रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आैर केंद्रीय नेतृत्व की मंत्रियों पर नजर, हो रहा है आकलन राज्य के गोल्डन जुबली समारोह के लिए तैयार हो रही फ्लैगशिप योजनाएं मंत्रियों के कामकाज के आकलन का बड़ा आधार बनेंगी। मंत्रिमंडल में फेरबदल के समय इस पर गौर किया जाएगा। इसके बाद राजधानी में राजनीति गलियारों में मंत्रियों को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। भाजपा में भी पूरे मामले में गतिविधियां तेज हो गई हैं। प्रदेश सरकार राज्य की गोल्डन जुबली पर हरियाणा के किसी सेंटर प्वाइंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली करने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री का समय लेने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अधिकृत किया गया है। इस दिन प्रदेश सरकार कम से कम 50 नई योजनाओं की शुरूआत करने वाली है। अधिकतर योजनाएं वे होंगी, जिन्हें पूरा करने के लिए भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में वादा कर रखा है।
केंद्रीय नेतृत्व के पास पहुंच रहा राज्य के मंत्रियों का पूरा रिपोर्ट कार्ड गोल्डन जुबली समारोह के लिए सभी मंत्रियों को फ्लैगशिप योजनाएं तैयार करने तथा निरंतर उनका फालोअप करने के निर्देश दिए गए हैैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कई मंत्री अपने इस काम को लेकर खासे गंभीर हैैं तो कुछ इन्हें हलके ढंग से ले रहे हैैं।
पढ़ें : हरियाणा में भी सीपीएस की नियुक्ति पर विवाद, मामला हाई कोर्ट में पिछले दिनों मंत्रियों के कामकाज में बदलाव होने की आवाज उठी थी, लेकिन जाट आरक्षण आंदोलन पर प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट और ढींगरा आयोग का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद मामला कुछ समय के लिए शांत हो गया था।पढ़ें : गोल्डन जुबली पर मनाेहर सरकार देगी 50 याेजनाओं की सौगात केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल के बाद अब हरियाणा में भी बदलाव के आसार बन रहे हैं। सरकार ने मंत्रियों की कार्यशैली के बारे में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कुछ लोगों से फीडबैक हासिल किया है। मंत्रियों के साथ-साथ विधायकों के बारे में भी जानकारी जुटाई गई है। इस फीडबैक के आधार पर देर-सबेर मंत्रियों के विभागों में बदलाव संभव है। कुछ मंत्रियों की प्रमोशन हो सकती है तो कुछ का वजन हलका होगा और कुछ को संगठन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। संभावना है कि करीब छह मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैैं। दो से तीन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर कर उनके स्थान पर नए विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया सकता है। इसके लिए कई विधायक मुख्यमंत्री के साथ-साथ केंद्रीय नेतृत्व के पास लामबंदी करने में जुटे हुए हैैं। केंद्रीय नेतृत्व राज्य के संगठनात्मक ढांचे में भी बदलाव करने का इच्छुक बताया जा रहा है। इसके लिए पार्टी के सीनियर नेताओं और आरएसएस के प्रमुख नेताओं के साथ चर्चा चल रही है। प्रदेश सरकार पर किसी भी बड़े बदलाव से पहले बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैन घोषित करने का दबाव है। मनोहरलाल सरकार हालांकि धीरे-धीरे इस काम को अंजाम दे रही है, लेकिन चेयरमैनी के तलबगारों ने अपने आकाओं के जरिए दबाव बढ़ाया हुआ है।----------बीरेंद्र के लिए चुनौती, राव इंद्रजीत के लिए खुलकर खेलने का मौका
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हरियाणा से राज्यसभा सदस्य व मोदी सरकार में शामिल चौधरी बीरेंद्र सिंह के लिए नए इस्पात मंत्रालय का कामकाज किसी चुनौती से कम नहीं होगा। देश का इस्पात क्षेत्र वर्ष 2008 से ही मंदी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में बीरेंद्र सिंह के सामने इस क्षेत्र को मंदी से उबारने की बड़ी चुनौती है। बीरेंद्र सिंह के राजनीतिक विरोधी उनसे ग्रामीण विकास मंत्रालय वापस लेने को हालांकि जाट आरक्षण आंदोलन में उनकी भूमिका तथा राज्य सरकार के साथ टशन से जोड़कर देख रहे हैैं, लेकिन विश्लेषक मान रहे कि बीरेंद्र को इस्पात मंत्रालय को घाटे से उबारने की जिम्मेदारी केंद्र की रणनीति का हिस्सा है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के काम करने का दायरा बढ़ाकर उन पर भी भरोसा जताया गया है। राव से रक्षा राज्य मंत्री का काम लेकर शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय का राज्य प्रभार कर उन्हें आम लोगों के बीच खुलकर काम करने का मौका दिया गया है। राव की अब गुडग़ांव को स्मार्ट सिटी बनाने कवायद भी आसान हो गई है।हरियाणा की राजनीति की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हरियाणा से राज्यसभा सदस्य व मोदी सरकार में शामिल चौधरी बीरेंद्र सिंह के लिए नए इस्पात मंत्रालय का कामकाज किसी चुनौती से कम नहीं होगा। देश का इस्पात क्षेत्र वर्ष 2008 से ही मंदी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में बीरेंद्र सिंह के सामने इस क्षेत्र को मंदी से उबारने की बड़ी चुनौती है। बीरेंद्र सिंह के राजनीतिक विरोधी उनसे ग्रामीण विकास मंत्रालय वापस लेने को हालांकि जाट आरक्षण आंदोलन में उनकी भूमिका तथा राज्य सरकार के साथ टशन से जोड़कर देख रहे हैैं, लेकिन विश्लेषक मान रहे कि बीरेंद्र को इस्पात मंत्रालय को घाटे से उबारने की जिम्मेदारी केंद्र की रणनीति का हिस्सा है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के काम करने का दायरा बढ़ाकर उन पर भी भरोसा जताया गया है। राव से रक्षा राज्य मंत्री का काम लेकर शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय का राज्य प्रभार कर उन्हें आम लोगों के बीच खुलकर काम करने का मौका दिया गया है। राव की अब गुडग़ांव को स्मार्ट सिटी बनाने कवायद भी आसान हो गई है।हरियाणा की राजनीति की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें