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Haryana Police: पुलिस के आलाधिकारियों को नहीं मिलेगी छुट्टी, DGP ने इस कारण जारी किए आदेश

हरियाणा में एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के चलते आईपीएस-एचपीएस सहित तमाम पुलिस अधिकारियों की छुट्टियों को रद कर दिया गया है। ये आदेश डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने जारी किया है। इस आदेश के चलते 31 जुलाई तक सिर्फ आपात परिस्थिति में पुलिस अधिकारी अवकाश ले सकेंगे। हरियाणा में अपराध का बढ़ता ग्राफ डीजीपी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

By Sudhir Tanwar Edited By: Deepak Saxena Updated: Sat, 22 Jun 2024 07:25 PM (IST)
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हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने आलाधिकारियों की छुट्टियां की रद (फाइल फोटो)।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में आईपीएस-एचपीएस सहित तमाम पुलिस अधिकारियों को अब 31 जुलाई तक कोई छुट्टी नहीं मिलेगी। इस दौरान केवल आपात परिस्थितियों में ही उन्हें अवकाश मिलेगा। एक जुलाई से लागू हो रहे तीन नए आपराधिक कानूनों के चलते पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने सभी पुलिस अधिकारियों की छुट्टियां रद कर दी हैं।

तीन नए आपराधिक कानून के चलते रद की गई छुट्टियां

दरअसल, जिलों में तैनात आईपीएस-एचपीएस अधिकारियों और सुपरवाइजरी आफिसर्स की ओर से छुट्टी के लिए लगातार आवेदन पुलिस मुख्यालय भेजे जा रहे हैं। चूंकि अगले महीने तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं, इसलिए पुलिस अधिकारियों को 31 जुलाई तक छुट्टी नहीं मांगने का निर्देश दिया गया है।

पहली जुलाई से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (2023), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (2023) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (2023) लागू होंगे। कानूनों में बदलाव के चलते कई तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं, जिन्हें हल करने के लिए पर्यवेक्षी अधिकारियों को ऑफिस और फील्ड में मौजूद रहना होगा। इसलिए पुलिस अधिकारियों की छुट्टियां रद की गई हैं।

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अपराध का बढ़ता ग्राफ बन रहा DGP की चिंता

केंद्र के तीन नए कानूनों को लेकर डीजीपी की चिंता की वजह अपराध का बढ़ता ग्राफ है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार 2022 में प्रदेश में 2.43 लाख आपराधिक मामले दर्ज हुए थे जो साल 2021 से 17.6 प्रतिशत अधिक हैं। बच्चों के खिलाफ अपराधों में भी 7.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में साल 2022 में बाल अपराध के 6138 मामले दर्ज किए गए जो साल 2021 में 5700 और 2020 में 4338 थे। हरियाणा में पाक्सो एक्ट के तहत 1272 बच्चियों के यौन शोषण के मामले भी दर्ज हुए हैं। इसके अलावा 68 लड़कों को भी शोषण का शिकार बनाया गया है।

हरियाणा में महिलाओं से दुष्कर्म और बच्चों के खिलाफ अपराध के 57.2 प्रतिशत मामलों में अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने की दर भी काफी खराब रही है। बच्चों के खिलाफ अपराधों में आरोप पत्र दाखिल करने की दर साल 2022 में महज 41.6 प्रतिशत रही है।

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