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हरियाणा में शराब के अवैध कारोबार से सियासी कनेक्शन, JJP नेता राणा की गिरफ्तारी से बड़े संकेत

हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान शराब की तस्‍करी का सियासी कनेक्‍शन के संकेत मिले हैं। जजपा नेता और पूर्व विधायक सतविंदर राणा से सियासत गर्मा गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 15 May 2020 09:31 AM (IST)
हरियाणा में शराब के अवैध कारोबार से सियासी कनेक्शन, JJP नेता राणा की गिरफ्तारी से बड़े संकेत
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में लॉकउाउन के दौरान शराब तस्‍करी और अवैध कारोबार का राजनीतिक कनेक्शन सामने आ गया है। हरियाणा पुलिस द्वारा शराब तस्कर भूपेंद्र के बाद अब जजपा नेता व पूर्व विधायक सतविंद्र सिंह राणा की गिरफ्तारी के बाद इसके बड़े संकेत मिले हैं। सतविंदर राणा कैथल जिले के राजौंद हलके से दो बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे हैं। 2019 का विधानसभा चुनाव राणा ने कैथल जिले के ही कलायत हलके से जननायक जनता पार्टी के टिकट पर लड़ा था और हार गए थे। जजपा संरक्षक एवं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला हरियाणा के आबकारी एवं कराधान मंत्री हैं।

अब राणा से पुलिस रिमांड में पूछताछ में शराब के अवैध कारोबार में राजन‍ीतिक कनेक्‍शन की गहराई का खुलासा हो सकता है। समझा जा रहा है शराब की लपट में कई बड़े लोग आ सकते हैं। बता दें कि पानीपत सीआइए-टू ने बृहस्पतिवार को आरोपित सतविंद्र राणा को समालखा स्थित एसडीजेएस (सीनियर डिविजन ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट) गायित्री की अदालत में कोर्ट में पेश किया और तीन दिन का रिमांड मांगा। अदालत ने दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।

हरियाणा पुलिस पहले ही कर चुके शराब माफिया भूपेंद्र को गिरफ्तार, कांग्रेसियों से जोड़े गए थे तार

राणा की गिरफ्तारी पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज किसी भी तरह की टिप्पणी से बच रहे हैं। बताया जाता है कि राणा कल किसी काम से अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिलने आए थे। जजपा नेताओं से मिलकर लौटने के बाद उन्हेंं एमएलए हास्टल परिसर से गिरफ्तार किया गया है। पानीपत की सीआइए पुलिस राणा को गिरफ्तार करने चंडीगढ़ आई थी। पूर्व विधायक पर हाथ डालने से पहले पुलिस ने हरियाणा सरकार को भरोसे में नहीं लिया होगा, ऐसा संभव नहीं है, लेकिन गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि उन्हेंं इस बारे में कुछ भी मालूम नहीं है।

सीएमओ को जानकारी दिए बिना पूर्व विधायक की गिरफ्तारी संभव नहीं, गृह मंत्री विज ने साधी चुप्पी

सतविंद्र राणा को कहां से और कब गिरफ्तार किया गया, इस बारे में भी गृह मंत्री विज कोई टिप्पणी नहीं कर रहे। उनका कहना है कि सीनियर आइएएस अधिकारी टीसी गुप्ता के नेतृत्व में एसआइटी बना दी गई है। उसे 31 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। एसआइटी दो साल में जब्त की गई शराब, उसकी बिक्री, शराब ठेकेदारों के स्टाक और बिक्री की जांच पड़ताल कर पूरी रिपोर्ट देगी।

एक सवाल के जवाब में विज ने कहा कि राणा की गिरफ्तारी के बारे में उन्हेंं पुलिस के किसी आला अधिकारी ने पहले कोई सूचना नहीं दी गई। यह अधिकार क्षेत्र मुख्यमंत्री का है। उन्हेंं बताया गया या नहीं, इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है।

बताया जाता है कि सतविंद्र राणा को शराब चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी को शराब घोटाले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। पानीपत के आबकारी विभाग ने 22 सितंबर 2016 को एक फर्म को दिए गए एल-वन लाइसेंस को रद कर दिया था। आबकारी विभाग द्वारा समालखा स्थित गोदाम को सील कर दिया गया। इस सील गोदाम से अप्रैल 2018 में 4500 पेटियां शराब चोरी हो गई। इस मामले में समालखा थाने में पहले से केस दर्ज है।

इस बीच लॉकडाउन के दौरान भी हाल ही में इसी गोदाम की सील तोड़कर शराब चोरी हुई है। इस मामले में पानीपत पुलिस द्वारा कथूरा निवासी रजनीश, जागसी निवासी सुधीर, कुतबपुर निवासी सोमबीर, सोनीपत के गांव शामड़ी निवासी ईश्वर, रोहतक जिले के गांव धामड़ निवासी मोनू, झज्जर जिले के मांडौठी गांव निवासी दीपक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

बताया जाता है कि सोनीपत के शामड़ी निवासी ईश्वर के बयान के आधार पर ही पूर्व विधायक राणा को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के अनुसार राणा बुधवार को चंडीगढ़ में ही थे। यहां पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करने के बाद जैसे ही घर वापसी के लिए रवाना होने लगे तो पुलिस ने उन्हेंं दबोच लिया। पानीपत क्राइम ब्रांच-2 के प्रभारी दीपक कुमार के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम चंडीगढ़ पहुंच गई थी। पानीपत पुलिस ने चंडीगढ़ के सेक्टर-तीन थाना प्रभारी जसपाल सिंह से संपर्क किया। पानीपत पुलिस की टीम ने चंडीगढ़ पुलिस को सूचित कर पूर्व विधायक को हिरासत में ले लिया।

चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि वह इस गिरफ्तारी की कार्रवाई में शामिल नहीं हुई। कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद पुलिस राणा को लेकर रवाना हो गई। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पूर्व विधायक सतविंद्र राणा को पहले चेक बाउंस मामले में कोर्ट में उपस्थित न होने के कारण भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। पंचकूला की जिला अदालत ने 30 अक्टूबर 2018 को चंडीगढ़ निवासी संदीप सेठी को दिए गए 40 लाख रुपये के चार चेक बाउंस होने पर भगोड़़ा घोषित किया था।

कांग्रेस और बसपा के बाद इनेलो से रहा लगाव, आखिर में जजपा से जुड़े राणा

सतविंद्र राणा हरियाणा की राजनीति में सक्रिय चेहरा है। पूर्व विधायक राणा पहले कांग्रेस पार्टी में थे, जिसके बाद अब उन्होंने जननायक जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। वर्ष 1996 और 2005 में कैथल के राजौंद हलके से विधायक बने थे। राणा मूल रूप से कैथल के गांव राजौंद के रहने वाले हैं। पिछले परिसीमन में राजौंद कलायत हलके में शामिल हो चुका है। राणा वर्ष 2007 से 2014 तक कांग्रेस में प्रदेश महासचिव रहे है।

दुष्‍यंत चौटाला के साथ सतविंद्र राणा। (फाइल फोटो)

2014 में जब उन्हेंं कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो वह पार्टी से बागी हो गए और बसपा की टिकट पर कालका से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। बागी होने के कारण कांग्रेस ने उन्हेंं पार्टी से बाहर कर दिया। इसके बाद उनका झुकाव इनेलो की तरफ भी रहा। इस बीच दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद राणा जजपा में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हेंं कलायत से चुनाव मैदान में उतार दिया। राणा को करीब 37 हजार वोट मिले लेकिन वह हार गए।

सतविंद्र राणा के नाम पर एमएलए हॉस्टल में नहीं बुक हुआ कमरा

हरियाणा पुलिस द्वारा बुधवार की रात चंडीगढ़ में दबिश देकर पूर्व विधायक को गिरफ्तार किए जाने के बाद राजनीति के गलियारों में शराब तस्करी के मुद्दे पर नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सतविंद्र राणा जिस भी पार्टी में रहे हों वहां उन्होंने बहुत कम समय में बड़ा मुकाम हासिल किया है। कांग्रेस में रहते हुए राणा ने कई अहम पदों पर जिम्मेदारी निभाई। पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि राणा की गिरफ्तारी एमएलए हॉस्टल परिसर से हुई है। वह चंडीगढ़ में आए हुए थे।

राणा की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस द्वारा बताई जा रही कहानी में पूरी तरह से पेंच है। जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के चलते एमएलए हॉस्टल में इन दिनों न तो कोई कमरा बुक किया जा रहा है और न ही किसी को यहां रूकने की इजाजत है। एमएलए हॉस्टल की कैंटीन भी पिछले कई दिनों से बंद है।

एमएलए हॉस्टल के आवासीय क्षेत्र और मुख्य द्वार के बीच खासा फासला है। किसी भी व्यक्ति की मुख्य द्वार से आगे एंट्री नहीं होती है। ऐसे में पुलिस की कहानी को अगर सही माना जाए तो राणा कैसे एमएलए हॉस्टल में पहुंच गए और क्या वह यहां पर रूके हुए थे, इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है। विधानसभा स्पीकर के निर्देश के बाद एमएलए हास्टल में किसी को प्रवेश की इजाजत नहीं है। बता दें कि दिवंगत विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के एक गांव के जान पहचान के व्यक्ति को नशे के सामान के साथ एमएलए हास्टल से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद यहां एंट्री बंद हो गई थी।

मामला शराब कंपनी से भी जुड़ा, कद्दावर नेता के घर के बाहर से दबोचा

पूर्व विधायक सतविंद्र राणा की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक गलियारों में जो चर्चा चल रही है उसके अनुसार राणा कथित तौर पर एक शराब कंपनी का सीएंडएफ संभालते हैं। लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले में इस कंपनी की शराब बेचे जाने की बात सामने आई है। उक्त कंपनी द्वारा एक्साइज टैक्स की अदायगी नहीं की गई थी। इसी सिलसिले में राणा चंडीगढ़ में एक कद्दावर नेता से मिलने के लिए आए थे और पुलिस ने उन्हेंं उसी कद्दावर नेता के आवास के बाहर से ही दबोच लिया।

शराब माफिया भूपेंद्र से रिश्तों को भी खंगाला जा रहा : एसपी

एसपी मनीषा चौधरी ने बताया कि पूर्व विधायक सतविंद्र राणा और ईश्वर ङ्क्षसह की समालखा स्थित एल-1 का गोदाम में साझीदारी थी। रिमांड को दौरान आरोपित राणा से गोदाम से संबंधित दस्तावेज, चोरी की गई शराब कहां-कहां बेची, गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं, का पता लगाया जा रहा है। इन लोगों के सोनीपत के खरखौदा के शराब माफिया भूपेंद्र सिंह से साथ संबंध थे, इस सवाल पर कहा कि प्रारंभिक जांच में इनके संबंध सामने नहीं आए हैं।

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