गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा में मुनाफे में आई बिजली कंपनियां, सर्वोत्तम प्रदर्शन वाले शीर्ष चार राज्यों में हुआ शामिल
हरियाणा में लोगों ने कुंडी छोड़कर बिल भरने शुरू कर दिए हैं। इससे बिजली कंपनियां मुनाफे में आ गई हैं। म्हारा गांव-जगमग गांव योजना का असर दिख रहा है। हरियाणा सर्वोत्तम प्रदर्शन वाले शीर्ष चार राज्यों में शामिल हो गया है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 18 Nov 2021 06:08 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में 'म्हारा गांव-जगमग गांव' योजना का असर दिखने लगा है। बिजली चोरी और कुंडी कनेक्शन की आदत छोड़कर ज्यादातर लोग नियमित रूप से बिल भर रहे हैं। बिजली क्षेत्र में सुधारों को लेकर हरियाणा सात वर्षों में 18वें पायदान से छलांग लगाते हुए चौथे नंबर पर पहुंच गया है। नतीजतन, लगातार घाटे में चल रही बिजली कंपनियां अब मुनाफे में आ गई हैं। इस साल भी बिजली कंपनियों को करीब दो हजार करोड़ रुपये का मुनाफा होने की उम्मीद है।
एक दौर था जब हरियाणा में कभी 'न मीटर होगा-न रीडर' जैसे नारों का बोलबाला था। बिजली बिल माफ करने की घोषणाएं आम थी। बदले निजाम में अब लोग बिल माफी का इंतजार नहीं करते। उपभोक्ताओं को समझ आ गया है कि समय पर बिल भरेंगे तो 24 घंटे बिजली भी मिलेगी। जुलाई-2015 में कुरुक्षेत्र के 'दयालपुर' गांव से शुरू की गई 'म्हारा गांव-जगमग गांव' योजना के नतीजों से अब केंद्र सरकार भी काफी प्रभावित है। इस योजना से जहां गांव में लोगों को 24 घंटे बिजली मिली, वहीं राज्य सरकार को शाबासी।
पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हरियाणा सरकार द्वारा बिजली क्षेत्र में किए गए सुधार व नई योजनाओं को लेकर न सिर्फ तारीफ की, बल्कि दूसरे राज्यों को भी इसका अनुसरण करने को कहा है। दो माह पहले आई नीति आयोग की रिपोर्ट में भी हरियाणा के उल्लेखनीय प्रदर्शन को लेकर तारीफ की गई है। रिपोर्ट में बाकायदा बिजली कंपनियों के तत्कालीन प्रबंध निदेशक रहे आइपीएस अधिकारी शत्रुजीत कपूर के नेतृत्व की भी प्रशंसा की गई है।
मुख्यमंत्री ने पहली बार बिजली कंपनियों में आइपीएस अधिकारी को लगाने का प्रयोग किया था। यह कामयाब रहा। सुधार के इन कार्यक्रमों को पिछले दो वर्षों से बिजली मंत्री होने के नाते रणजीत सिंह चौटाला आगे बढ़ा रहे हैं। बिजली चोरी के मामलों को पकड़ने के लिए नौ महीनों में तीन बार छापेमारी का फायदा यह हुआ कि हजारों प्रतिष्ठानों में बिजली चोरी पकड़ी गई। करोड़ों रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
हरियाणा की बिजली कंपनियों पर 2014-15 के दौरान लगभग 32 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था। इसी दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने 'उदय' योजना की शुरूआत की। हरियाणा ने इसे सबसे पहले अपनाया। बिजली कंपनियों का 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्जा सरकार ने अपने सिर लिया। अकेले इसी फैसले से चार हजार करोड़ से अधिक का लाभ हुआ। दरअसल, बिजली कंपनियों के ऊपर जो कर्जा था, उसका ब्याज अधिक था। वहीं सरकार ने जब कर्ज अपने सिर लिया तो ब्याज दर कम हो गई।
ऐसे घटा लाइनलासवर्ष लाइनलास2014-15 29.012015-16 30.022016-17 25.432017-18 20.292018-19 17.452019-20 17.172020-21 16.222021-22 15.00 (प्रस्तावित)(नोट : एटी एंड सी (टेक्निकल एंड कमर्शियल लास प्रतिशत में है)जगमग हुए 5487 गांव
हरियाणा के 7045 गांवों में से 5487 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। आधे से अधिक जिलों में 24 घंटे आपूर्ति हो रही है। गुरुग्राम व पंचकूला को 'कट-फ्री' जिला बनाने की योजना पर काम चल रहा है। बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला कहते हैं कि बिजली क्षेत्र में हरियाणा में जितना सुधार और बदलाव हुआ है, उतने किसी दूसरे राज्य में नहीं हुआ।मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सख्त फैसलों की बदौलत विभाग ने यह मुकाम हासिल किया है। पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए पहले चरण में तीन लाख करोड़ और दूसरे फेज के लिए 97 हजार करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया है। अच्छी बात यह है कि हरियाणा उन राज्यों में शामिल है, जिसके प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र ने इस पैकेज का लाभ प्रदेश को प्राथमिकता पर देने का निर्णय लिया है। हम विस्तृत कार्ययोजना बनाकर केंद्र को भेजेंगे, ताकि इस पैकेज से अधिक से अधिक पैसा प्रदेश को मिल सके।
प्रदूषण के चलते बंद हाे जाएं थर्मल पावर प्लांट तो भी नहीं होगा बिजली संकटप्रदूषण के चलते हरियाणा में अगर थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन बंद हो जाए तो भी किसी तरह का कोई बिजली संकट नहीं है। फिलहाल प्रदेश में पांच हजार मेगावाट बिजली सरप्लस है। हरियाणा के थर्मल पावर प्लांट में 2510 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है जिसमें से 1700 मेगावाट का ही इस्तेमाल होता है।
बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं है। सभी छोटे व बड़े उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में बिजली दी जा रही है। मौजूदा समय में प्रदेश सरकार के पास 12 हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध है। वहीं, एक दिन में सबसे ज्यादा सात हजार मेगावाट तक बिजली का इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में पांच हजार मेगावाट बिजली सरप्लस है। यदि थर्मल पावर प्लांट से मिलने वाली 2510 मेगावाट बिजली की प्रोडक्शन बंद भी कर दी जाती है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
बिजली मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त बिजली की उपलब्धता है। गर्मी के दिनों में जब बिजली की सबसे ज्यादा मांग थी, तब भी सभी छोटे व बड़े उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई गई। इसके उलट पड़ोसी राज्य में बिजली के लंबे-लंबे कट लगाए गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी उद्योगों को बिना बाधा के बिजली यूं ही मिलती रहेगी। वायु प्रदूषण रोकने के लिए प्रदेश सरकार लगातार कदम उठा रही है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ही फैसले लिए जा रहे हैं। इसके अलावा बिजली विभाग लगातार भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई कर रहा है। इसी कड़ी में लगभग 150 अधिकारी व कर्मचारियों को राडार पर लिया गया है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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