गति पकड़ रही कोरोना से ठिठकी सांसद आदर्श ग्राम योजना, यहां पढ़ें हरियाणा के गांवों की प्रगति रिपोर्ट
हरियाणा में कोरोना के कारण ढीली पड़ी सांसद आदर्श ग्राम योजना फिर से गति पकड़ने लगी है। प्रदेश में सांसदों ने 83 गांवों को गोद लिया हुआ है। योजनाओं के क्रियान्वयन में हरियाणा देशभर में आठवें स्थान पर है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 17 May 2022 11:34 AM (IST)
सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में सांसद आदर्श ग्राम योजना के नतीजे सामने आने लगे हैं। हालांकि रफ्तार थोड़ी धीमी है। प्रदेश में दस लोकसभा सदस्यों और पांच राज्यसभा सदस्यों ने जिन 83 गांवों को गोद लिया हुआ है, उनमें 66.52 प्रतिशत प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। योजना के क्रियान्वयन में राष्ट्रीय स्तर पर आठवें स्थान पर काबिज हरियाणा पूरे उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है।
रिपोर्ट की अपलोडप्रदेश के 15 सांसदों ने वर्ष 2014 से 2019 तक 71 गांव गोद लिए थे, जबकि अगले कार्यकाल में यह ग्राफ 83 पर पहुंच गया। इनमें से 73 ग्राम पंचायतों ने विकास योजनाओं की रिपोर्ट तैयार कर सांसद आदर्श ग्राम योजना के पोर्टल पर डाली है। कुल 2,571 योजनाओं में से 1,571 को पूरा किया जा चुका है, जबकि 767 प्रगति पर हैं।
हालांकि कई गांव ऐसे हैं जिन्हें सांसदों ने गोद तो ले लिया, लेकिन इन गांवों की तस्वीर ज्यादा नहीं बदली है। सांसदों को अपनी सांसद निधि से ही इन गांवों में पैसा खर्च करना पड़ रहा है क्योंकि जिला प्रशासन के पास खर्च करने के लिए अलग से पैसा नहीं है।
हरियाणा में दस लोकसभा सदस्य हैं। सभी भारतीय जनता पार्टी से हैं। इनमें रतन लाल कटारिया, कृष्णपाल गुर्जर, राव इंद्रजीत सिंह, बृजेंद्र सिंह, संजय भाटिया, नायब सिंह सैनी, डा. अरविंद कुमार, सुनीता दुग्गल और रमेश चंद्र शामिल हैं।
फरीदाबाद से सांसद कृष्णपाल गुर्जर और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह केंद्र सरकार में मंत्री हैं। इसी तरह पांच राज्यसभा सदस्य हैं जिनमें दुष्यंत गौतम, रामचंद्र जांगड़ा और डीपी वत्स भाजपा तथा दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस से हैं जबकि डा. सुभाष चंद्रा निर्दलीय हैं। अच्छी बात यह कि प्रदेश के सभी सांसदों ने गांव गोद लिए हुए हैं। इन गांवों में स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कौशल विकास, बुनियादी सुविधाएं, सामाजिक न्याय व सुशासन जैसे कार्योको पूरी कराना सांसदों की जिम्मेदारी है।
मिसाल बना सुभाष चंद्रा का गोद लिया गांव किशनगढ़राज्यसभा सदस्य और ख्यात उद्योगपति डा. सुभाष चंद्रा द्वारा गोद लिए गए हिसार जिले के किशनगढ़ गांव की सफलता की कहानी को केंद्र सरकार ने मिसाल के तौर पर चुना है। डा. चंद्रा ने गोद लिए पांच गांवों का एक समूह ‘सबका’ बनाया है। सबका मतलब सदलपुर, आदमपुर, बरवाला खरा, किशनगढ़ और आदमपुर मंडी।
किशनगढ़ में सबसे पहले ग्राम विकास समिति को सशक्त बनाया गया जिसने विकास परियोजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से करना सुनिश्चित किया। इससे बुनियादी ढांचे से लेकर शिक्षा व कृषि क्षेत्र तक में लगातार सुधार आ रहे हैं। युवाओं को रोजगार और महिला सशक्तीकरण की दिशा में गुणात्मक परिवर्तन दर्ज किए जा रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।